अपनों के इंतजार में हैं मुक्तिधाम में रखी हुई अस्थियां

नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने सभी को सोचने पर मजबूर कर दिया है। यहां कोरोना से आए मृत लोगों की अस्थियां श्मशान में ढेर कर दी गई हैं, लेकिन उनके रिश्तेदार भी उन्हें लेने नहीं आ रहे हैं। मृतकों की अस्थियां मुक्तिधाम के राख वाले कमरे में रखी हुई हैं और उनका विसर्जन नहीं किया जा रहा है।
कोरोना इंफेक्शन ने सबको बहुत कुछ सिखाया है। संकट में कई अजनबी मदद के लिए खड़े हो गए, जबकि कई ऐसे हैं जिनके चाहने वालों ने उनका पक्ष छोड़ दिया। कुछ ऐसा ही हाल छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले से भी सामने आया है। जहां कोरोना से आए मृत लोगों की अस्थियां श्मशान में ढेर कर दी गई हैं, लेकिन उनके रिश्तेदार भी उन्हें लेने नहीं आ रहे हैं। मृतकों की अस्थियां मुक्तिधाम के राख वाले कमरे में रखी हुई हैं और उनका विसर्जन नहीं किया जा रहा है।
हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि कोरोना काल से पहले भी कई लोगों की अस्थियां यहां रखी गई थीं। यह मामला ट्विनसिटी भिलाई के रामनार का है। जहां वर्ष 2004 से 2016 तक की अस्थियां अस्थि कक्ष में कलश में रखी गई हैं।
पिछले 17 सालों से 29 राख यहां मोक्ष का इंतजार कर रहे हैं। सालों से मुक्तिधाम की अलमारी में रखी इन राख को लेकर समस्याएं शुरू हो गई थीं, जब कोरोना के कारण हर दिन दर्जनों लोग मर रहे थे। कोरोना से मृत लोगों की अस्थियां रखने के लिए जब जगह कम पडऩे लगी तो मुक्तधाम प्रभारी ने वर्षों से रखी राख को अलग से चिह्नित किया। एक-एक बैग रखकर सभी हड्डियों को अलग रखा जाता है।
मुक्तिधाम के निदेशक ने निगम को नोटशीट तैयार कर भेज दी है। मुक्तिधाम के प्रभारी कृष्ण देशमुख ने बताया कि कई वर्षों से रखी राख में कुछ लोगों के नाम लिखे है। साथ ही राख के 14 कलश हैं जिन पर मरने वाले व्यक्ति का नाम भी नहीं लिखा है। ऐसी स्थिति में परिजनों से संपर्क करना मुश्किल हो रहा है। उन्होंने 2008 से मुक्तिधाम का कार्यभार संभाला है। इसके बाद से परिवार के सदस्य ही अस्थियां लेने नहीं आए।
मुक्तिधाम प्रभारी ने बताया कि पिछले साल से अस्थियां विसर्जन को लेकर बातचीत चल रही है। लेकिन अब तक कोई निष्कर्ष नहीं निकल पाया है। निगम ने एक बार फिर हमसे राख के संबंध में जानकारी मांगी है। जिस पर हमने नोटशीट तैयार कर भेज दी है। अब केवल निगम के उच्च अधिकारी ही इस मामले का निपटारा कर सकते हैं।

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