सुप्रीम कोर्ट ने कहा: मतदान से जुड़ा डाटा जारी करने के लिए चुनाव आयोग को चुनाव के बीच नहीं दे सकते आदेश, याचिका पर सुनवाई स्थगित

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि वेबसाइट पर आकंड़े अपडेट करने के लिए कर्मचारियों को लगाना चुनाव आयोग के लिए मुश्किल है। सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी एक एनजीओ द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए की। याचिका में मांग की गई थी कि चुनाव आयोग प्रत्येक चरण की वोटिंग के 48 घंटे के भीतर मतदान का डाटा वेबसाइट पर अपलोड करे। साथ में याचिका में यह भी मांग की गई थी कि इस बारे में शीर्ष अदालत चुनाव आयोग को निर्देश दे।
न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की अवकाश पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि वह फिलहाल ऐसा कोई निर्देश जारी नहीं कर सकते क्योंकि पांच चरणों के मतदान संपन्न हो चुके हैं और दो चरण के मतदान बाकी हैं। पीठ ने कहा कि चुनाव आयोग के लिए अपनी वेबसाइट पर मतदान डाटा अपलोड करने के लिए कर्मचारियों को लगाना मुश्किल होगा।
बता दें, मामले में कोर्ट ने 17 मई को चुनाव आयोग से एक सप्ताह के भीतर जवाब मांगा था। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा था कि याचिका पर जवाब देने के लिए चुनाव आयोग को कुछ समय दिया जाना चाहिए। इसके बाद आयोग ने एक हलफनामा दायर किया। आयोग ने अदालत से एडीआर के हलफनामे को खारिज करने की मांग की और कहा कि कुछ निहित स्वार्थी तत्व कामकाज को बदनाम करने के लिए उस पर झूठे आरोप लगाते रहते हैं।
इससे पहले एडीआर एनजीओ की तरफ से वकील प्रशांत भूषण अदालत में पेश हुए थे। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से मांग की थी कि इस मामले को सुनवाई के लिए जल्द से जल्द सूचीबद्ध किया जाए। पिछले हफ्ते एडीआर एनजीओ ने अपनी 2019 की जनहित याचिका में एक अंतरिम आवेदन दायर किया था। आवेदन में चुनाव पैनल को निर्देश देने की मांग की गई थी कि सभी मतदान केंद्रों के आंकड़े मतदान के तुरंत बाद वेबसाइट पर अपलोड किए जाएं।

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