राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के आने से पहले बहुर रही गोरखपुर की सड़कें
- कार्यक्रम के बहाने मिल गया खोया हुआ रास्ता
लखनऊ। यूपी के पहले आयुष विश्वविद्यालय का शिलान्यास करने 28 अगस्त को गोरखपुर आ रहे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के आगमन की तैयारियां जोरों पर हैं। इस कार्यक्रम के बहाने प्रशासन ने वर्षों से खोये 10 मीटर चौड़े एवं करीब एक किलोमीटर लंबे रास्ते को खोज लिया है। इस सड़क पर एक जमींदार परिवार का कब्जा था। तरकुलहा से पिपरी गांव को जोड़ने के लिए राजस्व अभिलेख में 10 मीटर चौड़ा रास्ता दर्ज है। गाटा संख्या 67 में दर्ज इस सड़क पर एक जमींदार परिवार का कब्जा था। पिपरी के पूर्व ग्राम प्रधान प्रमोद सिंह, तरकुलहा के पूर्व प्रधान योगेन्द्र कुमार एवं रोजगार सेवक अनिल सिंह ने बताया कि आजादी के समय यह सड़क नवाबी ढर्रा के नाम से जानी जाती थी। बाद में जमींदार परिवार का आवास बन जाने के बाद गेट लगाकर इस सड़क को बंद कर दिया गया। सड़क बंद होने से इस रास्ते से आम लोगों का आना-जाना बंद हो गया। तरकुलहां के पूर्व प्रधान ने मनरेगा के जरिए रास्ते पर मिट्टी भरवाने की कोशिश की थी लेकिन करीब 20 मीटर लंबाई में मिट्टी डालने के बाद जमींदार परिवार से जुड़े लोगों ने काम रुकवा दिया। उसके बाद एक बार फिर सड़क बनने की संभावना खत्म हो गई थी। इधर आयुष विश्वविद्यालय के शिलान्यास के लिए राष्टï्रपति के आगमन की तैयारियां शुरू हुईं तो सरकारी अभिलेख में दर्ज यह सड़क भी अधिकारियों की नजर में आ गई। वरिष्ठ अधिकारियों ने सड़क पाटकर खड़ंजा लगाने का निर्देश दिया। सड़क पाटने के साथ ही खड़ंजा भी लगाया जा रहा है। सड़क बनने से ग्रामीणों में खुशी है। स्थानीय लोगों का कहना है कि राष्ट्रपति के आने से पहले यहां की नहीं, बल्कि जिले के कई सड़कें पक्की जा रही है। उनके जाने के बाद सड़कों का हाल कोई इधर देखने तक नहीं आएगा।