कानपुर में अपहरण और हत्या का शर्मनाक कांड, एएसपी और सीओ सस्पेंड एसएसपी का नहीं बिगड़ा कुछ
- पुलिस ने खुद दिलायी थी फिरौती, पुलिस की आंखों के सामने से लाखों रूपये ले गए थे अपहरणकर्ता
- एक के बाद एक शर्मनाक घटना कानपुर में मगर एसएसपी का जलवा बरकरार
- विपक्ष ने बोला सरकार पर तीखा हमला
- लगातार बिगड़ती कानून व्यवस्था सरकार की साख पर खड़े कर रही है सवाल
- सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम ने पीडि़त परिवार को दिया पांच लाख का चेक
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। कानपुर में अपहरण और हत्या का शर्मनाक कांड हुआ है। इस मामले में कानपुर पुलिस गंभीर आरोपों के घेरे में है। पुलिस के कहने पर फिरौती की रकम देने के बाद भी अपहरणकर्ताओं ने लैब टेक्नीशियन संजीत यादव की हत्या कर दी। अपहरणकर्ता पुलिस के सामने से तीस लाख लेकर चंपत हो गए और वह हाथ मलती रही। इस मामले में एएसपी और सीओ समेत चार लोगों को सस्पेंड किया गया है लेकिन कानपुर में एक के बाद एक शर्मनाक घटनाओं के बाद भी एसएसपी का जलवा बरकरार है। उनके खिलाफ कोई कार्रवाई अभी तक नहीं की गई है। विपक्ष ने कानून व्यवस्था को लेकर सरकार पर तीखा हमला बोला है। वहीं सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम ने पीडि़त परिवार को पांच लाख का चेक दिया।
बर्रा थाना क्षेत्र निवासी तीस वर्षीय संजीत लैब टेक्नीशियन था। 22 जून की शाम वह घर नहीं पहुंचा। 29 जून को फिरौती के लिए फोन आया। संजीत के पिता चमन लाल ने इसकी जानकारी पुलिस को दी लेकिन बर्रा थाना पुलिस और सर्विलांस सेल कॉल को ट्रेस नहीं कर पाई। अपहरणकर्ता 30 लाख की फिरौती न देने पर युवक की हत्या की धमकी दे रहे थे। परिजनों का आरोप है कि पुलिस संजीत को छुड़ाने के लिए फिरौती देने के लिए बोली। उन्होंने पुलिस निगरानी में 13 जुलाई को फिरौती के 30 लाख गुजैनी पुल से फेंककर अपहरणकर्ताओं को दिए थे। अपहरणकर्ता पुलिस के सामने से ही पैसों से भरा बैग लेकर भाग गए। एक महीने बाद जब कल पांच अपहरणकर्ताओं को पकड़ा गया तो संजीत यादव की हत्या का खुलासा हुआ है। अपहरणकर्ताओं ने संजीत की लाश को पांडु नदी में फेंक दिया था। फिलहाल संजीत का शव बरामद नहीं हो सका है। वहीं सीएम योगी के निर्देश के बाद अपर पुलिस अधीक्षक, दक्षिणी कानपुर नगर, आईपीएस अपर्णा गुप्ता और मनोज गुप्ता तत्कालीन सीओ को निलंबित कर दिया गया है। पूर्व प्रभारी निरीक्षक थाना बर्रा रणजीत राय और चौकी इंचार्ज राजेश कुमार को भी निलंबित कर दिया गया है। वहीं फिरौती के लिए पैसे दिए गए या नहीं इसकी जांच एडीजी, पुलिस हेडक्वार्टर्स लखनऊ बीपी जोगदंड करेंगे।
भाई की मौत के लिए पुलिस जिम्मेदार: रूचि
युवक के परिजन उसकी ह्त्या की खबर सुनते ही पुलिस पर भडक़ उठे। संजीत की बहन रूचि ने कहा कि थानेदार, चौकी प्रभारी और पुलिस अधीक्षक ही मेरे भाई की मौत के लिए जिम्मेदार हैं।
पांच गिरफ्तार: एसएसपी
कानपुर के एसएसपी दिनेश कुमार पी ने बताया कि पुलिस ने इस मामले में ईशू उर्फ ज्ञानेन्द्र यादव निवासी दबौली वेस्ट, कुलदीप गोस्वामी निवासी सरायमीता कच्ची बस्ती, नीलू सिंह निवासी गज्जा पुरवा, रामजी शुक्ला निवासी अंबेडकरनगर गुजैनी और प्रीती शर्मा निवासी कौशलपुरी को गिरफ्तार किया है। ज्ञानेंद्र और कुलदीप संजीत के साथ काम करते थे और उसके दोस्त बन गए थे। 22 जुलाई को जन्मदिन पार्टी के बहाने संजीत अपहरण किया गया। 26 जून की रात संजीत ने भागने की कोशिश की थी, जिसपर सभी ने मिलकर उसकी गला दबाकर हत्या कर दी और शव को पांडु नदी में फेंक दिया था। इसके बाद फिरौती मांगी गई थी।
कानपुर से अपहृत इकलौते बेटे की मौत की खबर दुखद है। चेतावनी देने के बाद भी सरकार निष्क्रिय रही। अब सरकार 50 लाख का मुआवजा दे। सपा मृतक के परिवार को 5 लाख की मदद देगी। अब कहां है दिव्य-शक्ति सम्पन्न लोगों का भयोत्पादक प्रभा-मंडल व उनकी ज्ञान-मंडली।
