किसानों का भारत बंद दिल्ली से उप तक जोरदार प्रदर्शन चक्का जाम ट्रेनें रुकीं
- किसानों ने दिल्ली-यूपी और चंडीगढ़ हाईवे को किया जाम कानूनों को वापस लेने की मांग
- किसान मंच के प्रदेश अध्यक्ष समेत कई प्रदर्शनकारी हिरासत में, विपक्षी दलों ने किया प्रदर्शन
- लखनऊ में विधान भवन के सामने धरने पर बैठे सपा एमएलसी, कई नजरबंद
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों के विरोध में किसान संगठनों द्वारा आज बुलाए गए भारत बंद का देशभर में व्यापक असर दिखा। किसानों की मांगों के समर्थन में सपा और कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने दिल्ली से लेकर यूपी तक जोरदार प्रदर्शन किया। कई राज्यों में चक्का जाम कर दिया गया और ट्रेनें रोकी गईं। उत्तर प्रदेश में कई स्थानों पर पुलिस और सपा कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हुई। कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया। कई सपा नेताओं को नजरबंद कर दिया गया। वहीं किसानों ने दिल्ली-यूपी हाईवे एनएच-24 और चंडीगढ़ हाईवे को बंद कर दिया। कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर किसान कई दिनों से दिल्ली बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं।
भारत बंद के मद्देनजर यूपी पुलिस ने किसान मंच के प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र तिवारी को हिरासत में ले लिया है जबकि वाराणसी में दर्जन भर से ज्यादा सपा नेताओं को उनके घर में नजरबंद कर दिया गया है। सपा कार्यकर्ताओं ने प्रयागराज में बुंदेलखंड एक्सप्रेस को रोक दिया। इटावा में सुबह ही सपा कार्यकर्ता सडक़ों पर उतर आए और प्रदर्शन किया। लखनऊ के ग्रामीण क्षेत्रों में धारा 144 लागू कर दी गई है। विधान भवन पर सपा एमएलसी सुनील साजन, आनंद भदौरिया, राज्यपाल कश्यप व आशु मालिक गेट नंबर तीन पर धरने पर बैठे। बिहार में राजद कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। राजस्थान के जयपुर में भाजपा-कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हुई। कर्नाटक में कांग्रेस ने जमकर प्रदर्शन किया। वहीं, बंगाल, उड़ीसा और आंध्र प्रदेश में वामपंथी पार्टियों ने प्रदर्शन किया और ट्रेनें भी रोकीं। इस दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए।
पूर्व मंत्री गोप ने दिया धरना
बाराबंकी में सपा नेता व पूर्व कैबिनेट मंत्री अरविन्द गोप को मंदिर जाने से रोककर हाउस अरेस्ट किया गया। वे अपने साथियों के साथ धरने पर बैठ गए। उन्होंने कहा कि जब तक किसान विरोधी कानून को सरकार वापस नहीं लेती है तब तक समाजवादी नेता इसका विरोध करते रहेंगे। अन्नदाता किसान का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
अनशन पर बैठे अन्ना हजारे
केन्द्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों के समर्थन में सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे आज एक दिन के अनशन पर बैठ गए हैं। हजारे ने कहा कि देश में आंदोलन होना चाहिए ताकि सरकार पर दबाव बने और वह किसानों के हित में कदम उठाए। हजारे महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के रालेगण सिद्धि गांव में अनशन पर बैठे हैं।
आप का दावा, केजरीवाल को किया गया नजरबंद
आम आदमी पार्टी (आप) के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि गृह मंत्रालय के निर्देश पर दिल्ली पुलिस ने मुख्यमंत्री अरङ्क्षवद केजरीवाल को घर में नजरबंद कर दिया है। किसी को न तो घर से निकलने की इजाजत दी जा रही है और न ही बाहर से किसी को घर में जाने दिया जा रहा। हमारे विधायकों को पीटा गया है। वहीं डीसीपी एंटो अल्फोंस ने कहा कि मुख्यमंत्री आवास के बाहर आप और भाजपा कार्यकर्ताओं के टकराव को रोकने के लिए पुलिस बल को तैनात किया गया है और मुख्यमंत्री के आने-जाने या उनसे किसी के मिलने पर कोई रोक नहीं है।
शायराना अंदाज में बोले अखिलेश
च्अपनी जमीं की खातिर हम माटी में जा लिपटेंगेज्
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने शायराना अंदाज में ट्वीट करके भाजपा सरकार पर तंज कसा। सपा प्रमुख ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, अपनी जमीं की खातिर हम माटी में जा लिपटेंगे… वो क्या हमसे निपटेंगे! नहीं चाहिए भाजपा।
ये संघर्ष अरबपति मित्रों की थैली भरने वाले के खिलाफ : प्रियंका
कांंग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर लिखा, जो किसान अपनी मेहनत से फसल उगाकर हमारी थालियों को भरता है, उन किसानों को भाजपा सरकार अपने अरबपति मित्रों की थैली भरने के दबाव में भटका हुआ बोल रही है। ये संघर्ष आपकी थाली भरने वालों और अरबपतियों की थैली भरने वालों के बीच है। आइए, किसानों का साथ दें।
विपक्ष कर रहा पाखंड : जावड़ेकर
भारत बंद के समर्थन में आए विपक्षी दलों पर केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में इन कानूनों के शुरुआत करने की बात कही थी। किसानों ने लागत के अतिरिक्तलाभ की मांग की थी और हम उन्हें पहले ही लागत से 50 फीसदी अधिक दे रहे हैं। जो विपक्षी इन कानूनों को वापस लेने की बात कर रहे हैं वह पाखंडी हैं क्योंकि जब वे सत्ता में थे, तो उन्होंने कान्ट्रैक्ट फॉर्मिंग कानून पास किया था।