बिहार में राहुल ने पलटी बाजी, बीजेपी के प्लान पर फिरा पानी!
बिहार विधानसभा चुनावों से पहले राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं... राहुल गांधी दलित वोटों पर फोकस कर रहे हैं...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी पारा हाई चल रहा है…. कांग्रेस नेता और सांसद राहुल गांधी बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर एक्टिव मोड में नजर आ रहे हैं…. और एक के बाद एक बिहार का दौरा कर रहे हैं….. बता दें कि पंद्रह मई को राहुल गांधी का चौथा बिहार दौरा है…. और इस बार राहुल गांधी का दौरा काफी अहम माना जा रहा है…. क्योंकि इस बार राहुल गांधी ने बीजेपी को चुनौती देते हुए…. दलिक कार्ड खेला है…. जो अपने आप में काफी अहम माना जा रहा है….. राहुल गांधी दलित वोटरो को अपने खेमें में लाने के लिए पूरी तरह से एक्टिव मोड में नजर आ रहे हैं…. बता दें कि मई महीने में ही मोदी का भी बिहार दौरा है…. वहीं मोदी के दौरे से पहले राहुल के बिहार दौरे ने सियासी हलचल बढ़ा दी है….. और बीजेपी के सारे एजेंडे पर पानी फेरने का काम कर दिया है,…. बता दें कि बीजेपी का बिहार चुनाव में मुख्य मुद्दा पहलगाम हमले को लेकर पाकिस्तान पर ऑपरेशन सिंदूर रहने वाला है….
आपको बता दें कि बीजेपी का चुनाव से पहले जनता को बर्गलाने का सबसे बड़ा मास्टर प्लान होता है…. जो इस बार राहुल गांधी के एक्टिव होने से फेल होता दिखाई दे रहा है….. मोदी बिहार में ऑपरेशन सिंदूर को लेकर रैली और जनसभा करेंगे और जनता के सामने बीजेपी की सत्ता की खूब सराहना करेंगे….. लेकिन मोदी जी के प्लान को भांपते हुए कांग्रेस पूरी तरह से एक्टिव हो गई है….. दलित वोटरों को साधने के लिए तमाम कार्यक्रम निर्धारित किए गए हैं…… जिन कार्यक्रमों के द्वारा राहुल गांधी….. दलित छात्रों से बात करेंगे…. उनकी समस्याओं को जानेंगे….. और उसके बाद तमाम कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे…. जो बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए संजीवनी साबित होगा….. बता दें कि राहुल गांधी ने हमेशा से बीजेपी की गलत नीतियों का जमकर विरोध किया है…..
बता दें कि कांग्रेस के खोए हुए राजनीतिक जनाधार को राहुल गांधी दोबारा से वापस लाने की कवायद में जुटे हुए हैं…… इसी कड़ी में राहुल गांधी पंद्रह मई को बिहार दौरे पर पहुंच रहे हैं……. पिछले पांच महीने में यह उनका चौथा दौरा है……. कांग्रेस का बिहार में फोकस दलित वोटों पर है……. जिसको साधने की हर संभव कोशिश की जा रही है…… मई के आखिरी सप्ताह में पीएम मोदी का भी बिहार दौरा है……. लेकिन उससे पहले राहुल गांधी का आना सियासी…… तौर पर काफी अहम माना जा रहा है…… बीजेपी के बिहार प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मई के अंतिम सप्ताह में बिहार आएंगे…….. वह रोहतास जिले के बिक्रमगंज में एक रैली को संबोधित करेंगे…… जायसवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री का दौरा पच्चीस से तीस मई के बीच कभी भी हो सकता है……. जिसका जल्द ही ऐलान कर दिया जाएगा…….. भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बाद पीएम मोदी बिहार से सियासी एजेंडा सेट करते नजर आएंगे……. तो उससे पहले राहुल गांधी बिहार पहुंचकर सामाजिक न्याय के एजेंडे को धार देने की स्ट्रैटेजी बनाई है…….
