कोरोना के कारण पैरोल पर रिहा होंगे 10 हजार कैदी

  • यूपी की जेलों में बंद डेढ़ हजार से अधिक कैदी कोरोना की चपेट में
4पीएम न्यूज नेटवर्क. लखनऊ। प्रदेश की जेल में बंद कैदियों में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए यूपी सरकार ने अब कैदियों को पैरोल पर रिहा करने का निर्णय लिया है। यूपी सरकार प्रदेश की जेलों में बंद करीब 10 हजार कैदियों को पैरोल पर रिहा करेगी। पैरोल पर कैदियों की रिहाई चरणबद्ध तरीके से की जाएगी। जानकारी के मुताबिक सबसे पहले चरण में उन कैदियों को रिहा किया जाएगा जो पहले भी छोड़े गए थे और बिना किसी परेशानी के पैरोल खत्म होने के बाद वापस भी आ गए थे। इसके बाद अन्य कैदियों की रिहाई पर विचार होगा। पैरोल पर कैदियों की रिहाई से यूपी की जेलों में बंद कैदियों में कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने के खतरे को कम किया जा सकेगा। गौरतलब है कि इस समय यूपी की जेलों में बंद डेढ़ हजार से अधिक कैदी कोरोना की चपेट में हैं। यूपी की जेलों में बंद 1604 कैदी कोरोना वायरस से संक्रमित हैं। 156 जेलकर्मी भी संक्रमित हैं। वहीं 11 कोरोना संक्रमित कैदियों की मौत भी हो चुकी है। यूपी की 71 स्थायी जेलों में 1.8 लाख से अधिक बंदी निरुद्ध हैं। जेलों की क्षमता से बंदी अधिक हैं। यही वजह है कि जेलों के भीतर व्यवस्थाएं करना भी किसी चुनौती से कम नहीं रहा है। डीजी जेल आनन्द कुमार ने जेलों में कोरोना से बचाव के सभी बंदोबस्त किए जाने के कड़े निर्देश दिए हैं। फिलहाल जेलों में बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर पूरी तरह पाबंदी है। जेल में इस्तेमाल होने वाला सामान भी सेनेटाइज करने के बाद ही भीतर ले जाने की अनुमति है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से जेल में कोरोना संक्रमण का खतरा कम करने के लिए कैदियों को पैरोल पर रिहा करने के लिए कहा था।
बंदियों ने बड़े पैमाने पर किया मास्क का निर्माण
जेलों में बंदियों को कोरोना संक्रमण से बचाने के विभिन्न प्रयासों के बीच उन्हें काढ़ा, पौष्टिक भोजन व फल दिए जाने के साथ ही नियमित योगा भी कराया जा रहा है। डीजी जेल आनंद कुमार ने एक मई को इसे लेकर सभी जेल अधकारियों को विस्तृत निर्देश भी दिए थे। जेलों में मुनक्का, दालचीनी, काली मिर्च, सोंठ, तुलसी की पत्ती व अन्य जड़ी बूटियों का उपयोग कर काढ़ा तैयार कर बंदियों व जेलकर्मियों को पिलाया जा रहा है। बंदियों को योगा भी कराया जा रहा है और उन्हें कोरोना से बचाव के उपायों के प्रति जागरूक किया जा रहा है। इसके अलावा डीजी जेल ने महामारी के इस भयानक दौर में बंदियों के परिवारीजन को भी चिकित्सकीय सलाह व दवाएं उपलब्ध कराए जाने की पहल की है। डीजी जेल आनंद कुमार ने बताया कि यूपी की जेलों में बंदियों ने मास्क का निर्माण भी बड़े पैमाने पर किया है।

जनता की मदद के लिए संपत्ति भी गिरवी रखने को तैयार बीजेपी सांसद वरूण गांधी

4पीएम न्यूज नेटवर्क. लखनऊ। पीलीभीत से बीजेपी सांसद वरुण गांधी अपने निजी पैसे से लोगों की मदद के लिए 100 बड़े ऑक्सीजन सिलेंडर की खेप लेकर खुद वह पीलीभीत पहुंचे। उन्होंने यह खेप जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को सौंप दी। उन्होंने कहा कि इस संकट में फंसे लोगों की मदद के लिए वह अपनी संपत्ति भी गिरवी रखने को तैयार है। सांसद वरुण गांधी ने कुछ दिन पहले ही पीलीभीत की जनता से वादा किया था कि वह इस कोरोना संकट में जनता की मदद के लिए 100 बड़े सिलेंडर भेजेंगे। आज उन्होंने अपना वादा पूरा करके दिखाया। सभी जरूरतमंद लोगों को आसानी से ऑक्सीजन उपलब्ध हो सके। इसके लिए एक बार फिर उन्होंने अपने निजी खर्चे से यह काम कर दिखाया, बताया जा रहा है कि ऑक्सीजन की यह खेप मुंबई से मंगाई गई थी। भाजपा सांसद वरुण गांधी का कहना है कि पीलीभीत जिला मेरा परिवार है और यहां पर कोरोना संकट में हम अपनी पूरी ताकत लगा देंगे। उन्होंने कहा कि इस संकट में फंसे लोगों की मदद के लिए वह अपनी संपत्ति भी गिरवी रखने को तैयार हो जाएंगे। अगर लोगों को किसी भी तरीके की दिक्कत का सामना नहीं करने देंगे। उत्तर प्रदेश में पिछले 24 घंटों पर नजर डाली जाए तो 21,331 नए मामले सामने आए हैं। वहीं 278 लोगों ने इस महामारी के आगे दम तोड़ दिया है।

