Air India हादसे की आ गई चौंकाने वाली रिपोर्ट, इस कारण हुआ दर्दनाक हादसा
एअर इंडिया ने सामने आए तथ्यों पर किसी तरह की बयानबाजी करने से मना कर दिया है.... एअर इंडिया के प्रवक्ता ने मीडिया से कहा कि ये...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः दोस्तों 12 जून 2025 को गुजरात के अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया के विमान AI-171 के दुर्घटनाग्रस्त होने की घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया…….. यह बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से लंदन के गैटविक हवाई अड्डे के लिए उड़ान भर रहा था…….. टेक-ऑफ के महज 30 सेकंड बाद ही मेघानी नगर के एक घनी आबादी वाले इलाके में बी.जे. मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल में दुर्घटनाग्रस्त हो गया…… इस हादसे में विमान में सवार 242 लोगों में से 241 की मौत हो गई…….. और जमीन पर मौजूद कम से कम 19 लोगों की भी जान चली गई……. केवल एक यात्री विश्वासकुमार रमेश, इस हादसे में जीवित बचे…….. जो ब्रिटिश मूल के भारतीय नागरिक हैं……. यह हादसा भारत के नागरिक उड्डयन इतिहास में सबसे भयावह घटनाओं में से एक है……. और बोइंग 787 ड्रीमलाइनर का पहला घातक हादसा है…… जो 2011 से व्यावसायिक सेवा में है……
हाल ही में ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि जांचकर्ताओं ने तकनीकी खराबी को इस हादसे के संभावित कारण के रूप में पहचाना है……. एयर इंडिया के पायलटों ने फ्लाइट सिम्युलेटर में हादसे की परिस्थितियों को दोहराने की कोशिश की……. जिसमें कुछ महत्वपूर्ण निष्कर्ष सामने आए……. हालांकि हादसे का सटीक कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो सका है…….
आपको बता दें कि एयर इंडिया का विमान AI-171 बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर था…… 12 जून 2025 को दोपहर 1:39 बजे अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ान भरने वाला था…… विमान में 230 यात्री और 12 क्रू मेंबर सवार थे……. जिनमें 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली, और 1 कनाडाई नागरिक शामिल थे…….. विमान को कैप्टन सुमित सभरवाल और फर्स्ट ऑफिसर क्लाइव कुंदर संचालित कर रहे थे…….. कैप्टन सभरवाल के पास 22 साल का अनुभव…… और 8,200 घंटे की उड़ान का रिकॉर्ड था…….. जबकि फर्स्ट ऑफिसर कुंदर के पास 1,100 घंटे की उड़ान का अनुभव था…….
टेक-ऑफ के कुछ ही सेकंड बाद…… विमान ने ऊंचाई हासिल करने में दिक्कत का सामना किया……… फ्लाइट क्रू ने मेडे कॉल (आपातकालीन संदेश) जारी किया…….. जिसमें पावर और थ्रस्ट की कमी की सूचना दी गई…….. इसके लगभग 15 सेकंड बाद विमान मेघानी नगर के बी.जे. मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल में जा गिरा…….. जिसके परिणामस्वरूप भयानक विस्फोट हुआ……… विमान में लगभग 100 टन ईंधन भरा था…….. जिसके कारण आग और तेजी से फैल गई……… हादसे में हॉस्टल में मौजूद कम से कम 5 छात्रों की भी मौत हुई…….. और 60 से अधिक लोग घायल हुए……..
वहीं हादसे के तुरंत बाद अहमदाबाद फायर एंड इमरजेंसी सर्विसेज ने राहत……. और बचाव कार्य शुरू किया……. 300 से अधिक फायर फाइटर्स, 60 फायर व्हीकल्स और 20 वाटर बाउजर्स को तैनात किया गया……. नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स, पुलिस और स्थानीय प्रशासन ने भी बचाव कार्य में हिस्सा लिया………. हादसे के बाद अहमदाबाद हवाई अड्डे पर सभी उड़ानें निलंबित कर दी गईं……… और आसपास के रास्तों को बंद कर दिया गया ताकि बचाव कार्य सुचारू रूप से हो सके…….
