आरएलडी विधायक मिथलेश कुमार की बढ़ीं मुश्किलें, 5 साल पुराने मामले में आरोप तय

लखनऊ। मुजफ्फरनगर में राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) की मीरापुर से नवनिर्वाचित विधायक मिथिलेश पाल और 14 अन्य लोग यातायात बाधित करने के एक मामले में शुक्रवार को विशेष एमपी/एमएलए कोर्ट में पेश हुए, जिसके बाद उनके खिलाफ आरोप तय किए गए।
अदालत के सूत्रों ने बताया कि विशेष न्यायाधीश देवेंद्र सिंह फौजदार ने आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड सहिंता (आईपीसी) की धारा 147 (दंगा), 148 (घातक हथियारों के साथ दंगा करना) और 342 (बंधक बनाना) के तहत आरोप तय किए। अदालत ने इस मामले की सुनवाई की अगली तिथि तीन जनवरी, 2025 तय की है।
मिथिलेश पाल के वकील किरणपाल ने कहा कि सिविल लाइंस थाने में 25 फरवरी 2019 को विधायक समेत 15 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। उनके खिलाफ ट्रैफिक को जाम करने को लेकर कई आरोप लगाए गए। आरोप में कहा गया कि विरोध प्रदर्शन के कारण भयंकर ट्रैफिक जाम हो गया। रोड को ब्लॉक की स्थिति बन गई।
मिथलेश पाल के वकील किरणपाल ने इस मामले के बारे में बताया कि विधायक समेत 15 लोगों के खिलाफ सिविल लाइंस थाने में 25 फरवरी 2019 को केस दर्ज किया गया था। आरोपी के वकील के मुताबिक, विधायक और अन्य ने धनगर जाति को अनुसूचित जाति की सूची में शामिल करने की मांग को लेकर महावीर चौक के पास धरना दिया था और सडक़ को जाम कर दिया था। पाल हाल ही में मीरापुर विधानसभा उपचुनाव में रालोद विधायक चुनी गई हैं। मीरापुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव के नतीजे 23 नवंबर को आए थे।
बता दें कि मिथलेश पाल ने 2012 में भी मीरापुर सीट से रालोद के टिकट पर चुनाव लड़ा था। 2012 के चुनावों में वो दूसरे नंबर पर रही थीं। उन्हें बसपा के जमील अहमद कासमी ने चुनाव हराया था। एक बार फिर उन्होंने 2017 में मीरापुर सीट से चुनाव लडऩे का फैसला लिया। इस बार भी वो चुनाव नहीं जीतीं और तीसरे स्थान पर रहीं थीं। 2017 के चुनाव में उन्हें बीजेपी के अवतार सिंह भड़ाना ने हराया था। अब मीरापुर सीट से चुनाव जीतने के बाद वो एमपी/एमएलए कोर्ट पहुंची। उनपर दंगा भडक़ाने, बंधक बनाने वाली आईपीसी की धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है।

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