सच दिखाने में डर कैसा : अविनाश
- 4PM म्यूजिक चैनल की लॉन्चिंग पर फिल्म निर्देशक ने संपादक संजय शर्मा से की बातचीत
- अनारकली ऑफ आरा से पाई थी लोकप्रियता
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। अनारकली ऑफ आरा व शी जैसी फिल्मों के जरिये समाज को आईना दिखाने वाले पत्रकार से फिल्म निर्देशक बने अविनाश दास ने देश के प्रतिष्ठित यूट्यूब चैनल 4पीएम के 60 लाख सब्सक्राइबर पूरे होने व 4पीएम म्यूजिक चैनल की लॉन्चिंग के अवसर पर 4पीएम चैनल के संपादक व वरिष्ठ पत्रकार संजय शर्मा से बातचीत की। उन्होंने पत्रकारिता से लेकर फिल्म तक पर अपनी बात रखी। एक निर्देशक के डरने के सवाल पर अविनाश कहते हैं कि मोदी सरकार से जो पत्रकार नहीं डरते उन्हीं की श्रेणी का मैं भी डायरेक्टर हूं। मैं बस सच दिखाने का काम करता हूं। बड़े-बड़े अखबार व चैनल में पत्रकारिता के शीर्ष पर रहे अविनाश दास ने 2017 में रिलीज हुई फिल्म अनारकली ऑफ आरा से अपना बॉलीवुड डेब्यू किया था। इस फिल्म में स्वरा भास्कर नजर आई थीं। अविनाश ने जी-5 की फिल्म रात बाकी है का भी डायरेक्शन किया था, जो 2021 में रिलीज हुई थी। इसके अलावा अविनाश नेटफ्लिक्स की वेब सीरीज शी और एमएक्स प्लेयर की रनअवे लुगाई के डायरेक्शन के लिए भी जाने जाते हैं।
स्वरा भास्कर की वजह से बना निर्देशक
स्वरा भास्कर की वजह से मै निर्देशक बना पाया। अविनाश ने बताया कि जब वह मुंबई पहुंचे तो वह स्वरा भास्कर से मिले। उन्हीं को मैने अपनी अनारकली वाली स्क्रिप्ट सुनाई। उन्हीं के घर पर रहकर मैने पूरी कहानी लिखी। बाद स्वरा ने ही कहा मै इस फिल्म में काम करूंगी। उन्होंने आगे बताया कि चूकि कहानी बिहार के आरा जिले संबंधित थी इसलिए हम वहीं शूटिंग करना चाहते थे पर वहां पर सहूलियत नहीं थी तब कई शहरों की तलाश के बाद यूपी का अमरोहा बिल्कुल आरा की तरह लगा और हमने यहीं पर फिल्म का दृश्याकंन किया।
मीडिया अपने रास्ते से भटक गया
फिल्म निर्देशक अविनाश दास ने कहा कि मीडिया आज अपने रास्ते से भटक गया है वह बस सत्ता का गुणगान कर रहा है जो लोकतंत्र के लिए घातक है। उन्होंने आगे कहा किसी काम में लंबे समय से रहने पर वो आपकी शख्सियत का हिस्सा हो जाता है, उससे आप चाह कर भी छूट नहीं पाते। जब मैं पत्रकारिता में गया था या फिर सिनेमा में हूं, दोनों ही जगह कहानियां कहने की बात है। पत्रकारिता में आप समाज की कहानियां कहते हैं। दास ने कहा अभिनेताओं और फिल्म जगत के लोगों के प्रति भावना और देश में बढ़ती असहिष्णुता अनुचित है।
आमिर से प्रेरित होकर आया फिल्मों में
पत्रकारिता छोड़कर फिल्म निर्देशन में आने के सवाल पर दास ने कहा कि 2008-9 में जब उन्हें आभास हुआ कि अब पत्रकारिता उनके हिसाब वाली नहीं रह गई तब से वह बैचैन रहने लगे और तभी उन्होंने छोडऩे का मन बना लिया। उसी समय आमिर खान के एक चर्चित कार्यक्रम सत्यमेव जयते को देखा जिससे वह भी जुड़े थे। तभी उन्होंने सोचा कि जब एक एक्टर मीडिया का काम कर सकता है तो एक मीडिया वाला भी फिल्म कर सकता है। और उन्होंने मुंबई जाने का फैसला कर लिया।
सेंसर ने कई डायलॉग हटाने के लिए डाला दबाव
सरकार के द्वारा कैसे दबाव डाला जाता है इसपर भी अविनाश ने बेबाक तरह से अपनी बात बताई। उन्होंने बताया कि एक फिल्म इन गलियों में उन्होंने बनाई है। जिसमें भारत के एकता, मोहब्बत व भाईचारें को लेकर इसकी कहानी रची गई है। इस फिल्म को सेंसर बोर्ड में भेजा गया तो वहां पर कुछ डायलॉग को हटाने के लिए कह कर प्राइमरी बोर्ड के सदस्य ने इसे रिवाइजिंग कमेटी को भेज दिया। उन्होंने बताया कि सेंसर बोर्ड को एक चायवाले में एटीट्यूड आ गया है, देश की राजधानी दिल्ली है और दिल्ली की राजधानी नागपुर व देश के गद्दारों को गोली मारों सालों को,डायलॉग पर आपत्ति थी। उन्होंने कहा यह कोई गाली नहीं है इसलिए वह अब इस मामले को लेकर वह हाईकोर्ट पहुंच गए हैं।
‘इन गलियों में’ दिखेगा लखनऊ
अविनाश दास ने कहा उनकी एक समाजिक समरसता व सीधी-साधी मोहब्त दिखाने वाली फिल्म ‘इन गलियों में’ 6 सितंबर को रिलीज होगी। उन्होंने बताया कि इस फिल्म की शूङ्क्षटग लखनऊ में हुई । उन्होंने इस फिल्म में आज कल जो देश में नफरत का माहौल बना हुआ उसको दिखाने का प्रयास किया है। इस फिल्म को इम्तियाज अली बना रहे हैं। इसमें भाग्य श्री की बेटी, नसीरुद्दीन शाह के बेटे व जावेद जाफरी काम कर रहे हैं।
स्मृति ईरानी के ऑफर को ठुकराया
कश्मीर फाइल्स व केरला स्टोरी जैसी एजेंडे वाली फिल्मों को लेकर अविनाश ने कहा कि इस तरह की फिल्में ठीक नहीं है ऐसी फिल्में बनाकर मै उन लोगों को चेहरा नहीं दिखा सकता जिनके साथ मै दिन-रात, सुख-दुख में खड़ा रहा। इसी पर एक वाक्या भी उन्होंने सुनाया कि एकबार पूर्व मंत्री स्मृति ईरानी ने उन्हें कश्मीर पर एक स्क्रिप्ट दी थी जिसके लिए उन्होंने 30 करोड़ देने की बात कही और फिल्म को छह महीने में पूरा करने को कहा पर उन्होंने ये कहकर उसको मना कर दिया इतने कम समय में वह फिल्म नहीं बना सकते।