कर्नाटक में सत्ता परिवर्तन को लेकर फिर कयासबाजी, विधायक का दावा- DK जनवरी के पहले हफ्ते में बनेंगे CM

कर्नाटक में सत्तारुढ़ कांग्रेस के लिए शीर्ष पद को लेकर बनी अनिश्चितता खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. पिछले दिनों मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने आपस में मुलाकात कर सरकार में सब कुछ सामान्य होने की बात कही थी. हालांकि बावजूद इसके सियासी गलियारे में सीएम पद को लेकर चर्चा का दौर जारी रहा. अब कांग्रेस के विधायक इकबाल हुसैन ने एक बार फिर से यह दावा कर दिया कि शिवकुमार अगले साल जनवरी की शुरुआत में राज्य के मुख्यमंत्री बनेंगे.
इकबाल हुसैन जो रामनगर से विधायक हैं और उन्हें शिवकुमार का समर्थक माना जाता है, ने इस महीने की शुरुआत में ही राज्य में मुख्यमंत्री बदले जाने की तारीख 6 या 9 जनवरी बताई थी. उन्होंने एक बार फिर अपने उस दावे को दोहराया है.
जोरों पर राज्य में मुख्यमंत्री बदलने की चर्चा
राज्य में मुख्यमंत्री बदले जाने की अटकलों के बीच सत्ताधारी कांग्रेस के अंदर इन दिनों सत्ता संघर्ष तेज हो गया है. राज्य की कांग्रेस सरकार ने पिछले महीने 20 नवंबर को अपने पांच साल के कार्यकाल का आधा समय पूरा कर लिया. हालांकि इससे पहले ही राज्य में मुख्यमंत्री बदलने की चर्चा जोर पकड़ने लगी थी. इस तरह की अटकलों को साल 2023 में सिद्धारमैया और शिवकुमार के बीच कथित तौर पर “सत्ता-साझेदारी” समझौते से हवा मिली थी.
इकबाल हुसैन ने कल सोमवार को अपने दावे में कहा, “कुछ लोग ऐसे होते हैं जो बारिशों और त्रासदियों को लेकर सटीक भविष्यवाणी कर सकते हैं. ऐसे लोगों से सुनने के बाद मैंने 6 या 9 जनवरी की तारीखें बताई हैं. अब देखते हैं, हालांकि मुझे भगवान पर भरोसा है.”
समझौता नहीं होता, तो क्यों कहतेः हुसैन
रामनगर में पत्रकारों से बात करते हुए विधायक हुसैन ने दावा करते हुए कहा, “200 फीसदी शिवकुमार को 6 या 9 जनवरी को सत्ता मिलेगी.” यह पूछे जाने पर कि क्या पार्टी आलाकमान ने अपनी मंजूरी दे दी है, उन्होंने कहा, यह पूरी तरह से साफ है… क्या हमारे नेता (शिवकुमार) ने नहीं कहा कि एक समझौता हुआ था. समझौता हुआ है तभी तो हमारे नेता ऐसा कह रहे हैं, अगर ऐसा कुछ नहीं होता तो वह ऐसा नहीं कहते.”
राज्य में शीर्ष पद के नेतृत्व के मुद्दे के बीच, सिद्धारमैया ने 19 दिसंबर को विधानसभा में जोर देकर कहा था कि वह पद पर बने रहेंगे. साथ ही यह भी कहा था कि कांग्रेस आलाकमान “मेरे पक्ष में” है और उनके अगले ढाई साल तक पद पर रहने के बारे में कोई फैसला नहीं लिया गया है.
इस पर अपनी प्रतिक्रिया में शिवकुमार ने कहा था कि उन्होंने और सिद्धारमैया ने कांग्रेस हाईकमान की भागीदारी से एक समझौता किया है, और दोनों इसका पालन करेंगे.

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