घोसी से बीएसपी सांसद अतुल राय को हाईकोर्ट से झटका
- दुष्कर्म मामले में दूसरी जमानत अर्जी भी खारिज
लखनऊ। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने दुष्कर्म मामले में आरोपित घोसी से बहुजन समाज पार्टी के सांसद अतुल राय की दूसरी जमानत अर्जी भी खारिज कर दी है। पहली अर्जी कोर्ट ने यह कहते हुए खारिज कर दी थी कि पीड़िता और गवाहों के बयान दर्ज नहीं हुए हैं। कोर्ट ने कहा कि मामले की गंभीरता, गवाहों के बयान और केस के ट्रायल की स्थिति को देखते हुए आरोपित को जमानत पर रिहा किए जाने का कोई आधार नहीं है। यह आदेश न्यायमूर्ति ओम प्रकाश दिया है। सांसद की तरफ से वरिष्ठï अधिवक्ता जीएस चतुर्वेदी का कहना था कि याची के खिलाफ राजनीतिक रंजिश के कारण दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया गया है। उसे पीड़िता, अंगद राय और सत्यम प्रकाश ने साजिश करके फंसाया है ताकि वह घोसी सीट से चुनाव न लड़ सकें। पीड़िता, अंगद राय व सत्यम प्रकाश की आडियो टेप क्लिपिंग से भी साबित है कि याची को गलत फंसाया गया है। वरिष्ठ अधिवक्ता का यह भी कहना था कि याची के मामले में क्षेत्राधिकारी स्तर के अधिकारी ने जांच कर रिपोर्ट दी थी कि उसे गलत तरीके से फंसाया गया है। यह रिपोर्ट स्वीकार नहीं की गई। फिर दोबारा एसपी सिटी वाराणसी से जांच करवाई गई। इसका विरोध करते हुए अपर शासकीय अधिवक्ता विकास सहाय का कहना था कि याची का लंबा आपराधिक इतिहास है। इस मामले में अभी ट्रायल पूरा नहीं हुआ है और कई महत्वपूर्ण गवाहों के बयान दर्ज नहीं किए गए हैं। बसपा सांसद अतुल राय पर आरोप है कि 2019 में बलिया की युवती को वाराणसी के लंका स्थित एक अपार्टमेंट के फ्लैट में झांसा देकर ले गए और उनका यौन शोषण किया। युवती ने उन पर यह आरोप भी लगाया है कि बसपा नेता दुष्कर्म के बाद उस पर मुंह बंद रखने का दबाव बनाते रहे हैं।