पहलगाम में गोली चलाने वाले आतंकियों की तलाश जारी, चप्पे-चप्पे पर लगाए जा रहे पोस्टर

नई दिल्ली। पहलगाम आतंकी हमले के दोषी अभी भी फरार हैं और सुरक्षा एजेंसियां उन्हें पकडऩे की पूरी कोशिश में लगी हैं. 22 अप्रैल को हुए इस आतंकी हमले के गुनहगारों को लेकर पिछले महीने एजेसिंयों ने फोटो जारी कर दिए थे और उनके खिलाफ 20-20 लाख का इनाम भी घोषित किया था लेकिन वे अब तक पकड़ में नहीं आ सके हैं. ऐसे में इन वॉन्टेड आतंकवादियों की फोटो सार्वजनिक स्थानों पर लगा दिए गए हैं.
जम्मू-कश्मीर के बेहद खूबसूरत इलाकों में शुमार पहलगाम 22 अप्रैल अचानक तब चर्चा में आ गया जब आतंकवादियों ने वहां के बैसरन में नाम और धर्म पूछकर पर्यटकों पर ताबड़तोड़ गोलियां चला दी. इस हमले में 26 हिंदू पर्यटक मारे गए. हमले के बाद आतंकवादियों की तलाश की जा रही है. पहले उनके स्केच फिर पोस्टर जारी किए गए थे.
लेकिन अब शोपियां जिले के अलग-अलग जगहों पर इन आतंकियों के पोस्टर लगा दिए गए हैं ताकि इन्हें जल्दी से पकड़ा जा सके. साथ ही आतंकी वारदात में शामिल आतंकवादियों में से 3 आतंकियों के बारे में जानकारी भी मांगी गई है.
पहलगाम हमले में लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी वांछित हैं. इसमें पाकिस्तान से हाशिम मूसा उर्फ सुलेमान और अली भाई उर्फ तल्हा भाई शामिल हैं जबकि एक स्थानीय अनंतनाग का आदिल थोकर शामिल है.
दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के अगले ही दिन इसमें शामिल खूंखार आतंकवादियों की जानकारी देने वाले को 20-20 लाख का इनाम देने का ऐलान किया गया. साथ ही पहचान भी गुप्त रखने की बात कही गई थी. जम्मू-कश्मीर पुलिस ने आतंकी हमले के अगले दिन 23 अप्रैल को गुनहगारों को मार गिराने में सहायक सूचना देने पर 20 लाख रुपये के इनाम की घोषणा की थी.
पहलगाम में ‘मिनी स्विटजरलैंड’ के नाम से मशहूर इस पर्यटक स्थल पर आतंकवादी हमले में 26 लोग मारे गए. मृतकों में ज्यादातर पर्यटक और पुरुष थे. अनंतनाग पुलिस ने तब ङ्ग हैंडल पर अपने एक पोस्ट में कहा, इस कायरतापूर्ण कृत्य में शामिल आतंकवादियों को मार गिराने में सहायक सूचना देने वाले को 20 लाख रुपये का इनाम दिया जाएगा. साथ ही सूचना देने वाले की पहचान गुप्त रखी जाएगी.
इनाम की घोषण से कुछ देर पहले सुरक्षा एजेंसियों ने पहलगाम आतंकी हमले में शामिल होने के संदेह में 3 लोगों के स्केच जारी किए थे. तब अधिकारियों ने बताया कि ये 3 संदिग्धों का नाता पाकिस्तान से है. इनके नाम हैं आसिफ फौजी, सुलेमान शाह और अबू तल्हा. एजेंसियों के अनुसार, तीनों आतंकवादियों के ‘कोड’ नाम भी थे – मूसा, यूनुस और आसिफ.
बाद में भारत सरकार ने इस आतंकी हमले के बदले में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाया और पाकिस्तान तथा पाक अधिकृत कश्मीर में कई जगहों पर निशाना साधते हुए आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया था. हालांकि इसके बाद पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई शुरू कर दी, जिसका भारतीय सशस्त्र बलों ने माकूल जवाब दिया. करीब 3 दिन चले संघर्ष में भारत ने पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों समेत कई जगहों पर कार्रवाई की थी. संघर्ष के बाद भारत और पाकिस्तान सीजफायर पर राजी हो गए.

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