गठबंधन से नीतीश-ममता और अखिलेश ने किया किनारा, सामने आई ये बड़ी वजह
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नई दिल्ली। तीन राज्यों में कांग्रेस की बड़ी हार के बाद अब गठबंधन में दरार पडऩे लगी है। ऐसा इसलिए क्योंकि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े द्वारा बुलाई गई बैठक से नीतीश कुमार, ममता बनर्जी और अखिलेश यादव ने किनारा कर लिया है। ये प्रमुख नेता महत्वपूर्ण बैठक में शामिल नहीं हो रहे हैं।
दरअसल कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े ने रणनीति बनाने और फिर से संगठित होने के उद्देश्य से 6 दिसंबर को दिल्ली में एक बैठक बुलाई है। उन्होंने खुद सभी साथी दलों को फोन कर बैठक में आमंत्रित किया था।
तो वहीं सीएम नीतीश कुमार, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कांग्रेस का आमंत्रण ठुकराते हुए ‘ढ्ढहृष्ठढ्ढ्र’ गठबंधन की बैठक में आने से साफ़ इंकार कर दिया है। उनकी जगह ललन सिंह और संजय झा जेडीयू का प्रतिनिधित्व करेंगे।
इसके अलावा ममता बनर्जी ने बैठक के बारे में अनभिज्ञता जाहिर करते हुए उत्तर बंगाल में पूर्व प्रतिबद्धताओं का हवाला देते हुए इसमें शामिल होने से इनकार कर दिया। अखिलेश यादव भी जाने से इंकार कर चुके हैं। ऐसे में उम्मीद है कि औपचारिकता के रूप में राम गोपाल यादव को बैठक में भेजा जा सकता है। आम आदमी पार्टी सुप्रीमो और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल अलग ही कांग्रेस से नाराज़ चल रहे हैं। पंजाब-दिल्ली में अकेले ही लोकसभा चुनाव लडऩे का ऐलान कर चुके हैं। ऐसे में गठबंधन का भविष्य संशय में हैं।
चुनाव नतीजों के बाद गठबंधन को लेकर कांग्रेस के रुख से अखिलेश यादव का असंतोष सामने आया था। उन्होंने मध्य प्रदेश में गठबंधन बनाने में कमलनाथ की अनिच्छा पर नाराजग़ी व्यक्त की थी और एकजुट प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया था। गठबंधन के फैसलों के संभावित प्रभाव को उजागर करते हुए, अखिलेश की पार्टी ने कई सीटों पर कांग्रेस की हार में भूमिका निभाई।