वीबी-जी राम जी पर नहीं थम रहा सियासी संग्राम

आप व कांग्रेस का भाजपा पर प्रहार

  • केंद्र सरकार गरीबों से भोजन छीनने के लिए अधिनियम लाई: भगवंत मान
  • पंजाब के लोग केंद्रीय नेताओं को उनके गांवों में प्रवेश करने की अनुमति नहीं देंगे

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
चंडीगढ़। वीबी-जी राम जी कानून पर सियासी संग्राम थम नहीं रहा है। कांग्रेस व आप का भाजपा सरकार पर वार जारी है। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने गरीबों से भोजन छीनने के लिए वीबी-जी राम जी कानून पारित किया है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार वंचित लोगों के अधिकारों पर डाका नहीं डालने देगी। मान ने नए ‘विकसित भारत-रोजगार गारंटी आजीविका मिशन-ग्रामीण’ (वीबी-जी राम जी) विधेयक को 14 घंटे के अंदर संसद में पारित कराने की कोशिशों को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि इस अधिनियम ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) की आत्मा को पूरी तरह से नष्ट कर दिया।
पंजाब में आप की सरकार ने हाल ही में संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान पारित वीबी-जी राम जी अधिनियम का विरोध करने के लिए मंगलवार को विधानसभा का विशेष सत्र आहूत किया। वीबी-जी राम जी अधिनियम ने कांग्रेस के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार के कार्यकाल में पारित किए गए मनरेगा की जगह ली है। मान ने सत्र के दौरान कहा कि नए अधिनियम का उद्देश्य दलितों, महिलाओं और सबसे गरीब परिवारों से भोजन, रोजगार व सम्मान छीनना है। उन्होंने केंद्र सरकार को जनविरोधी नीतियों को अपनाने के प्रति आगाह किया और कहा कि ऐसा करने पर पंजाब के लोग केंद्रीय नेताओं को उनके गांवों में प्रवेश करने की अनुमति नहीं देंगे। उन्होंने कहा, हम किसी भी हद तक संघर्ष करेंगे। हम गरीबों के अधिकारों पर डाका डाले जाने को बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने कहा मनरेगा को पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने सावधानीपूर्वक तैयार किया था। यह वर्षों की चर्चा के बाद पेश किया गया था। वहीं, वीबी-जी राम जी अधिनियम को संसद में कुछ ही घंटों में पारित कर दिया गया।

मनरेगा से गांधी का नाम हटाने के विरोध मेें दिग्विजय करेंगे पदयात्रा

सीहोर। केंद्र सरकार द्वारा मनरेगा योजना का नाम बदलकर वीबी-जी रामजी किए जाने के फैसले ने मध्य प्रदेश की राजनीति में भूचाल ला दिया है। इस फैसले के खिलाफ कांग्रेस अब सडक़ पर उतरने जा रही है। पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने ऐलान किया है कि वे 5 जनवरी से केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले सीहोर से पदयात्रा शुरू करेंगे। यह यात्रा केवल नाम बदलने का विरोध नहीं बल्कि गांधी के विचारों और गरिमा की रक्षा का आंदोलन होगी। दिग्विजय ने कहा कि यह लड़ाई किसी पार्टी की नहीं, बल्कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की आत्मा की लड़ाई है। सरकार योजनाओं से गांधी का नाम मिटाना चाहती है, यह देश के इतिहास और आत्मा पर हमला है। उन्होंने बताया कि पदयात्रा सीहोर जिले की किसी ग्राम पंचायत से प्रारंभ होगी, ताकि ग्रामीण भारत की आवाज सीधे दिल्ली तक पहुंचे। यह वही ग्रामीण भारत है, जिसके लिए मनरेगा योजना बनी थी और जिसने लाखों गरीब परिवारों को रोजग़ार और सम्मान दिया। कांग्रेस का आरोप है कि मनरेगा का नाम बदलना कोई प्रशासनिक फैसला नहीं, बल्कि वैचारिक हमला है। महात्मा गांधी का नाम हटाकर सरकार उस इतिहास को मिटाना चाहती है, जिसने देश को आज़ादी दिलाई और गरीबों को अधिकार दिए। लोस में इस बदलाव से जुड़ा बिल पास होते ही कांग्रेस ने इसे गांधी विरोधी कदम बताया।

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