राहुल गांधी पंद्रह मई को बिहार दौरे पर पहुंच सकते हैं…… राहुल के दौरे की रूपरेखा को लेकर रविवार शाम बिहार में कांग्रेस नेताओं की बैठक हुई…… राहुल गांधी गुरुवार को सुबह पटना पहुंचेंगे…… और सामाजिक न्याय से जुड़े हुए एक्टिविस्टों के साथ मुलाकात करेंगे……. इस दौरान वो सामाजिक न्याय कार्यकर्ताओं के साथ फुले’ फिल्म भी देखेंगे……. यह फिल्म समाज सुधारक महात्मा ज्योतिबा फुले….. और उनकी पत्नी सावित्रीबाई फुले के जीवन पर आधारित है…… जिन्होंने समाज के वर्ण व्यवस्था पर गहरी चोट किए हैं……. फ्रांस की क्रांति से प्रभावित ज्योतिबा, सामाजिक न्याय के लिए सारी उम्र जुटे रहे……. सामाजिक न्याय के लिहाज से फुले फिल्म काफी अहम मानी जा रही है……. ऐसे में राहुल गांधी बिहार में सामाजिक न्याय के एक्टिविस्टों के साथ फिल्म देखकर सियासी संदेश देने की कवायद करेंगे……. बिहार सामाजिक न्याय के आंदोलन की भूमि रही है…… ज्योतिबा फुले भले ही महाराष्ट्र से ताल्लुक रखते रहे हों……. लेकिन बिहार में उनकी अपनी सियासी अहमियत है……. खासकर दलित और अति पिछड़े समुदाय के बीच अहमियत है…….
आपको बता दें कि कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव और बिहार के सह प्रभारी सुशील पासी ने मीडिया से बताया कि पंद्रह मई को राहुल गांधी के बिहार दौरे पर आ रहे हैं….. पटना में जहां पर फुले फिल्म देखेंगे तो दलित….. और अति पिछड़ा वर्ग के छात्रों के साथ संवाद का कार्यक्रम है……. राहुल गांधी दरभंगा या फिर मुजफ्फरपुर में से किसी एक जिले में दलित…… और अति पिछड़ा वर्ग के छात्रों के साथ बातचीत के लिए उनके हॉस्टल जाएंगे…… इस दौरान छात्रों के साथ शिक्षा, रोजगार….. और पलायन के मुद्दे पर चर्चा करेंगे…… सुशील पासी ने बताया कि बिहार में सबसे बड़ी समस्या शिक्षा और रोजगार की है……. बिहार के छात्रों को बेहतर शिक्षा और नौकरी के लिए लगातार पलायन करना पड़ रहा है…….. जिसमें सबसे बड़ी समस्या दलित और अति पिछड़ी जाति के लोगों को हो रही है……. आर्थिक और सामाजिक रूप से दलित समाज के लोग….. और अति पिछड़ा वर्ग के लोग काफी कमजोर हैं…… जिसके चलते वो न तो अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा दिला पा रहे हैं…… और न ही रोजगार मिल पा रहा है…… राहुल गांधी दलित-अति पिछड़ा वर्ग के छात्रों की समस्या को जानने…… और समझने के लिए उनसे संवाद करने के लिए आ रहे हैं……
राहुल गांधी के साथ कांग्रेस के कई नेता भी बिहार दौरे पर पंद्रह मई को आ रहे हैं……. शिक्षा, रोजगार और पलायन के मुद्दे पर राहुल गांधी दरभंगा या मुजफ्फरपुर जिले में दलित, ओबीसी…… और अति पिछड़ा वर्ग के छात्रों के साथ संवाद करते नजर आएंगे…… तो उसी दिन कांग्रेस के दूसरे बड़े नेता भी अलग-अलग जिलों के हॉस्टलों में बातचीत करेंगे…… आपको बता दें कि सुशील पासी ने कहा कि राहुल गांधी की साथ कांग्रेस के कौन बड़े नेता आ रहे हैं…… उनके नाम अभी सामने नहीं आए हैं…… लेकिन एक बात तय है कि कांग्रेस ने बिहार में दलित, पिछड़े…… और अति पिछड़ा वर्ग के मुद्दों के लेकर हर स्तर पर आंदोलन करने…… और उनके मुद्दों को उठाने की बेढ़ा उठाया है……. राहुल गांधी जिस तरह से सामाजिक न्याय के मुद्दे को लेकर मुखर हैं……. उससे बिहार के दलित समुदाय का जुकाव तेजी से कांग्रेस की तरफ हुआ है…… इसी कड़ी में कांग्रेस ने अपने बड़े नेताओं को बिहार में उतारने की तैयारी की है……
