आशा और ममता वर्कर्स का मानदेय बढ़ाने पर सियासत

  • तेजस्वी यादव का पलटवार कहा- सिर्फ नकल कर रही है सरकार

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
पटना। बिहार में आशा और ममता वर्कर्स का मानदेय बढ़ाने पर राजनीति शुरू हो चुकी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की इन वर्कर्स के लिए मानदेय बढ़ाने की घोषणा के बाद राजद के नेता तेजस्वी यादव ने सरकार को आड़े हाथों लिया है और इसका श्रेय खुद की पूर्ववर्ती पहल को दिया है। तेजस्वी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर प्रतिक्रिया देते हुए नीतीश सरकार को नकलची, थकी-हारी और दृष्टिहीन बताया। उन्होंने दावा किया कि जब वह 17 महीने तक उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री रहे, उस दौरान आशा और ममता कार्यकर्ताओं की प्रोत्साहन राशि बढ़ाने की प्रक्रिया अंतिम चरण में थी लेकिन सरकार ने तब निर्णय नहीं लिया।
राजद प्रमुख ने कहा ये निकम्मी एनडीए सरकार उस पर भी दो साल से कुंडली मार कर बैठी रही। अब आखिरकार इन्हें आशा एवं ममता कार्यकर्ताओं की प्रोत्साहन राशि बढ़ाने की हमारी इस मांग के सामने भी झुकना ही पड़ा।

सरकार ने मांग को पूर्णरूप से लागू नहीं किया है

राजद नेता ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार ने यह मांग पूर्णरूपेण लागू नहीं की है। उन्होंने कहा कि वर्कर्स को प्रोत्साहन राशि नहीं, बल्कि मानदेय मिलना चाहिए और हम इन्हें मानदेय देंगे। उन्होंने आगे कहा कि यह सरकार अब आंगनवाड़ी सेविकाओं, सहायिकाओं और रसोइयों के मानदेय में बढ़ोतरी की मांग को भी मजबूरन स्वीकार करने के लिए बाध्य होगी। वहीं तेजस्वी यादव ने कटाक्ष करते हुए लिखा, हमारी मांगों, घोषणाओं, वादों, इरादों और दावों को देखकर इस नकलची, थकी-हारी, दृष्टिहीन और विजन रहित सरकार का डर देखकर अच्छा लगता है। ये डर अच्छा है, लेकिन 20 साल तक क्या ये मूंगफली छील रहे थे? उन्होंने सवाल पूछा और कहा, यही सरकार, इनके नेता-मंत्री और अधिकारी जो हमारी घोषणा का मखौल उड़ाते थे, वो अब सत्ता जाते देख दौड़ रहे हैं।

Related Articles

Back to top button