अरुणाचल प्रदेश में बिना परमिट के रहने वालों पर कड़ी कार्रवाई, 39 लोग पुलिस की हिरासत में

अरुणाचल प्रदेश में बिना वैध इनर लाइन परमिट (आईएलपी) के रहने और काम करने वालों के खिलाफ पुलिस ने सख्त कदम उठाया है। राजधानी क्षेत्र में चलाए गए विशेष अभियान में 39 लोगों को हिरासत में लिया गया है। यह कार्रवाई उन लोगों के खिलाफ की गई है जो राज्य के मूल निवासी नहीं हैं और आईएलपी के बिना राज्य में रह रहे थे। पुलिस ने स्पष्ट किया है कि आगे भी ऐसे अभियान जारी रहेंगे।
नाहरलागुन-ईटानगर कैपिटल रीजन के एसपी नीलम नेगा ने बताया कि यह अभियान बंदरदेवा, कारसिंगा, नाहरलागुन टाउन और पापू हिल्स जैसे इलाकों में चलाया गया। आईएलपी की जांच के लिए पुलिस ने श्रमिक शिविरों, कार्यस्थलों और सड़क किनारे दुकानों पर छापेमारी की। इस दौरान जिन लोगों के पास वैध आईएलपी नहीं थे, उन्हें हिरासत में लेकर कार्यवाही के लिए कार्यपालक मजिस्ट्रेट के पास भेजा गया।
बंदरदेवा में तीन पर गैर-एफआईआर का मामला
बंदरदेवा पुलिस थाने में निरीक्षक कीपा हामक के नेतृत्व में टीम ने तीन लोगों के खिलाफ गैर-एफआईआर मामला दर्ज किया। वहीं नाहरलागुन पुलिस स्टेशन के प्रभारी निरीक्षक कृष्णेंदु देव के नेतृत्व में 30 लोगों को हिरासत में लिया गया और उन पर भी गैर-एफआईआर के तहत कार्यवाही की गई। पापू हिल्स थाने के निरीक्षक तरुण माई के नेतृत्व में छह अन्य लोगों को भी बिना वैध आईएलपी के पकड़ा गया।
कानूनी प्रक्रिया के तहत शांति से हुई कार्रवाई
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि यह पूरा अभियान शांति से और पूरी तरह से कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए चलाया गया। उन्होंने दोहराया कि आईएलपी के बिना किसी भी बाहरी व्यक्ति को अरुणाचल प्रदेश में रहना या काम करना गैरकानूनी है। इसके लिए नियोक्ताओं को भी यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके कर्मचारी वैध आईएलपी के साथ ही काम पर रखें जाएं।
इन प्रदेशों में आईएलपी क्यों?
आईएलपी यानी इनर लाइन परमिट एक विशेष दस्तावेज होता है जो अरुणाचल प्रदेश जैसे संरक्षित राज्यों में प्रवेश के लिए भारत के नागरिकों को लेना अनिवार्य होता है। इसका मुख्य उद्देश्य राज्य की जनसांख्यिकीय संरचना को बनाए रखना और वहां की सांस्कृतिक विरासत व स्थानीय जनजातियों की पहचान की सुरक्षा करना है।
आगे भी जारी रहेंगे ऐसे अभियान
पुलिस ने स्पष्ट किया है कि ऐसे आईएलपी जांच अभियान आगे भी नियमित रूप से चलाए जाएंगे ताकि कानून व्यवस्था बनी रहे और राज्य में गैरकानूनी रूप से रह रहे लोगों की पहचान की जा सके। एसपी ने कहा कि इस तरह की सख्ती से राज्य की सामाजिक और सांस्कृतिक सुरक्षा सुनिश्चित होगी।

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