भारत की डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन और एयर इंडिया ने हादसे की समानांतर जांच शुरू की……. भारत के एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो को जांच का नेतृत्व सौंपा गया……… जिसमें अमेरिका, ब्रिटेन, बोइंग और जनरल इलेक्ट्रिक के विशेषज्ञों की सहायता ली जा रही है…….. अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन के नियमों के अनुसार…….. प्रारंभिक जांच रिपोर्ट 30 दिनों के भीतर जारी की जानी चाहिए……. जबकि अंतिम रिपोर्ट 12 महीनों के भीतर पूरी होने की उम्मीद है…….
वहीं 13 जून को DGCA ने एयर इंडिया के सभी बोइंग 787 विमानों के लिए अतिरिक्त प्री-डिपार्चर तकनीकी निरीक्षण का आदेश दिया……. इन निरीक्षणों में ईंधन मापदंडों की निगरानी……. केबिन एयर कंप्रेसर, इलेक्ट्रॉनिक इंजन कंट्रोल सिस्टम और तेल प्रणाली की जांच शामिल थी…….. 18 जून तक एयर इंडिया के 33 बोइंग 787 विमानों में से 24 की जांच पूरी हो चुकी थी…….. और कोई बड़ी सुरक्षा चिंता सामने नहीं आई थी…….
आपको बता दें कि हादसे के अगले दिन 13 जून 2025 को, जांचकर्ताओं ने विमान के फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर……. और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर जिन्हें सामान्य रूप से ब्लैक बॉक्स कहा जाता है…… उसे मलबे से बरामद कर लिया…… ये डिवाइस विमान की उड़ान की स्थिति, इंजन प्रदर्शन और कॉकपिट में हुई बातचीत का विस्तृत डेटा रिकॉर्ड करते हैं……. हालांकि, ब्लैक बॉक्स को भारी नुकसान पहुंचा था……. जिसके कारण डेटा रिकवरी के लिए इसे अमेरिका भेजा जाएगा…..
कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर में पायलटों की बातचीत……. रेडियो ट्रांसमिशन और कॉकपिट के बैकग्राउंड शोर जैसे अलार्म और आपातकालीन संदेश रिकॉर्ड होते हैं…….. वहीं, फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर में गियर और फ्लैप की स्थिति, थ्रस्ट सेटिंग्स, इंजन प्रदर्शन और ईंधन प्रवाह जैसे मापदंड दर्ज होते हैं…….. इन डिवाइसों से प्राप्त जानकारी हादसे के कारणों को समझने में महत्वपूर्ण होगी…….
ब्लूमबर्ग की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार……. एयर इंडिया के पायलटों ने फ्लाइट सिम्युलेटर में हादसे की परिस्थितियों को दोहराने की कोशिश की……. इस सिम्युलेशन में पायलटों ने लैंडिंग गियर को तैनात रखा और विंग फ्लैप्स को वापस खींचने का परीक्षण किया…….. निष्कर्षों से पता चला कि केवल लैंडिंग गियर……. और फ्लैप्स की स्थिति ही हादसे का कारण नहीं हो सकती…….. इसके बजाय जांचकर्ताओं ने संभावित रूप से एक साथ दोनों इंजनों की विफलता को हादसे का प्रमुख कारण माना है…….
सिम्युलेशन से यह भी पता चला कि लैंडिंग गियर के दरवाजे बंद नहीं हुए थे……. जो पावर लॉस या हाइड्रोलिक सिस्टम की विफलता की ओर इशारा करता है…….. बोइंग 787 ड्रीमलाइनर में इंजन विमान की विद्युत शक्ति का मुख्य स्रोत होते हैं……… और अगर दोनों इंजन विफल हो गए…….. तो यह विमान के लिए गंभीर स्थिति पैदा कर सकता है……. इसके अलावा मलबे की जांच से पता चला कि विंग फ्लैप्स…… और स्लैट्स जो टेक-ऑफ के दौरान लिफ्ट बढ़ाने के लिए जरूरी होते हैं…….. सही स्थिति में थे……
विमान में रैम एयर टरबाइन भी तैनात थी…….. जो आपातकालीन स्थिति में विद्युत शक्ति प्रदान करती है……. हालांकि, यह डिवाइस छोटी होती है…… और इसका उपयोग केवल महत्वपूर्ण सिस्टम्स को चलाने के लिए होता है…… न कि विमान को लिफ्ट देने के लिए…… ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया कि आधुनिक विमानों में फुल अथॉरिटी डिजिटल इंजन कंट्रोल सिस्टम होता है……. जो इंजन के प्रदर्शन को नियंत्रित करता है…… अगर FADEC में कोई खराबी थी….. तो यह इंजन की शक्ति को प्रभावित कर सकती थी…..
