अंबेडकर महासभा से नए स्मारक में स्थानांतरित होगा बाबा साहब का अस्थि कलश

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में योगी सरकार द्वारा बनवाए जा रहे डॉ. भीमराव आंबेडकर स्मारक एवं सांस्कृतिक केन्द्र की आधारशिला राष्टï्रपति राम नाथ कोविन्द ने रख दी है। नया स्मारक और सांस्कृतिक केन्द्र बन जाने के बाद डा. भीमराव अंबेडकर के अनुयायियों की आस्था का केंद्र भी बदल जाएगा। 1991 में बाबा साहब का जो अस्थि कलश विधानसभा मार्ग स्थित अंबेडकर महासभा के भवन में स्थापित किया गया था, वह अब भव्य स्मारक में स्थानांतरित कर दिया जाएगा। पूरी संभावना है कि निर्माण दिसंबर तक पूरा हो जाए और अंबेडकर परिनिर्वाण दिवस यानी छह दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका उद्ïघाटन करें। युवा पीढ़ी को डॉ. आंबेडकर के आदर्शों से परिचित कराने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार लखनऊ स्थित ऐशबाग ईदगाह के सामने लगभग पांच हजार वर्ग मीटर क्षेत्रफल में भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर स्मारक एवं सांस्कृतिक केंद्र का निर्माण करा रही है, जिसका शिलान्यास कल राम नाथ कोविन्द ने किया था।

प्रवेश द्वार के ठीक सामने लगाई जाएगी 25 फीट ऊंची प्रतिमा

संस्कृति विभाग द्वारा बनवाए जा रहे इस प्रेरणा स्थल पर डा. अंबेडकर के दर्शन एवं विचारों, उनके आदर्शों एवं शिक्षाओं व भारत के नवनिर्माण में उनके योगदान पर शोध करने के लिए एक संदर्भ पुस्तकालय और संग्रहालय बनेगा। प्रवेश द्वार के ठीक सामने अंबेडकर की 25 फीट ऊंची प्रतिमा लगाई जाएगी। सांस्कृतिक केन्द्र में पुस्तकालय, शोध केंद्र, अत्याधुनिक प्रेक्षागृह, संग्रहालय, डारमेट्री, कैफेटेरिया, भूमिगत पार्किंग और अन्य जनसुविधाएं विकसित की जाएंगी।

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