दलित उत्पीडऩ की घटनाओं में यूपी आगे!
4पीएम की परिचर्चा में प्रबुद्घजनों ने किया मंथन
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। यूपी के हापुड़ में एक स्कूल में दो दलित बच्चियों की यूनिफॉर्म उतरवा कर उच्च जाति की लड़कियों को दिए जाने का मामला सामने आया है। जब इस पर सवाल उठे तो यूपी के शिक्षा विभाग ने पूरी घटना की जांच के लिए कमेटी गठित कर दी है। ऐसे में प्रश्न यह है कि हिंदुत्व के दौर में दलित उत्पीडऩ की घटना क्यों हो रही है? इस मुद्ïदे पर वरिष्ठï पत्रकार डॉ. उत्कर्ष सिन्हा, सुशील दुबे, प्रो. रविकांत, प्रो. सुधांशु कुमार व प्रो. लक्ष्मण यादव और अभिषेक कुमार ने एक लंबी परिचर्चा की।
डॉ. उत्कर्ष सिन्हा ने कहा, ये प्रश्न समरसता का नहीं है। उसका है जो आप बेचना चाहते हैं। आपके विचार उस लाइन को करते हैं और वो हिंदुत्व में जाकर मिल रही है। ये दोनों समरस होकर मिल रही है तो ऐसी घटनाएं होगी। पिछले एक साल से दलित उत्पीडऩ की घटनाओं में हम चैंपियन है, बिहार से भी आगे हैं।
प्रो. लक्ष्मण यादव ने कहा, ऊपर से जब किसी एक धर्म के वर्चस्व की बातें सत्ता में हावी हो, उसी पर बहस हो, और जो उसके नीचे हो उस पर बात न हो, जो पर्दे में हो, उस पर न हो तो स्थिति क्या होगी प्रदेश की। अभी बुलडोजर चल रहा है, डरा रहा है तो लोग शिकायत किससे करें, इस पर बहस न की जाए। जातिगत मानसिकता को समझना होगा।
सुशील दुबे ने कहा, एक जमाने में जगजीवन राम थे, मीरा कुमार भी लोक सभा अध्यक्ष थी। आज के शानदार महामहिम कोविंद के राज में ऐसी घटनाएं हो जाती है। हाथरस जैसी घटना भी हो जाती है। अंबेडकर जी टूट गए दलित उत्थान करते-करते।
प्रो. सुधांशु कुमार ने कहा कि अभी न्याय की तरफ ले जाना वाला कोई संगठन नहीं है, पहले कभी थे। और जो पॉलिटिकल मामला है, सत्ता या सरकार का मामला है। जब हाथरस की घटना हुई तो सरकार ने क्या संदेश दिया। बुलडोजर जो चल रहा है तो उन जगहों पर क्यों नहीं, जहां जरूरी है। प्रो. रविकांत भी परिचर्चा में शामिल हुए और अपने विचार रखे।