अपराधियों के आगे नतमस्तक है भाजपा सरकार: अखिलेश..

प्रदेश में विकास ठप, किसान, नौजवान परेशान
किसानों को आतंकी बताना भाजपा की ओछी मानसिकता का प्रतीक

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा है कि यूपी सरकार अपराधियों के आगे नतमस्तक है। विकास कार्य अवरूद्ध हैं। किसान आंदोलित हंै। इसके बावजूद मुख्यमंत्री देशाटन पर है। अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी का निर्वहन करने के बजाय उनका मन स्टार प्रचारक बनकर दूसरे राज्यों में जाने और उनके शहरों के नाम बदलवाने में ज्यादा लगता है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के अन्नदाता की भाजपा सरकार को परवाह नहीं। किसानों के प्रति नफरत रखना, उन्हें आतंकवादी और गुंडा बताना भाजपा की ओछी मानसिकता का प्रदर्शन है। खेती, किसान, गांव में रहने वालों और गरीबों के लिए भाजपा में कोई हमदर्दी नहीं। उन्हें चिंता है तो बस कारपोरेट घरानों की कि कैसे उनकी झोलियां भरी जाएं और प्रदेश की संपत्ति उनकी मर्जी से बंधक बनाई जाए।
उन्होंने कहा कि किसानों को आतंकवादी कहकर अपमानित करना भाजपा का निकृष्टतम रूप है। ये अमीरों की पक्षधर हैं। भाजपा का खेती-खेत, छोटा व्यापार, दुकानदारी, सडक़ परिवहन सब कुछ, बड़े लोगों को गिरवी रखने का षड्यंत्र है। अगर भाजपा के अनुसार किसान आतंकवादी है तो भाजपाई कसम खाए उनका उगाया अन्न नहीं खाएंगे। भाजपा-आरएसएस की रीति-नीति यही है कि जनसामान्य के हितों के मुद्दों से ध्यान भटकाया जाए और व्यर्थ के मुद्दों में उलझाया जाए। गरीबी, भुखमरी, अशिक्षा, बेकारी जैसी समस्याओं के निदान के उपाय सोचने की मुख्यमंत्री को फुरसत नहीं है।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के रहते हालात सुधरने वाले नहीं। जनता के जानमाल की रक्षा की कोई उम्मीद नहीं। शिक्षामित्रों की समस्याएं जस की तस हैं। 17000 अनुदेशकों को प्रतिमाह वेतन देने का वादा भाजपा ने किया लेकिन दिया नहीं। विवश होकर वे आत्महत्या कर रहे हैं। हाल ही में सिद्धार्थनगर के बृजपाल ने फांसी लगा ली। अपने उत्तर प्रदेश में पत्रकार सबसे ज्यादा खतरे में है। कई पत्रकारों की जानें गई हैं। भाजपा आदर्श की बड़ी-बड़ी बातें करती है, किन्तु उसके राज में बहन-बेटियों की जिंदगी सबसे ज्यादा असुरक्षित हो गई है। आए दिन सत्ता संरक्षित दबंग उनकी इज्जत से बेखौफ खेलते है। अपराध पर लगाम लगाने के बजाय मुख्यमंत्री को इस बात की ज्यादा फिक्र है कि कौन किससे शादी कर रहा है? आखिर जो सरकार लोगों को सुरक्षा और सम्मानपूर्वक जीने की गारंटी नहीं दे सकती उसे सत्ता में बने रहने का क्या अधिकार है? मुख्यमंत्री को उत्तर प्रदेश को संवारने का दायित्व मिला था, उसकी देश भर में बदनामी कराने का नहीं।

अब दाखिल-खारिज करना हुआ आसान

राजस्व परिषद ने शुरू की ऑनलाइन आवेदन की व्यवस्थ

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। जमीन लेने के बाद दाखिल-खारिज कराने के नाम पर अब किसी को दौड़ाया नहीं जा सकेगा। जमीन लेने वाला अब स्वयं दाखिल-खारिज के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकेगा। राजस्व परिषद ने इसके लिए नई व्यवस्था शुरू की है। आयुक्त व सचिव राजस्व परिषद मनीषा त्रिघाटिया ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है।
आदेश में कहा गया है कि मौजूदा ऑनलाइन नामांतरण वाद, दाखिल खारिज की प्रक्रिया का सरलीकरण किया गया है। इसके लिए निबंधन कार्यालय व संबंधित पीठासीन अधिकारी के न्यायालय को लिंक किया गया है। इस नई प्रक्रिया में निबंधन कार्यालय द्वारा रजिस्ट्री के समय ही संबंधित पक्षों से नामांतरण, दाखिल-खारिज के लिए रजिस्ट्री व प्रार्थना पत्र आरसीसीएमएस प्रणाली पर अग्रसारित करने पर स्वत: नामांतरण वाद दायर हो जाएगा। इसके साथ ही आवेदनकर्ता को भी आवेदन करने की सुविधा दे दी गई है।

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