ईरान के नए राष्ट्रपति बने रायसी
नई दिल्ली। कट्टरपंथी नेता इब्राहिम रायसी ने देश के आम चुनावों में भारी जीत हासिल की है । रायसी ने एक करोड़ 78 लाख वोट हासिल किए। एक अन्य प्रत्याशी अमीरहुसैन गाजीजादा हाशमी को 10 लाख वोट मिले।
देश के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई के कट्टर समर्थक और कट्टरपंथी न्यायपालिका प्रमुख इब्राहिम रायसी ने शनिवार को ईरान में राष्ट्रपति चुनाव भारी अंतर से जीता । ऐसा लगता है कि देश के इतिहास में इस बार राष्ट्रपति चुनाव के लिए सबसे कम मतदान हुआ। प्रारंभिक परिणाम के अनुसार रायसी को एक करोड़ 78 लाख वोट मिले। चुनावी दौड़ में एकमात्र उदारवादी उम्मीदवार अब्दुलनासिर हेममती काफी पीछे रह गए ।
हालांकि खामनेई द्वारा रायसी के सबसे मजबूत प्रतिद्वंद्वी को अयोग्य ठहराए जाने के बाद न्यायपालिका प्रमुख ने बड़ी जीत हासिल की । रायसी की उम्मीदवारी के कारण ईरान में मतदाता मतदान के प्रति उदासीन दिखाई दिए और पूर्व कट्टरपंथी राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद सहित कई ने चुनाव के बहिष्कार का आह्वान किया । ईरान के गृह मंत्रालय में चुनाव मुख्यालय के प्रमुख जमाल ओर्फ ने कहा, प्रारंभिक परिणामों में पूर्व रिवॉल्यूशनरी गार्ड कमांडर मोहसिन रेजाई ने 3,300,0 वोट और हेममती को 2,400,0 वोट हासिल किए ।
एक अन्य प्रत्याशी अमीरहुसैन गाजीजादा हाशमी को 10 लाख वोट मिले। उदारवादी उम्मीदवार और सेंट्रल बैंक के पूर्व प्रमुख हेममती और पूर्व रिवॉल्यूशनरी गार्ड कमांडर मोहसिन रेजाई ने रायसी को बधाई दी । हेमती ने शनिवार तडक़े इंस्टाग्राम के जरिए रायसी को बधाई दी और लिखा, मुझे उम्मीद है कि आपका प्रशासन इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान को गर्व करने, महान राष्ट्र ईरान के कल्याण के साथ जीवन और अर्थव्यवस्था में सुधार करने के कारण उपलब्ध कराएगा । रेजाई ने ट्वीट कर वोट में हिस्सा लेने के लिए खामनेई और ईरानी लोगों की तारीफ की ।
रेजाई ने लिखा, मेरे सम्मानित भाई अयातुल्ला डॉ सैयद इब्राहिम रायसी का निर्णायक चयन देश की समस्याओं के समाधान के लिए एक मजबूत और लोकप्रिय सरकार की स्थापना का वादा करता है । ईरान के चुनाव कोई नई बात नहीं है । इससे संकेत मिलता है कि रायसी ने इस सावधानीपूर्वक नियंत्रित वोट को जीता है । कुछ लोगों ने इन चुनावों का बहिष्कार किया है। इस बार वोटिंग प्रतिशत 2017 के पिछले राष्ट्रपति चुनाव की तुलना में काफी कम लगता है।
रायसी की जीत की आधिकारिक घोषणा के साथ ही वह पहले ईरानी राष्ट्रपति होंगे जिन्हें पद संभालने से पहले अमेरिका ने मंजूरी दे दी है । उन्हें राजनीतिक बंदियों की सामूहिक हत्या के लिए 1988 में प्रतिबंधित कर दिया गया था और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ईरानी न्यायपालिका के प्रमुख के रूप में उनकी आलोचना हुई थी। रायसी की जीत से ईरानी सरकार पर कट्टरपंथियों की पकड़ और मजबूत होगी और यह ऐसे समय में होगा जब विश्व शक्तियां परमाणु समझौते को उबारने की कोशिश के लिए वियना में ईरान के साथ बातचीत जारी रखेंगी । ईरान इस समय बड़े पैमाने पर यूरेनियम को समृद्ध कर रहा है। इसके चलते अमेरिका और इजरायल के साथ तनाव काफी बढ़ गया है। माना जा रहा है कि दोनों देशों ने दशकों पहले दोनों देशों ने सैन्य परमाणु कार्यक्रम का निर्माण करने वाले वैज्ञानिक की हत्या ईरानी परमाणु केंद्रों पर कई हमले किए है।