तेल की कीमतें और महंगाई का ग्राफ
sanjay sharma
सवाल यह है कि तेल की बेलगाम होती कीमतें आम आदमी के जीवन को कितना और कहां तक प्रभावित करेंगी? क्या मंदी की मार झेल रहे तमाम उद्योग धंधों पर इसका असर नहीं पड़ेगा? क्या धान की रोपाई के वक्त तेल के दामों में इजाफा किसानों की कमर नहीं तोड़ देगा? क्या माल ढुलाई में बढ़ोतरी का असर बाजार पर नहीं पड़ेगा?
पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों से आने वाले दिनों में महंगाई का ग्राफ बढ़ सकता है। इसका सीधा असर आम आदमी की जेब पर पड़ेगा। लॉकडाउन के कारण पस्त हो चुके कई कारोबार इसकी मार को झेल नहीं पाएंगे। खेती-किसानी पर भी इसका असर पड़ेगा। सवाल यह है कि तेल की बेलगाम होती कीमतें आम आदमी के जीवन को कितना और कहां तक प्रभावित करेंगी? क्या मंदी की मार झेल रहे तमाम उद्योग धंधों पर इसका असर नहीं पड़ेगा? क्या धान की रोपाई के वक्त तेल के दामों में इजाफा किसानों की कमर नहीं तोड़ देगा? क्या माल ढुलाई में बढ़ोतरी का असर बाजार पर नहीं पड़ेगा? क्या लॉकडाउन के कारण रोजी-रोजगार गंवा चुके लोगों के लिए महंगाई किसी त्रासदी से कम होगी? क्या सरकार को इस पर नियंत्रण लगाने के लिए ठोस कदम नहीं उठाना चाहिए? क्या महामारी के दौरान इस प्रकार की स्थितियां लोगों को निराशा के गर्त में नहीं ढकेल देगी?
पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार इजाफा हो रहा है। पिछले 18 दिनों में पेट्रोल की कीमत में सात और डीजल के दामों में 8 रुपये प्रति लीटर का इजाफा हो चुका है। इसका सीधा असर सभी पर पड़ेगा। कोरोना काल में वेतन कटौती और कम मुनाफे से परेशान लोगों की मुश्किलें बढ़ जाएंगी। अनलॉक होने के बावजूद कारोबार अभी तक पटरी पर नहीं आ सका है। ट्रांसपोर्टरों को भी पर्याप्त आर्डर नहीं मिल रहे हैं। ऐसे में तेल के दामों में इजाफा इनकी कमर तोडऩे के लिए काफी है। छोटे कारोबारी और कोरोना काल में अपनी रोजी-रोजगार गंवा चुके लोगों के लिए जीवन की गाड़ी चलाना मुश्किल हो जाएगा क्योंकि तेल के दामों में इजाफे का सीधा असर माल ढुलाई पर पड़ेगा। महंगी माल ढुलाई के कारण सभी वस्तुओं के दामों में वृद्धि हो जाएगी। इसके अलावा किसानों के लिए भी यह भयावह साबित होगा। इस समय धान रोपाई का सीजन है। खेतों की जुताई और बुआई के लिए डीजल का प्रयोग किसानों द्वारा किया जाता है। डीजल के दामों में बढ़ोतरी से खेती की लागत बीस प्रतिशत तक बढ़ जाएगी। इसका सीधा असर फसलों की कीमतों पर पड़ेगा। जाहिर है धान और अन्य फसलें महंगी हो जाएंगी। इसके अलावा फल, सब्जी और खाद्यान्न के दाम भी बढ़ जाएंगे। महामारी के दौरान जब लोग किसी तरह अपने को व्यवस्थित करने की तैयारी कर रहे हैं तेल के दामों में इजाफा बड़े झटके से कम नहीं है। सरकार को चाहिए कि वह तेल के दामों पर लगाम लगाए और इसके लिए कोई ठोस कार्ययोजना बनाए। ऐसा नहीं हुआ तो आने वाले दिनों में महंगाई का विस्फाट होना तय है।