जवानों की शहादत पर मोदी क्यों हैं मौन: ओवैसी

  • आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद हुए सेना के अधिकारियों को लेकर सरकार को घेरा

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
हैदराबाद। कश्मीर के अनंतनाग में सेना और आतंकियों के बीच हो रही मुठभेड़ व सेना के अधिकारियों के शहीद होने को लेकर विपक्ष लगातार भाजपा सरकार पर हमलावर है। इसी क्रम में अब हैदराबाद के सांसद और एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने भी भाजपा पर सरकार पर हमला बोलते हुए पीएम मोदी पर भी निशाना साधा है। ओवैसी ने आतंकियों द्वारा सुरक्षाबलों के चार जवानों की हत्या पर प्रधानमंत्री की चुप्पी को लेकर पीएम मोदी की आलोचना की है।
साथ ही ओवैसी ने ये सवाल भी किया है कि क्या केंद्र अब फिर सर्जिकल स्ट्राइक करेगा। साथ ही उन्होंने वल्र्ड कप को लेकर भी सवाल उठाए। हैदराबाद रियासत के विलय की वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित राष्ट्रीय एकता दिवस कार्यक्रम की सार्वजनिक बैठक को संबोधित करने पहुंचे एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि पाकिस्तान से आतंकवादी भारत आए और एक कर्नल की हत्या कर दी। आतंकियों ने एक मेजर और एक डिप्टी एसपी की भी हत्या कर दी, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र चुप हैं। उन्होंने कहा कि 2019 में जब पुलवामा हमला हुआ था तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुस्सा व्यक्त किया था लेकिन हाल ही में हुए हमले को लेकर वह चुप हैं, कुछ नहीं बोल रहे। ओवैसी ने कहा कि यह अजीब है कि पीएम मोदी चुप हैं। यह केंद्र की विफलता है कि पाकिस्तान से आतंकी भारत आ रहे हैं। आप अब कब सर्जिकल स्ट्राइक करेंगे।

शाह पर भी बोला हमला

सासंद ओवैसी ने गृहमंत्री अमित शाह पर भी झूठ बोलने का आरोप लगाया। दरअसल, केंद्र द्वारा आयोजित हैदराबाद मुक्ति दिवस के कार्यक्रम में शाह ने कहा था कि सरदार पटेल ने राष्ट्र प्रथम सिद्धांत का पालन करते हुए योजना बनाई और निजाम की रजाकर सेना को बिना रक्तपात के आत्मसमर्पण के लिए मजबूर कर दिया। शाह के इसी बयान पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि कार्रवाई के बाद पंडित सुंदरलाल के नेतृत्व में एक समिति ने हैदराबाद राज्य का दौरा किया। इसके बाद उनके द्वारा बनाई गई रिपोर्ट में पंडित सुंदरलाल ने कहा कि संघर्ष में 20,000 से अधिक मुस्लिम मारे गए थे। उस दौरान भी पंडित जवाहरलाल नेहरू ने झूठ कहा था कि बिना रक्तपात के हैदराबाद का विलय हुआ और आज शाह ने भी झूठ कहा। पंडित सुंदरलाल की रिपोर्ट पूर्व पीएम नेहरू और गृहमंत्री शाह के बयानों को झूठा साबित करती है।

 

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