वेतन न मिलने के कारण वन कर्मचारियों का कार्य बहिष्कार
- दुदवा, पीलीभीत व कर्तनिया घाट सहित कई रेंजों के कर्मचारी सामूहिक हड़ताल पर
लखनऊ। न्यूनतम/दैनिक वेतन वन कर्मचारी संघ की एक बैठक लखीमपुर में हुई। बैठक के दौरान प्रांतीय महामंत्री और दुधवा यूनिट के अध्यक्ष रफीउल्ला खान व दुदवा यूनिट के संरक्षक तबरेज खान ने बताया कि बीते 13 माह से वेतन न मिलने के कारण दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी भूखमरी की कगार पर हैं। विभाग के उच्चाधिकारी उनकी बात नहीं सुन रहे है। इसी क्रम में समस्त दैनिक कर्मचारी अपनी-अपनी रेंजों में अनिश्चित कालीन हड़ताल व कार्य बहिष्कार पर है। लखीमपुर खीरी, रायबरेली, बहराइच समेत कई जिलों के दैनिक वेतन कर्मचारियों के लिए वन विभाग ने समस्याएं खड़ी कर दी हैं। इस मामले में जिलाधिकारी लखीमपुर सहित शासन, व सरकार को भी पत्र लिखा गया है, ताकि वेतन सहित सारी समस्याओं का जल्द निस्तारण हो। मगर अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई।
संरक्षक तबरेज खान ने बताया कि वेतन बकाया होने से घर परिवार चलाना मुश्किल हो गया है। दुदवा, पीलीभीत कर्तनिया घाट के लोगों ने अपनी मांगों को लेकर सामूहिक कार्य बहिष्कार कर दिया है। दुदवा में पयर्टन बंद हो गया हैं। उनका कहना है कि यूपी के टाइगर रिजर्व क्षेत्र में संविदा कर्मचारियों का सिर्फ आश्वासन ही मिल रहा है। ऐसे में उच्च अधिकारी लिखित में आश्वासन में नहीं देते, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
टाइगर रिजर्व क्षेत्रों में अलग-अलग रेंजों में करीब एक हजार के कर्मचारी आंदोलनरत हैं। जबकि संघ के वन कर्मचारियों का आरोप है कि प्रोजेक्ट टाइगर के एडिशनल पीसीसीएफ कमलेश कुमार ने हम सभी का बजट रोक रखा है। मामले में लापरवाही बरतने के कारण हम लोगों को कई महीनों से वेतन नहीं मिल रहा है। ऐसे में हम लोग कार्य बहिष्कार, आंदोलन के साथ अब चक्काजाम की रणनीति भी बनाएंगे।
कर्मचारियों की मांगें जायज हैं। मैं उनकी पीड़ा समझ सकता हूं। दस्तावेजों की प्रक्रिया में हम लोग लगे हुए हैं। कुछ समस्याएं हैं, उनका निस्तारण भी किया जा रहा है। इसके अलावा मामले में मैैं सभी रेंज शाखाओं से रिपोर्ट लूंगा, जल्द से जल्द वेतन दिलाने का भरसक प्रयास करूंगा।
कमलेश कुमार, अपर प्रमुख वन संरक्षक, प्रोजेक्ट टाइगर यूपी