अमिताभ ठाकुर ने अनिवार्य सेवानिवृति को कैट में चुनौती दी
4पीएम न्यूज नेटवर्क. लखनऊ। पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने अपने अनिवार्य सेवानिवृति के आदेश को केन्द्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट) की लखनऊ बेंच में चुनौती दी हैं। उन्हें गृह मंत्रालय, भारत सरकार के आदेश के क्रम में उत्तर प्रदेश शासन द्वारा 23 मार्च 2021 को अनिवार्य सेवानिवृति दी थी। अमिताभ ने अपनी याचिका में कहा कि भारत सरकार तथा उत्तर प्रदेश शासन के आदेश पूरी तरह गलत हैं और मात्र उनके प्रति व्यक्तिगत तथा व्यवस्थाजन्य विद्वेष तथा पूर्वाग्रह के कारण पारित किए गए हैं, जिससे उनका पूरा परिवार दुष्प्रभावित हुआ है। अमिताभ ने कहा कि यूपी शासन ने बिना कारण व आधार के मनमाने ढंग से उनका नाम चुन कर उन्हें सेवा से निकाले जाने की संस्तुति की, जिसे भारत सरकार ने अनुमोदित कर दिया। अत: जब उन्होंने इस आदेश से संबंधित अभिलेख मांगे तो दोनों सरकार द्वारा उन्हें अभिलेख देने से मना कर दिया गया। अमिताभ ने कहा कि इस प्रकार से अभिलेख देने से मना करने से यह साफ हो जाता है कि दोनों सरकार के आदेश गलत हैं और इन्हें छिपाना चाहती हैं। अत: उन्होंने इस आदेश को खारिज करते हुए उन्हें सेवा में वापस लिए जाने तथा उन्हें इस अवधि के समस्त सेवा लाभ दिए जाने की प्रार्थना की है।

कोरोना मरीजों को भर्ती न करने वाले अस्पतालों का खत्म होगा कोविड का दर्जा

4पीएम न्यूज नेटवर्क. लखनऊ। राजधानी लखनऊ के ऐसे अस्पताल जो बेड होने के बावजूद कोरोना मरीजों की भर्ती नहीं कर रहे हैं, उनको कोविड अस्पताल की सूची से बाहर किया जाएगा। कोविड की प्रभारी अधिकारी रोशन जैकब ने कहा कि पोर्टल पर अभी तक लॉगिन न करने वाले, पोर्टल में बेड रिक्त होने के बाद भी रोगियों को भर्ती न करने वाले और पोर्टल पर समय पर बेड की स्थिति का विवरण न दर्ज करने वाले हॉस्पिटलों कि सूची तत्काल उपलब्ध कराई जाए। ताकि उनकी जिम्मेदारी तय की जा सके। उन्होंने पूजा और रेवाता दो अस्पतालों को सूची से बाहर भी कर दिया है। राजधानी हॉस्पिटल, संजीवनी हॉस्पिटल, जीसीआरजी हॉस्पिटल व लखनऊ हॉस्पिटल के सम्बंध में प्राप्त शिकायतों का संदर्भ लेते हुए प्रभारी अधिकारी द्वारा शिकायतों का क्रास वेरिफिकेशन कमाण्ड सेंटर द्वारा कराया गया। सत्यापन में संज्ञान में आया कि राजधानी हॉस्पिटल व संजीवनी हॉस्पिटल द्वारा पोर्टल पर समय अपडेट किया जा रहा है। परंतु दोनों हॉस्पिटल के द्वारा बेड रिक्त होने के बाद भी जल्दी रोगियों को भर्ती नहीं किया जाता है। इसके लिए प्रभारी अधिकारी ने दोनों हॉस्पिटल को स्पष्टीकरण जारी करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही बताया कि जो हॉस्पिटल कोविड रोगियों के उपचार हेतु समस्त सुविधाओं से सुसज्जित है और कोविड रोगियों का उपचार करने के लिए प्रतिबद्ध है।

कोविड मरीजों के लिए फ्री ऑटो सेवा

4पीएम न्यूज नेटवर्क. लखनऊ। राजधानी में कोरोना संक्रमण की स्पीड थोड़ी कम हुई है। कोरोना की चेन तोड़ने के लिए सरकार के साथ-साथ लखनऊ की सामाजिक संस्थाएं भी लगातार कोविड रोगियों का सहयोग कर रही है। इसी कड़ी में कोविड महामारी में कोविड मरीजों को सुविधा प्रदान करने हेतु स्प्रेड स्माइल संस्था, लखनऊ ऑटो थ्रीव्हीलर संघ (लार्ट्स) के सहयोग से कोविड मरीजों के लिए आज फ्री ऑटो सेवा की शुरुआत की गई। इस सेवा के लिए तीन हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए जाएंगे, जिससे शहर में जरूरतमंद कोविड मरीजों को फ्री ऑटो सेवा मिल सके। बता दें कि बीते तीन दिन में कोरोना के पांच हजार से भी कम केस पाए गए। जबकि मौत के आंकड़ों में कमी आई है। राजधानी में कोरोना का ग्राफ लगातार गिर रहा है।

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