बदलने लगा है बिहार में राजनीतिक मौसम

- टिकट बंटवारे में असंतोष की गूंज, जदयू में जूतमपैजार
- उपेन्द्र कुशवाहा, प्रशांत किशोर और चिराग पासवान के साथ जीतन राम मांझी के फंसे पेंच
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
पटना। बिहार में सियासत का रंगमंच सज चुका है। टिकट वितरण और गठबंधन की चाश्नी में उलझे बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार कि पटकथा पहले से कहीं ज्यादा उलझी, रोमांचक और विस्फोटक दिखायी दे रही है। हालांकि जदयू ने अपने 57 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है और देर शाम तक कांग्रेस उम्मीदवारों की सूची भी आ जाएगी। बहारहाल एनडीए कुनबे में विद्रोह की चिंगारियां धधक रही हैं, जदयू के खेमे में खटपट यहां तक है कि सांसद टिकट वितरण से नाखुश होकर अपने इस्तीफे आलाकमान को भेज रहे हैं। हम पार्टी के जीतन राम मांझी की नाराजगी खुली किताब बन चुकी है। वहीं बीजेपी के अंदरूनी समीकरणों में भी अजीब सन्नाटा पसरा है। वहीं दूसरी ओर राजद और कांग्रेस ने इस बार मैदान में उतरने से पहले ही अपनी रणनीति के पत्ते खोलने शुरू कर दिए हैं। सबसे दिलचस्प मोड़ तब आया जब प्रशांत किशोर जिन्होंने बिहार में राजनीतिक इंजीनियरिंग की बुनियाद रखी थी ने खुद को इस चुनावी अखाड़े से बाहर कर लिया है।
एनडीए में दरारें इतनी गहरी कि सिलाई बेअसर
एनडीए का कुनबा आज वैसा नहीं है जैसा कुछ साल पहले तक था। उपेन्द्र कुशवाहा की गृहमंत्री अमित शाह से डेढ़ घंटे की बंद कमरे की बैठक ने सबके कान खड़े कर दिए हैं। यह मुलाकात ऐसे वक्त में हुई जब जदयू, लोक जन शक्ति और बीजेपी के बीच सीट बंटवारे पर जमकर तनातनी चल रही है। नीतीश कुमार की पार्टी ने अपने 57 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है लेकिन भीतरघात और असंतोष हर पन्ने में दिख रहा है। नीतीश कुमार अब वही पुराने संयमी कप्तान नहीं रहे। उनकी पार्टी के वरिष्ठ नेता भी मानते हैं कि जदयू में निर्णय प्रक्रिया अब पूरी तरह से एकतरफा हो गई है। यही कारण है कि कुछ सीटों पर जदयू और बीजेपी दोनों ही अपने अपने उम्मीदवार तैयार कर रही हैं यानी भीतर ही भीतर गठबंधन के जहाज में छेद बन रहे हैं। वहीं हम प्रमुख जीतन राम मांझी का गुस्सा खुलकर सामने आ गया है। मांझी ने कहा है कि टाइगर अभी जिंदा है जो दरअसल बीजेपी और जदयू दोनों को अप्रत्यक्ष चेतावनी है कि उन्हें हल्के में न लें। मांझी का यह बयान स्पष्ट संकेत है कि वह सीट बंटवारे और सम्मानजनक हिस्सेदारी को लेकर बेहद असंतुष्ट हैं।
प्रशांत किशोर ने मैदान छोड़ा
जब सब अपने अपने झंडे थामकर मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे हैं तो प्रशांत किशोर ने यह घोषणा कर हलचल मचा दी कि वह खुद चुनाव नहीं लड़ेंगे पर अपने प्रत्याशियों के लिए कैंपेन करेंगे। यह बयान जितना सरल दिखता है उतना ही गहरा भी है। प्रशांत किशोर की टीम पहले से ही बिहार के कई जिलों में जनसुराज अभियान के तहत सक्रिय है। उनके रणनीतिक दस्ते ने 15 जिलों में डाटा कलेक्शन और मतदाता प्रोफाइलिंग पूरी कर ली है।
जदयू ने जारी कि पहली सूची असंतोष की लहर
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के मद्देनज़र जनता दल ने अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है। इस सूची में 57 विधानसभा सीटों के लिए प्रत्याशियों के नामों की घोषणा की गई है जिनमें पार्टी के कई कद्दावर नेता और मौजूदा मंत्री शामिल हैं। जेडीयू की पहली सूची में पार्टी ने मोकामा से बाहुबली नेता अनंत सिंह, सोनबरसा से मंत्री रत्नेश सदा, फुलवारी से श्याम रजक, राजगीर सीट से वर्तमान विधायक कौशल किशोर, हिलसा सीट से कृष्ण मुरारी शरण उर्फ प्रेम मुखिया को अपना उम्मीदवार बनाया है।
जल्द आ जाएगी कांग्रेस की सूची
बिहार विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस पार्टी अपने उम्मीदवारों की पहली सूची आज शाम तक जारी कर देगी। यह जानकारी कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद ने दी है। कांग्रेस सांसद ने बताया कि पार्टी ने उम्मीदवारों की सूची तैयार करी जा चुकी है। उन्होंने कहा कि किसी भी समय लिस्ट जारी कर दी जाएगी कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति की दूसरी बैठक पर कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद ने कहा कि यह कांग्रेस की दूसरी बैठक थी। इस बैठक में भी लगभग 20 से 25 नामों को मंजूरी दी गई।




