करोड़ों की जमीन लाखों में खरीदने का मंत्र बता दीजिये मंत्री जी

  • विपक्ष ने करोड़ों की जमीन को कौड़ियों के भाव खरीदने का लगाया आरोप
  • प्रदेश सरकार से बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी को बर्खास्त करने की मांग
  • सपा और आप नेता ने ट्विटर पर अपलोड किए जमीन खरीद के दस्तावेज
4पीएम न्यूज नेटवर्क. लखनऊ। सामान्य वर्ग के गरीब कोटे से भाई अरुण द्विवेदी के असिस्टेंट प्रोफेसर बनने का विवाद अभी थमा भी नहीं कि खुद बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी जमीन खरीद मामले में घिर गए हैं। विपक्ष ने उन पर करोड़ों की जमीन को कौड़ियों के भाव खरीदने का आरोप लगाते हुए योगी सरकार पर निशाना साधा है। विपक्षी नेताओं ने जमीन के दस्तावेज सोशल मीडिया पर अपलोड कर प्रदेश सरकार से बेसिक शिक्षा मंत्री को बर्खास्त करने की मांग की है। विपक्ष के इस हमले से सरकार में हड़कंप मच गया है। प्रदेश सरकार के भ्रष्टïाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति की पोल एक बार फिर खुल गई है। इस बार बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी पर आरोप लगा है। सपा और आम आदमी पार्टी के नेताओं ने ट्विटर पर जमीन के दस्तावेज अपलोड कर बेसिक शिक्षा मंत्री पर भ्रष्टïाचार का आरोप लगाया है। आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने कहा कि बेसिक शिक्षा मंत्री बनने के बाद सतीश द्विवेदी ने करोड़ों की जमीन खरीदी हैं। जफर अली की सात करोड़ की जमीन मंत्री ने महज 20 लाख में खरीदी। मां के नाम पर मंत्री द्वारा महज 12 लाख रुपये में एक जमीन खरीदी, जिसका सर्किल रेट 65 लाख रुपये है और बाजार की कीमत पांच करोड़ रुपये है। उन्होंने मीडिया को दस्तावेज पेश किए और कहा कि मंत्री बताएं इन जमीनों को खरीदने के लिए पैसा कहां से आया। क्या उन्होंने बच्चों को फटे जूते और स्वेटर देने वाली कंपनियों से पैसे मिले? उन्होंने इसकी शिकायत लोकायुक्तसे करने की बात भी कही है। सपा नेता सुनील सिंह साजन ने भी ट्विटर पर चार रजिस्ट्री की फोटो शेयर कर दावा किया है कि जमीन की रजिस्ट्री सतीश द्विवेदी और उनकी मां के नाम पर है। उनका आरोप है कि जमीन मार्केट रेट से काफी कम दाम पर खरीदी गई है। उनका आरोप है कि एक जमीन की कीमत 65.45 लाख रुपए थी, जिसे 12 लाख रुपए में खरीदा गया है। वहीं, एक जमीन की मार्केट वैल्यू 1.26 करोड़ रुपए थी जिसे महज 20 लाख रुपए में खरीद लिया गया। वहीं कांग्रेस ने भी इस मामले पर सरकार को घेरते हुए सरकार से मंत्री सरकार को बर्खास्त करने की मांग की है। बेसिक शिक्षा मंत्री पर लगे ताजा आरोपों से सरकार और सियासी गलियारे में हड़कंप मच गया है।
एक दिन में जारी किया गया था मंत्री के भाई को सर्टिफिकेट : नूतन
एक्टिविस्ट नूतन ठाकुर ने बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी के भाई अरुण कुमार को एक दिन में ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट जारी किये जाने पर आश्चर्य जताया है। उन्होंने कहा कि अरुण कुमार ने 29 नवंबर 2019 को तहसीलदार इटवा, सिद्धार्थनगर को प्रार्थनापत्र दिया जिस पर उन्होंने तथा राजस्व निरीक्षक खुनियांव ने तत्काल रिपोर्ट मांगी। इस संबंध में लेखपाल, क्षेत्र संख्या 103 ने उसी दिन अपनी रिपोर्ट दी कि अरुण कुमार की आय 2,25,000 प्रतिवर्ष है, जिसे राजस्व निरीक्षक ने अग्रसारित किया और तहसीलदार ने उसी दिन प्रमाणपत्र निर्गत करने के आदेश दे दिए। इसके क्रम में 29 नवंबर 2019 को ही प्रमाणपत्र जारी हो गया। नूतन ने कहा कि इस मामले में इतनी तेजी से सरकारी विभाग में किया गया काम साफ दर्शाता है कि उत्तर प्रदेश में आम और खास में कितना भेदभाव है।

