उपराष्ट्रपति चुनाव: इंडिया गठबंधन ने तेज की तैयारियां, 8 सितंबर को होगा मॉक पोल
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस संबंध में अपनी पार्टी के सभी सांसदों को संदेश भेजा है. संदेश में सांसदों को मॉक पोल में अनिवार्य रूप से मौजूद रहने का निर्देश दिया गया है.

4पीएम न्यूज नेटवर्क: उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर इंडिया गठबंधन ने अपनी तैयारियां तेज कर दी है। इसी कड़ी में 8 सितंबर को संसद भवन में एक मॉक पोल आयोजित किया जाएगा। इसका उद्देश्य सांसदों को मतदान की प्रक्रिया का अभ्यास कराना है, ताकि वास्तविक चुनाव के दिन किसी प्रकार की तकनीकी या प्रक्रियात्मक गलती ना हो
इंडिया गठबंधन की तरफ से उपराष्ट्रपति पद के चुनाव को लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं. इसी क्रम में सोमवार 8 सितंबर को गठबंधन द्वारा एक मॉक पोल का आयोजन किया जाएगा जो दोपहर 2:30 बजे संसद भवन के सेंट्रल हॉल में होगा. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस संबंध में अपनी पार्टी के सभी सांसदों को संदेश भेजा है. संदेश में सांसदों को मॉक पोल में अनिवार्य रूप से मौजूद रहने का निर्देश दिया गया है. इसके साथ ही 9 सितंबर को होने वाली उपराष्ट्रपति चुनाव की वोटिंग में भी सभी सांसदों की उपस्थिति अनिवार्य बताई गई है.
उपराष्ट्रपति चुनाव से ठीक एक दिन पहले यानी कि 8 सितंबर को इंडिया गठबंधन के सांसदों की एक अहम बैठक दिल्ली में आयोजित की जाएगी. इस बैठक में सांसदों को वोटिंग प्रक्रिया की पूरी जानकारी दी जाएगी. साथ ही उन्हें मतदान की प्रक्रिया की प्रैक्टिस कराने के लिए एक मॉक पोल भी करवाया जाएगा.
बी. सुदर्शन रेड्डी Vs. सी.पी. राधाकृष्णन
इस बार का चुनावी मुकाबला पूर्व न्यायाधीश बी. सुदर्शन रेड्डी के बीच में है. सुदर्शन रेड्डी विपक्ष के उम्मीदवार हैं और सी.पी. राधाकृष्णन एनडीए के प्रत्याशी हैं. सी.पी. राधाकृष्णन महाराष्ट्र के राज्यपाल भी हैं. बैलट पेपर पर पहले स्थान पर बी. सुदर्शन रेड्डी का नाम होगा तो वहीं दूसरे स्थान पर और सी.पी. राधाकृष्णन का नाम होगा.
संविधान के अनुच्छेद 66(1) के तहत भारत के उपराष्ट्रपति का चुनाव सिंगल ट्रांसफरेबल वोट प्रणाली के जरिए से होता है. इस प्रणाली में संसद के सदस्य उम्मीदवारों के नामों के आगे अपनी प्राथमिकताएं दर्ज करते हैं. पहली प्राथमिकता देना अनिवार्य होता है. पहली प्राथमिकता मार्क नहीं की गई तो वोट अमान्य माना जाएगा. चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता को बरकरार रखने के लिए चुनाव आयोग विशेष पेन उपलब्ध कराता है. केवल इसी पेन का प्रयोग मान्य होता है इससे अलावा किसी दूसरे पेन से दिया गया वोट अमान्य कर दिया जाएगा.



