राजस्थान में फिर रंग में आ सकती हैं राजे
- जन्मदिन के बहाने दिखाई ताकत, पार्टी नेतृत्व पर दबाव की रणनीति
- कांग्रेस में भी उथल-पुथल, पायलट भी सक्रिय
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
जयपुर। राजस्थान में जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं वहां की सियासत के रंग भी चटक होते जा रहे हैं। हालांकि ये रंग राजनैतिक दलों के चेहरे को बदरंग भी कर सकते हैं। ये बेरंगे रग भाजपा व कांग्रेस दोनों खेमों से बरस रहे हैं। जहां देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस में सीएम अशोक गहलोत व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच खटपट की खबरें आ जाती हैं। ताजा सुर्र्खियो मेंं राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे हैं। असल में वसुंधरा का आगामी 8 मार्च को जन्मदिन है पर उन्होंने होली की वजह से उसे चार दिन पहले ही मनाने का फैसला किया इसी के मद्देनजर उन्होंने एक रैली भी की। उनके इस कार्यक्र म को राजनैतिक गलियारें में शक्ति प्रदर्शन के रुप में देखा जा रहा है।
कुछ का कहना है कि आगामी चुनाव में राजे शायद यह सोच रही हैं कि पार्टी आलाकमान उन्हें राजस्थान में अहम रोल या सीएम के चेहरे के रुप में पेश करे। ये तो आने वाला समय ही बताएगा कि राजे का राजस्थान में क्या भूमिका होती है परंतु रैली के बहाने उन्होंने अपनी ताकत व बात संकेत में पहुंचाने की पूरी कोशिश की है।
वसुंधरा राजे ने अपना जन्मदिन शनिवार को सालासर में बालाजी मंदिर के दर्शन के साथ मनाया। इस दौरान एक बड़ी रैली को भी सम्बोधित किया। उनके जन्मदिन के मौके पर करीब 1,00,000 लोगों ने एक साथ हनुमान चालीसा का भी पाठ किया। वसुंधरा के इस आयोजन को शक्ति प्रर्दशन के रूप में देखा जा रहा है, लेकिन कल ही भाजपा के राज्य संघठन की ओर से कहा गया कि संगठन के सभी लोग शामिल होंगे, कहा जा रहा है कि मैसेज गलत न जाए, इसलिए संगठन के नेताओं ने भी इसमें शामिल होने का निर्णय लिया है, क्योंकि आज ही भाजपा ने मुख्यमंत्री आवास के घेराव का ऐलान किया था, जबकि उससे पहले ही पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के जन्मदिवस कार्यक्रम का ऐलान हो चुका था, जिसे आपसी टकराव के रूप में देखा जा रहा था।
ये कोई शक्ति प्रदर्शन नहीं है
पूर्व सांसद जसवंत विश्नोई और पूर्व मंत्री यूनुस खान ने दौरान बताया कि ये कोई शक्ति प्रर्दशन नहीं हैं, हमारा संगठन एक है, सब लोग एक साथ मिलकर काम करते हैं। वसुंधरा राजे हमारी राजस्थान की सबसे लोकप्रिय नेता हैं,यूनुस खान ने हाथों से हनुमान चालीसा दिखाते हुए कहा कि हमारे कार्यकर्ता एक साथ हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे, ये कोई शक्ति प्रर्दशन नहीं है, बल्कि हर साल अलग अलग जगह में ऐसे कार्यक्रम होते हैं। वसुंधरा जी तो हमेशा मंदिर जाति रही हैं। राजस्थान में इस वक्त कांग्रेस की सरकार है, लेकिन इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं, और फिर उसके 4 महीने बाद लोकसभा चुनाव हैं। राजस्थान में लोकसभा की 25 सीटें हैं, राजस्थान में हर 5 साल में सत्ता बदलने की परंपरा रही है और बीजीपी इस बार किसी भी कीमत पर राज्य में वापसी चाहती है। इसके लिए हर पार्टी कोई मौका नहीं छोड़ रही है। हालांकि सरकार बनने पर सीएम कौन होगा? ये अभी भी बड़ा सवाल बना हुआ है।
इससे क्या हासिल होगा
वसुंधरा राजे इस शक्ति प्रदर्शन से सेंट्रल लीडरशिप को मैसेज देना चाहती हैं क्योंकि अभी तक बीजेपी ने सीएम फेस का ऐलान नहीं किया है। सीएम की रेस में बने रहने के लिए राजे को ऐसा करना जरूरी माना जा रहा है। इस शक्ति प्रदर्शन के जरिए राजे की खुद को सबसे बड़ी नेता दर्शाने की कोशिश है, हालांकि इसका रणनीति का फायदा उन्हें समर्थकों को बांधे रखने में भी मदद करेगा, इस शक्ति प्रदर्शन को विरोधियो को चुनौती के रूप में भी देखा जा रहा है, क्योंकि ये शक्ति प्रदर्शन सालासर चूरू जिले में है, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया और विधानसभा में उप नेता राजेंद्र राठौड़ दोनों का गृह जिला भी चूरू है। दोनों ही नेताओं को वसुंधरा के विरोधी खेमे में देखा जाता है।
कांग्रेस के मंत्री ने कहा- राजे को राजी करने में फायदा
जयपुर। राजस्थान की गहलोत सरकार में मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने भाजपा पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि भाजपा पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के वजूद को चुनौती दे रही है। भाजपा को मान लेना चाहिए कि वसुंधरा राजे में दम है। एक मित्र के रूप में मैं भाजपा के लोगों को सलाह दे रहा हूं कि वे अगर पूर्व सीएम राजे को राजी करके राजनीति करेंगे तो फायदे में रहेंगे। जिस परिवार में महिलाओं का सम्मान नहीं होता उस परिवार का अंत हो जाता है। मंत्री खाचरियावास ने कहा कि अगर, भाजपा को अपने घर में शांति चाहिए, वोट चाहिए तो उन्हें यह समझना पड़ेगा इस देश की परंपरा महिलाओं का सम्मान करने की है। भाजपा के लोगों को वसुंधरा जी से लड़ाई नहीं करनी चाहिए, उनके जन्मदिन में जाना चाहिए। ये कैसी लड़ाई है कि दो बार की मुख्यमंत्री रहीं नेता को जन्मदिन नहीं मनाने दिया जा रहा है। उनके जन्मदिन को लेकर भाजपा वालों का पेट दुख रहा है, इसका मुझे दुख है। वे पहले ही घोषणा कर चुकी थीं कि मैं 4 मार्च को अपना जन्मदिन सालासर में मनाऊंगी। जिन्हें जाना है वे जाते और बधाई देते, जिन्हें नहीं जाना वे नहीं जाते, लेकिन चार मार्च को प्रदर्शन का ऐलान नहीं करना चाहिए था। पूर्व सीएम राजे पहले ही घोषणा कर चुकी थीं, इसमें उनकी गलती नहीं है। ये लोग गलत हैं, मैं न्याय के साथ हूं। भाजपा के सभी नेता पूर्व सीएम को बधाई देने सालासर जाएंगे और कल जयपुर में होने वाला प्रदर्शन फेल होगा।