कटा पैर लेकर पहुंचे हैलट अस्पताल, पोस्टमार्टम से पहले हो गया गायब, डॉक्टरों ने परिवार को बनाया बंधक

कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है। यहां हैलट अस्पताल में मृत एक युवक के दोनों पैर गायब हो गए हैं। ट्रेन की चपेट में आने से इस युवक के दोनों पैर कट गए थे। इन पैरों को उसके परिजन पालिथीन में पैक करके अस्पताल ले गए थे। पोस्टमार्टम के दौरान परिजनों को इसकी जानकारी हुई तो खूब हंगामा हुआ। आरोप है कि हंगामा बढऩे पर डॉक्टर और मेडिकल स्टॉफ ने उन्हें बंधक बना लिया। परिजनों ने इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को शिकायत दी है।
सीएमओ डॉ। एनसी त्रिपाठी ने कहा कि परिजनों द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच कराई जा रही है।जानकारी के मुताबिक मृतक की पहचान संजय नगर कैंट में रहने वाले रिक्शा चालक जगदीश के बेटे हर्ष के रूप में हुई है। रेलवे क्रॉसिंग पर ट्रेन की चपेट में आने से उसके दोनों पैर कट गए थे। परिजनों ने उसे इलाज के लिए हैलट अस्पताल में भर्ती कराया था। परिजन घटना स्थल से हर्ष के दोनों पैर भी पॉलिथीन में पैक कर अस्पताल ले गए थे। डॉक्टरों से आग्रह किया था कि कटे हुए पैरों को दोबारा से जोड़ दें। लेकिन थोड़ी ही देर बाद हर्ष की मौत हो गई।
इसके बाद डॉक्टरों ने शव को पोस्टमार्टम हाउस भेज दिया। इसके बाद परिजन भी वहां पहुंच गए। लेकिन पोस्टमार्टम के बाद पता चला कि उसकी कटी टांगे तो यहां पहुंची ही नहीं थीं। ऐसे में परिजन वापस अस्पताल पहुंचे और हंगामा शुरू कर दिया।परिजनों का आरोप है कि मामला गरमाने लगा तो डॉक्टर और अन्य मेडिकल स्टॉफ ने उन्हें धमकाते हुए बंधक बना लिया। इसके बाद एक सादे कागज पर जबरन अंगूठा लगवाने के बाद उन्हें छोड़ा गया है।
परिजनों के मुताबिक हैलट अस्पताल में डॉक्टर संजय कुमार की देखरेख में उन्होंने हर्ष को भर्ती कराया था। वहीं, जब पोस्टमार्टम के बाद पैर नहीं मिले तो उन लोगों ने डॉक्टर से पूछताछ की, लेकिन डॉक्टर ने एक दूसरे पर बात डाल कर पल्ला झाडऩे की कोशिश की। बवाल बढऩे पर ईएमओ अनुराग राजोरिया मौके पर पहुंचे और डॉक्टरों से पूछताछ की। इस दौरान पता चला कि हर्ष की मौत के बाद डॉक्टर ने नर्स को शव हैंडओवर करने के लिए कहा था, शव के साथ उसके पैर भी थे। हालांकि अब तक साफ नहीं हो सका है कि वो नर्स कौन थी, जिसने शव का हैंडओवर बनाया था और पोस्टमार्टम हाउस डिस्पैच किया था।

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