सुप्रीम कोर्ट का तमिलनाडु को झटका
कर्नाटक को 5,000 क्यूसेक पानी छोडऩे के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार (21 सितंबर) कर्नाटक को तमिलनाडु के लिए 5,000 क्यूसेक पानी छोडऩे के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। शीर्ष कोर्ट ने कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण और कावेरी जल विनियमन समिति के उस आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार किया, जिसमें कर्नाटक सरकार को तमिलनाडु के लिए 5,000 क्यूसेक पानी छोडऩे का निर्देश दिया गया था। जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने कहा कि हम तमिलनाडु की उस याचिका पर विचार करने के इच्छुक नहीं है जिसमें कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण समिति के आदेश को इस आधार पर बरकरार रखने के फैसले को चुनौती दी है। बारिश की कमी की वजह से सूखे जैसी स्थिति है।
पीठ ने कहा कि सीडब्ल्यूएमए और कावेरी जल विनियमन समिति (सीडब्ल्यूआरसी) जैसे विशेषज्ञ निकायों ने सूखे और कम बारिश जैसे सभी प्रासंगिक पहलुओं पर विचार किया है और आदेश पारित किया है। इसलिए, हम कर्नाटक को 5,000 क्यूसेक पानी छोडऩे के निर्देश देने वाले आदेश में हस्तक्षेप करने के इच्छुक नहीं हैं।
इससे पहले कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने राजधानी दिल्ली में कावेरी नदी जल बंटवारे के मुद्दे पर एक महत्वपूर्ण बैठक की थी। बाद में दोनों नेताओं ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से मुलाकात की।