वक्फ संशोधन कानून पर जम्मू-कश्मीर विधानसभा में हंगामा, इस विधायक को निकाला सदन से बाहर..

जम्मू-कश्मीर विधानसभा में वक्फ अधिनियम को लेकर भारी हंगामा हुआ.. विपक्षी दलों ने वक्फ अधिनियम पर चर्चा की मांग की, जिसे विधानसभा ने अस्वीकार कर दिया.. पीडीपी और अन्य विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव पेश किया, लेकिन उन्हें अस्वीकार कर दिया गया.

4पीएम न्यूज नेटवर्कः जम्मू-कश्मीर विधानसभा में वक्फ अधिनियम को लेकर भारी हंगामा हुआ.. विपक्षी दलों ने वक्फ अधिनियम पर चर्चा की मांग की, जिसे विधानसभा ने अस्वीकार कर दिया.. पीडीपी और अन्य विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव पेश किया, लेकिन उन्हें अस्वीकार कर दिया गया..इसके बाद पीडीपी विधायक वहीद पारा को सदन से बाहर निकाल दिया गया.. विपक्ष ने इस कदम को लोकतंत्र की हत्या बताते हुए केंद्र सरकार की कड़ी निंदा की..जिसमें नेताओं का कहना है कि यह कदम लोकतांत्रिक प्रक्रिया और विपक्ष की आवाज़ को दबाने का प्रयास है.. वर्तमान में वक्फ कानून पर यह विवाद जम्मू-कश्मीर विधानसभा में गहरी राजनीति को और गरम कर रहा है..

मिली जानकारी के मुताबिक आपको बता दें,कि वक्फ कानून को लेकर सियासी तूफान थमने का नाम नहीं ले रहा है.. मंगलवार को एक बार फिर जम्मू-कश्मीर विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ.. यह हंगामा तब शुरू हुआ जब विपक्षी दलों ने वक्फ अधिनियम पर चर्चा की मांग की.. विपक्षी दलों के विरोध के बाद जम्मू-कश्मीर विधानसभा को 30 मिनट के लिए स्थगित कर दिया गया.. पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी यानी पीडीपी और अवामी इत्तेहाद पार्टी सहित अन्य विपक्षी दलों ने वक्फ अधिनियम पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव पेश किया, जिसे सदन के अध्यक्ष ने नियम 58 के तहत अस्वीकार कर दिया.. विपक्षी नेताओं ने इस फैसले की कड़ी आलोचना करते हुए इसे लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर हमला करार दिया.. उनका कहना था कि यह कदम विपक्ष की आवाज़ को दबाने और संविधान के बुनियादी सिद्धांतों की अवहेलना करने का प्रयास है..

विधानसभा के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए पीडीपी के नेता वहीद पारा ने इसे “दुर्भाग्यपूर्ण” बताया. उन्होंने कहा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जम्मू-कश्मीर मुस्लिम बहुल क्षेत्र है, अगर पूरे भारत में कोई मुस्लिम मुख्यमंत्री है, तो वह जम्मू-कश्मीर में है. पूरे देश के 24 करोड़ मुसलमान इसे देख रहे हैं.’ सभी विधायकों से पीडीपी की ओर से लाए गए प्रस्ताव का समर्थन करने की अपील करते हुए उन्होंने कहा, ‘यहां 60 विधायक हैं, अगर उन 60 में से भी वे वक्फ अधिनियम के खिलाफ हमारे ओर से लाए गए प्रस्ताव का समर्थन नहीं करते हैं, तो मुझे लगता है कि इतिहास हमेशा के लिए हमें जज करेगा.’ वक्फ अधिनियम को मुसलमानों की धार्मिक मान्यताओं और भावनाओं के खिलाफ बताते हुए पारा ने जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला पर निशाना साधा, जिन्होंने विधेयक पेश करने वाले केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री किरेन रिजिजू का “रेड कारपेट वेलकम” किया.

लोकतंत्र की हो रही हत्या- बीजेपी विधायक

वहीं, विधायक विक्रम रंधावा ने कहा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है, यहां लोकतंत्र की हत्या की जा रही है. वे सदन की कार्यवाही नहीं चलने दे रहे हैं. उन्होंने कल प्रश्न काल भी नहीं चलने दिया. नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायक अपने ही स्पीकर के खिलाफ सदन के वेल में आ गए. उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया. पीडीपी के लोगों ने उन्हें एहसास कराया कि आप वक्फ के लिए लड़ रहे हैं और ट्यूलिप गार्डन के दौरे किए जा रहे हैं. इसलिए, उनके झगड़े में सदन का महत्वपूर्ण समय बर्बाद हो रहा है.’

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