भाई की नियुक्ति पर भी कठघरे में मंत्री
भाई अरुण द्विवेदी की सिद्धार्थ विश्वविद्यालय, कपिलवस्तु में असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर हुई नियुक्ति के मामले में भी मंत्री सतीश द्विवेदी विवादों में घिरे हैं। हालांकि उनके भाई ने अब असिस्टेंट प्रोफेसर के पद से इस्तीफा दे दिया है। कुलपति प्रोफेसर सुरेंद्र दुबे ने बताया कि मनोविज्ञान विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर 21 मई को पदभार ग्रहण करने वाले अरुण कुमार द्विवेदी का इस्तीफा तत्काल मंजूर कर लिया गया है।
1 करोड़ 26 लाख 29 हजार की जमीन 20 लाख में चाहिये तो आदित्यनाथ जी की सरकार में मंत्री बन जाइये। योगी जी आपकी सरकार बहुत सख्त है लॉकडाउन तोड़ने पर हाथ पैर में कील गाड़ देती है। क्या इस भ्रष्ट मंत्री को भी बर्खास्त करेंगे?
संजय सिंह, सांसद, आप
गरीब का हक मार कर ईडब्ल्यूएसकोटे के तहत अपने भाई की फर्जी नियुक्ति कराने वाले सीएम योगी आदित्यनाथ के ईमानदार बेसिक शिक्षा मंत्री, करोड़ों की जमीन 20 लाख में बैनामा कराने का भी हुनर रखते हैं। अब समझ में आ रहा है कि भाई ने इस्तीफा क्यों दिया। योगीजी आपके मंत्री कब इस्तीफा देंगे?
सुनील सिंह साजन, एमएलसी, सपा
योगी सरकार के मंत्री भ्रष्टïाचार कर रहे हैं। मंत्री ने सवा करोड़ की जमीन महज 20 लाख में खरीद ली। चार-चार रजिस्ट्री हैं। अपने भाई को करप्शन के जरिए नौकरी दी थी। अब कहां गई भाजपा सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति। मंत्री को बर्खास्त किया जाए और इनकी पूरी संपत्ति की जांच की जाए।
अजय कुमार लल्लू, प्रदेश अध्यक्ष, कांग्रेस
प्रदेश सरकार भ्रष्टïाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की बात करती है जबकि उसके मंत्री करप्शन कर रहे हैं। करोड़ों की जमीन कौड़ियों के भाव अपने नाम कर ली। भाजपा राज में भ्रष्टïाचार चरम पर है। सतीश द्विवेदी के भाई को ईडब्ल्यूएस कोटे से नौकरी मिली। इसका भी खुलासा होना चाहिए।
अनुपम मिश्रा, राष्टï्रीय प्रवक्ता, आरएलडी
भाजपा आदर्शवादी पार्टी है। किसी पर आरोप लगाना आसान होता है। मंत्री पर लगे आरोपों की जांच होगी और अगर तथ्य सही मिले तो उनके खिलाफ कार्रवाई भी होगी।
कुमार अशोक पांडेय, विभाग संयोजक, प्रदेश भाजपा

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