मानवता शर्मसार: ई-रिक्शा पर शव लादकर ले गए घर
लखनऊ। एडï्स दिवस, जागरुकता कार्यक्रम फिर भी हकीकत इतनी भयावह की मानवता भी शर्मसार हो जाए। वह एचआईवी संक्रमित थी, इसलिए उसे जीवन के अंतिम क्षणों में भी सम्मान हासिल नहीं हो सका। यहां तक कि जीवन और मौत से जूझ रही इस महिला को दूसरे अस्पताल जाने के लिए एंबुलेंस तक नहीं मिली। वहीं मरने के बाद भी अस्पताल के कर्मचारियों ने हाथ नहीं लगाया। मजबूरी में उसके पति ने जैसे तैसे ई रिक्शा से शव ले जाकर अंतिम संस्कार कराया। मामला उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ का है। महिला यहां मान्धाता स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती थी। अब महिला के शव को ई रिक्शा में ले जाने का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ है।
जानकारी के मुताबिक जिले के देल्हू पुर थाना क्षेत्र में रहने वाली एक महिला (32) एचआईवी पॉजिटिव थी। उसके पति ने बताया कि काफी समय से इलाज भी चल रहा था, लेकिन गुरुवार की सुबह उनकी सांस फूलने लगी। ऐसे हालात में तत्काल मान्धाता पीएचसी ले जाया गया। जहां इलाज के दौरान उनकी पत्नी की मौत हो गई। पति ने बताया कि डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद उनकी पत्नी की हालत को देखते हुए बड़े अस्पताल के लिए रैफर कर दिया था। लेकिन काफी प्रयास के बावजूद कोई एंबुलेंस उन्हें नहीं मिल पाया। आखिर में उनकी पत्नी ने दम तोड़ दिया। इसके बाद उन्होंने अस्पताल प्रबंधन से शव वाहन की मांग की, लेकिन वह भी नहीं मिल पाया। मजबूरी में वह एक ई रिक्शा में अपनी पत्नी का शव लेकर घर लौटे और अंतिम संस्कार किया है।
जानकारी के मुताबिक जब पीडि़त पति शव को ई रिक्शा में रख रहा था, उसी समय अस्पताल में मौजूद किसी व्यक्ति ने पूरे घटनाक्रम को अपने मोबाइल कैमरे में कैद कर लिया। थोड़ी ही देर बाद इस वीडियो को सोशल मीडिया पर डाल दिया। यह वीडियो देखते ही देखते वायरल होने लगा। इसके बाद स्वास्थ्य महकमे में हडक़ंप मच गया। मान्धाता पीएचसी के अधीक्षक ने सफाई दी। कहा कि वह अभी बाहर हैं। आकर वह मामले की जानकारी करेंगे।
अस्पताल के फार्मासिस्ट तेज बहादुर सिंह ने बताया कि महिला की हालत बेहद गंभीर थी। ऐसे में उन्हें प्राथमिक उपचार देकर मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया गया। इसके लिए एंबुलेंस भी बुलाई गई थी, लेकिन उस समय महिला के पति कहीं बाहर चले गए थे। ऐसे में एंबुलेंस लौट गई। काफी देर बाद जब महिला का पति वापस लौटे, लेकिन इतने समय में महिला की मौत हो चुकी थी। ऐसे में एंबुलेंस ने शव ले जाने से मना कर दिया। अस्पताल प्रबंधन ने प्रतापगढ़ से शव वाहन मंगाने की बात की, लेकिन इसके लिए महिला के पति ने मना कर दिया था।
प्रतापगढ़ सीएमओ डॉ. जीएम शुक्ला ने बताया कि जिले में किसी सीएचसी-पीएचसी पर शव वाहन की व्यवस्था नहीं है। जब भी किसी सीएचसी या पीएचसी पर शव वाहन की जरूरत होती है तो जिला मुख्यालय से शव वाहन भेजा जाता है। उन्होंने बताया कि गुरुवार को महिला की मौत के बाद मान्धाता पीएचसी से शव वाहन की डिमांड नहीं आई थी। ऐसे में यहां से मदद उपलब्ध नहीं कराई जा सकी। उन्होंने बताया कि इस मामले की जानकारी जुटाई जा रही है।