कोरोना के खिलाफ शह-मात के खेल में गेमचेंजर साबित होगी ये वैक्सीन
नई दिल्ली। भारत में कोरोना की रोकथाम के लिए चल रहे टीकाकरण के बीच एक बड़ी खबर सामने आई है। भारत में कोरोना के पहले नाक के टीके के परीक्षण को मंजूरी मिल गई है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने शुक्रवार को जानकारी देते हुए कहा कि स्वदेशी वैक्सीन निर्माता भारत बायोटेक द्वारा दिए गए नाक के टीके को दूसरे और तीसरे चरण के परीक्षण के लिए नियामक से मंजूरी मिल गई है। जैव प्रौद्योगिकी विभाग और इसके पीएसयू जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद (बीआईआरएसी) ने इस टीके के विकास में योगदान दिया है। इस वैक्सीन की नाक के जरिए एक डोज दी जाएगी, जो कोरोना को हराने में कारगर साबित हो सकती है। भारत बायोटेक ने इस वैक्सीन का नाम कोरो फ्लू रखा है। इस वैक्सीन का ट्रायल जनवरी में शुरू किया गया था।
वहीं, हाल ही में अमेरिकन सोसाइटी ऑफ वायरोलॉजी के साथ हुई बैठक में मीसा वैक्सीन ने दावा किया कि अगर टीका लगने के बाद वायरस हमला करता है, तो दवा वहां उसे निष्क्रिय कर देगी। कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीन को सबसे बड़ा हथियार माना जा रहा है। इंजेक्शन से दी जाने वाली वैक्सीन के अलावा नेजल कोरोना वैक्सीन का भी ट्रायल चल रहा है। इसके कई सकारात्मक परिणाम भी सामने आ रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि कोरोना से बचाव के लिए नाक से दी जाने वाली नाक का टीका मौजूदा टीकों से ज्यादा कारगर और असरदार हो सकता है। दुनिया भर में पहले चरण में छह नाक के टीकों का परीक्षण किया जा रहा है।
भारत बायोटेक के मुताबिक नेजल स्प्रे की सिर्फ 4 बूंदों की जरूरत होगी। दोनों नथुनों में दो-दो बूंद डालें। इसके लिए अरबों सुइयों की जरूरत नहीं पड़ेगी। डॉक्टरों के मुताबिक इसके लिए किसी ट्रेनर की जरूरत नहीं होगी। लोग इसे स्वयं भी ले सकेंगे। अब इसके परिणाम का इंतजार है। भारत में हर नागरिक तक वैक्सीन की दो डोज पहुंचने में लंबा समय लग सकता है, ऐसे में यह वैक्सीन गेम चेंजर साबित हो सकती है।