अखिलेश यादव, सपा प्रमुख
उप्र में कानून व्यवस्था दम तोड़ चुकी है। आम लोगों की जान लेकर अब इसकी मुनादी की जा रही है। घर हो, सडक़ हो, ऑफिस हो कोई भी खुद को सुरक्षित महसूस नहीं करता। विक्रम जोशी के बाद अब कानपुर में अपहृत संजीत यादव की हत्या। पुलिस ने किडनैपर्स को पैसे भी दिलवाए और अब उनकी हत्या कर दी गई। एक नया गुंडाराज आया है। इस जंगलराज में कानून-व्यवस्था गुंडों के सामने सरेंडर कर चुकी है।
प्रियंका गांधी, कांग्रेस महासचिव
यूपी में जारी जंगलराज के दौरान एक और घटना में कानपुर में अपहरणकर्ताओं द्वारा संजीत यादव की हत्या करके शव को नदी में फेंक दिया गया जो अति-दु:खद व निन्दनीय है। प्रदेश सरकार खासकर अपराध-नियंत्रण व कानून-व्यव्स्था के मामले में तुरन्त हरकत में आए।
मायावती, बसपा प्रमुख
एक्साइज कमिश्नर की नाक के नीचे मेरठ में जहरीली शराब पीने से तीन मरे
- डूंगर गांव में शराब पीने से कई लोगों की बिगड़ी तबीयत
- शराब बांटने वाले की गिरफ्तारी नहीं होने पर गांव के लोगों में भारी आक्रोश
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। भ्रष्टï आबकारी अफसरों के चलते यूपी में नकली शराब, एमआरपी से ज्यादा दाम पर शराब, हरियाणा से लाई गई तस्करी की शराब, स्थानीय स्तर पर बनाई गई अवैध शराब की बिक्री जोरों पर है। मेरठ के रोहटा के डूंगर गांव में जहरीली शराब पीने से कई लोगों की मौत हुई है और दर्जन भर से ज्यादा का इलाज चल रहा है।
खास बात ये कि एक्साइज कमिश्नर पी गुरुप्रसाद मेरठ के ही कोविड-19 ऑपरेशन के नोडल आफिसर हैं और यहीं कैंप किए हुए हैं। उनकी नाक के नीचे जहरीली शराब बिकी और लोग पीकर मर गए। मेरठ के जिला आबकारी अधिकारी आलोक कुमार हैं जो बसपा राज में चर्चित अधिकारी रहे हैं। इन्हें ट्रांसफर-पोस्टिंग एक्सपर्ट माना जाता है। मेरठ जैसे संवेदनशील जिले की इन्हें जिम्मेदारी देने का रिजल्ट सामने है। डूंगर गांव में भावी प्रधान प्रत्याशी सचिन गुर्जर ने जो शराब बांटी वो जहरीली निकली। उसे पीने से तीन ग्रामीणों की मौत हो गई। 12 से ज्यादा अस्पताल में भर्ती कराए गए हैं। इनमें से कई तो जीवन मौत के बीच संघर्ष कर रहे हैं। पुलिस ने आरोपी के घर से चार पेटी अवैध शराब बरामद की है। गांव के कई लोगों ने यह शराब पी। इसके बाद लोगों की तबीयत बिगडऩे लगी। फिलहाल जिला प्रशासन व आबकारी विभाग के अफसर जहरीली व अवैध शराब से मौत की बात को छुपाने-ढंकने में जुट गए हैं। पुलिस अभी तक मुख्य आरोपित सचिन गुर्जर को पकडऩे में विफल रही है।
हाईकोर्ट ने खारिज की याचिका, राम मंदिर के भूमि पूजन का रास्ता साफ
- भूमि पूजन को रोकने के लिए दायर की गई थी याचिका
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। अयोध्या में पांच अगस्त को राम मंदिर के भूमि पूजन का रास्ता साफ हो गया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भूमि पूजन को रोकने के लिए दायर याचिका को ठुकरा दिया है।
साकेत गोखले की याचिका पर मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर तथा न्यायमूर्ति एसडी सिंह की पीठ ने कहा है कि याचिका कल्पनाओं पर आधारित है। फिर भी कोर्ट ने आयोजकों व राज्य सरकार से अपेक्षा की है कि वे सोशल व शारीरिक दूरी बनाए रखने के दिशा-निर्देशों के अनुसार कार्यक्रम करेंगे। कोर्ट ने कहा है कि कार्यक्रम में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न करने की आशंका का कोई आधार नहीं है और याचिका खारिज कर दी है। चीफ जस्टिस ने लेटर पिटीशन को जनहित याचिका के तौर पर स्वीकार करते हुए भूमि पूजन के कार्यक्रम पर रोक लगाने की मांग में दाखिल याचिका की सुनवाई की।