कांग्रेस नेता राहुल गांधी बिहार के मतदाताओं तक पहुंचने के लिए अपने सामाजिक न्याय के अभियान को लगातार तेज कर रहे हैं…… राहुल का पूरा फोकस दलित वोटों पर है…… बिहार में दलितों की आबादी लगभग सोलह फीसदी है…… राज्य की दो सौ तैंतालीस विधानसभा सीटों में से अड़तीस सीटें अनुसूचित समुदाय….. और दो सीटें अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित हैं…… दलित वोटर किसी एक पार्टी से जुड़ा हुआ नहीं है…… यही वजह है कि राहुल गांधी अब उन्हें अपने साथ जोड़ने के लिए सियासी बिसात बिछाने में जुटे हुए हैं…… कांग्रेस ने पिछले दिनों अखिलेश प्रसाद सिंह को हटाकर राजेश कुमार को बिहार का प्रदेश अध्यक्ष बनाया……. दलित समाज से आने वाले राजेश कुमार को प्रदेश अध्यक्ष……. और सुशील पासी को बिहार का सह-प्रभारी बनाकर कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि…… इस बार वह बिहार में दलित और मुसलमान समीकरण पर ही केंद्रित राजनीति करेगी…….
बिहार में दलितों वोटों के सबसे बड़े दावेदार सीपीआई (एमएल), एलजेपी (रामविलास पासवान) और जीतन राम मांझी की पार्टी हम है…… दलित समाज का कुछ वोट आरजेडी और कांग्रेस को भी मिलता रहा है……. ऐसे में राहुल गांधी ने दोबारा से दलित वोटों को पूरी तरह से अपने साथ जोड़ने का प्लान बनाया है…… जिसके लिए उन्होंने दलित समाज के कई अहम चेहरे को अपने मिशन के लिए जोड़ा है……. इसके अलावा राहुल गांधी ने अपने सभी दौरे में दलित…… और ओबीसी वोटों को जोड़ने पर ही फोकस रखा……. पटना में अट्ठारह जनवरी को ‘संविधान की रक्षा’ के कार्यक्रम में शिरकत हुए थे…… इसके बाद पांच फरवरी को पासी समाज से आने वाले जगलाल चौधरी की एक सौ तीसवीं जयंती में शामिल हुए……
आपको बता दें कि बिहार में भले ही बात विकास की होती हो……. लेकिन चुनाव में जातीय बिसात ही बिछाई जाती है…… जाति के इर्द-गिर्द सिमटे चुनाव के चलते ही बीजेपी अपनी सियासी जड़े नहीं जमा सकी है…… दलित, ओबीसी, अति पिछड़ी जाति और मुस्लिम अहम रोल में है……. बिहार में लंबे समय तक कांग्रेस का वोट बैंक दलित, मुस्लिम……. और सवर्ण जातियों के बीच हुआ करता था…… लेकिन सत्ता से बाहर होने के बाद पार्टी का सियासी आधार पूरी तरह खिसक गया है……. इसके चलते कांग्रेस बिहार में लगातार कमजोर होती जा रही है…… लेकिन दो हजार चौबीस के लोकसभा चुनाव के बाद दोबारा से उसके उभरने की उम्मीद जागी है…… राहुल गांधी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ से ही दलितों का मुद्दा पुरजोर तरीके से उठाते रहे हैं……. इसके बाद में दूसरे राज्यों के चुनावों से लेकर संसद तक में वे बार-बार दलितों के उत्थान की बात कर रहे हैं…… वे बार-बार आरक्षण की लिमिट बढ़ाने का मुद्दा भी उठा रहे हैं. बिहार में नौकरियों और आरक्षण का मुद्दा बेहद संवेदनशील है……