अहमदाबाद हवाई अड्डा पक्षियों की मौजूदगी के लिए कुख्यात है……. गुजरात में पिछले पांच वर्षों में 462 बर्ड स्ट्राइक की घटनाएं दर्ज की गई हैं……. जिनमें से अधिकांश अहमदाबाद हवाई अड्डे पर हुईं……. हालांकि, एक सूत्र ने रॉयटर्स को बताया कि बर्ड स्ट्राइक इस जांच का प्रमुख फोकस नहीं है……. कुछ विशेषज्ञों ने फ्लैप्स की गलत सेटिंग की संभावना पर विचार किया……. लेकिन बोइंग 787 का टेक-ऑफ कॉन्फिगरेशन वॉर्निंग सिस्टम ऐसी त्रुटि होने पर चेतावनी देता है……. मलबे की तस्वीरों से पता चला कि फ्लैप्स सही स्थिति में थे…… जिससे पायलट त्रुटि की संभावना कम हो जाती है…….
बता दें कि एयर इंडिया के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने कहा कि दुर्घटनाग्रस्त विमान का इतिहास साफ था……. और इसमें कोई रखरखाव संबंधी “रेड फ्लैग” नहीं थे…….. दाहिना इंजन मार्च 2025 में बदला गया था……. और बायां इंजन दिसंबर 2023 में सर्विस किया गया था…… वहीं पिछले कुछ वर्षों में बोइंग 787 के निर्माण में कुछ समस्याएं सामने आई थीं……. जैसे कि फ्यूजलेज के हिस्सों को ठीक करने में अनियमितताएं……. हालांकि बोइंग ने इन आरोपों को खारिज किया……. और कहा कि उनके व्यापक परीक्षणों में कोई गंभीर समस्या नहीं पाई गई……..
आपको बता दें कि विश्वासकुमार रमेश सीट 11A पर बैठे थे…… जो एक इमरजेंसी एग्जिट के पास थी……. इस हादसे में इकलौते जीवित बचे…… और उन्होंने भारतीय मीडिया को बताया कि टेक-ऑफ के बाद एक जोरदार धमाके की आवाज सुनाई दी……… और विमान ऊंचाई हासिल करने में असफल रहा……. हादसे के बाद वह इमरजेंसी एग्जिट दरवाजा खोलकर बाहर निकलने में कामयाब रहे…….. अस्पताल में इलाज के दौरान डॉ. धवल गमेती ने बताया कि रमेश कई जगह घायल थे और सदमे में थे……… लेकिन उनकी स्थिति खतरे से बाहर थी……
हादसे के बाद भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे “दिल दहला देने वाला” बताया……. और पीड़ितों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की……. ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भी इस त्रासदी पर दुख जताया…….. टाटा समूह के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने “AI-171 ट्रस्ट” की स्थापना की घोषणा की……. जो प्रभावित परिवारों को लंबी अवधि के लिए सहायता प्रदान करेगा……. बता दें कि हादसे ने बोइंग और एयर इंडिया की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाए……. बोइंग के शेयरों में 7% से अधिक की गिरावट आई…….. और एयर इंडिया की छवि को भी नुकसान पहुंचा……. जो हाल के वर्षों में अपनी सेवाओं को आधुनिक और सुरक्षित बनाने की कोशिश कर रही थी……
अहमदाबाद में हुआ एयर इंडिया का विमान हादसा न केवल भारत के लिए बल्कि वैश्विक उड्डयन उद्योग के लिए भी एक बड़ा झटका है……. जांच अभी प्रारंभिक चरण में है…… और ब्लैक बॉक्स के डेटा का विश्लेषण हादसे के सटीक कारण को स्पष्ट करेगा……. सिम्युलेशन के निष्कर्षों से तकनीकी खराबी……. खासकर डुअल इंजन फेल्यर…… एक प्रमुख संभावना के रूप में उभरी है……. हालांकि बर्ड स्ट्राइक, पायलट त्रुटि या रखरखाव संबंधी समस्याओं को पूरी तरह खारिज नहीं किया गया है…….



