कानपुर में चार स्तरीय होगी राष्टï्रपति की सुरक्षा दीवार

  •  120 फिट दूर रहेंगे बिन बुलाए मेहमान

कानपुर। राष्टï्रपति रामनाथ कोविंद की सुरक्षा चार स्तरीय होगी। सुरक्षा में 100 स्नाइपर्स और 80 स्पेशल कमांडो के अलावा दस जनपदों की पुलिस फोर्स और आरपीएफ व जीआरपी तैनात रहेगी। आज और कल सुरक्षा संबंधी तैयारियों का अफसरों ने जायजा लिया और कहां किसकी ड्यूटी रहेगी, इसका निर्धारण भी किया। वहीं सेंट्रल रेलवे स्टेशन, सर्किट हाउस के अलावा अब एयरपोर्ट पर भी कमांड सेंटर बनाने का फैसला किया गया है। राष्टï्रपति की सुरक्षा के लिए जो मैप तैयार किया गया है। उसमें बाहरी घेरा पुलिस, पीएसी, जीआरपी और आरपीएफ का होगा, जो अत्याधुनिक हथियारों से लैस होंगे। इस सुरक्षा घेरे को आउटर कार्डन कहा जाता है। आउटर कार्डन से आगे, लेकिन कार्यक्रम स्थल से बाहर एक और सुरक्ष दस्ता तैनात होगा, इसे इनर कार्डन कहा जाता है। इस दस्ते में तैनात सुरक्षा कर्मचारी छोटे हथियार जैसे पिस्टल आदि अपने साथ रखते हैं। इसके बाद कार्यक्रम स्थल के अंदर तीसरा सुरक्षा चक्र रहेगा, जो कि बिना वर्दी के होता है। कुछ के पास छोटे हथियार होते हैं। यह सुरक्षा मुख्यालय के जवान होते हैं, जिनका काम केवल उन्हीं लोगों को अंदर प्रवेश देना है, जिनके पास अनुमति है। इस विंग के साथ खुफिया दस्ते के लोग भी रहेंगे, जो कि अंदर बाहर टोह लेते रहेंगे। राष्टï्रपति के सबसे करीब जो सुरक्षा दस्ता रहेगा वह राष्टï्रपति सुरक्षा गार्ड के जवान होंगे। इस सुरक्षा चक्र को आइसोलेशन कार्डन कहा जाता है। सूत्रों के मुताबिक राष्टï्रपति की सुरक्षा में 100 स्नाइसर्प और 80 स्पेशल कमांडो जवान तैनात रहेंगे। राष्टï्रपति की सुरक्षा में नौ जिलों की फोर्स तैनात की जाएगी।

रूट में ड्रोन या गुब्बारा उड़ाया तो खैर नहीं

राष्टï्रपति सेंट्रल रेलवे स्टेशन से वाया सड़क मार्ग सर्किट हाउस पहुंचेंगे। इस दौरान रूट पर गुब्बारा उड़ाना या ड्रोन उड़ाना प्रतिबंधित रहेगा। ऐसा करते पकड़े जाने पर पुलिस कानूनी कार्रवाई भी कर सकती है। राष्टï्रपति दौरे को लेकर तैयारियां तेजी के साथ चल रही हैं। इस बीच राष्टï्रपति भवन से एक आदेश आया है, जिसमें कहा गया है कि तैयारियों की व्यवस्था ऐसी हो कि राष्ट्रपति को कम से कम पैदल चलना पड़े। गौरतलब है कि राष्टï्रपति की हाल ही में सर्जरी हुई है। ऐसे में उनके स्वास्थ्य का खयाल रखते हुए ऐसा कार्यक्रम प्लान करने को कहा गया है, जिसमें राष्टï्रपति को अधिक पैदल न चलना पड़े।

Related Articles

Back to top button