पुणे रैश ड्राइविंग मामले में संजय राउत ने की पुलिस कमिश्नर को निलंबित करने की मांग, आरोपी को बचाने का लगाया आरोप
पुणे। महाराष्ट्र के पुणे में लापरवाही से कार चलाने वाला मामला गंभीर होता जा रहा है। रविवार को एक लग्जरी कार और मोटरसाइकिल की टक्कर में दो लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले में पुलिस ने कार चला रहे नाबालिग को गिरफ्तार किया था, लेकिन किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष पेश होने के कुछ ही घंटों बाद उसे जमानत दे दी गई। हालांकि, पुलिस ने इस मामले में अब नाबालिग के पिता को हिरासत में लिया है। लापरवाही से कार चलाने के मामले में शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने प्रतिक्रिया दी।
संजय राउत ने इस मामले में पुलिस को फटकार लगाई। उन्होंने पुलिस कमिश्नर पर नाबालिग को बचाने का आरोप लगाया। शिवसेना (यूबीटी) नेता ने कहा, पुलिस कमिश्नर को निलंबित किया जाना चाहिए। वह आरोपी को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। इस हादसे में दो युवाओं की मौत हो गई और आरोपी को दो घंटे के भीतर जमानत पर छोड़ दिया गया। वीडियो में साफ दिख रहा कि वह नशे में धुत था, लेकिन उसका मेडिकल रिपोर्ट नेगेटिव आया। आरोपी की मदद कौन कर रहा? ये पुलिस कमिश्नर कौन है? उसे हटाया जाना चाहिए, वरना पुणे की जनता सडक़ों पर उतरेगी।
बता दें कि इस मामले में पुलिस ने मंगलवार की सुबह छत्रपति संभानगर से नाबालिग के पिता को हिरासत में लिया। इसके साथ पुलिस ने बार के मालिक और स्टाफ को भी गिरफ्तार किया। उनपर एक नाबालिग को शराब परोसने का आरोप लगाया गया है। एफआईआर में बताया गया कि लडक़े के पास वैध ड्राइविंग लाइसेंस न होने के बावजूद पिता ने उसे कार दे दी।
इस हादसे में मध्य प्रदेश के अनीस अवधिया और अश्विनी कोस्टा की मौत हो गई थी। नाबालिग को किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष पेश किया गया, जहां कुछ ही घंटों के भीतर उसे जमानत दे दी गई। बोर्ड ने उसे क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय का दौरा करने और यातायात नियमों का अध्ययन करने और 15 दिनों के भीतर बोर्ड को एक प्रस्तुति प्रस्तुत करने का भी निर्देश दिया। आदेश में सीसीएल (कानून का उल्लंघन करने वाला बच्चा) सडक़ हादसे और उसका समाधान विषय पर 300 शब्दों का निबंध लिखने के लिए भी कहा गया है।