चुनाव से पहले दलित, पिछड़े व मुस्लिम गठजोड़ पर चर्चाएं तेज
- ओमप्रकाश राजभर के साथ दिखे चन्द्रशेखर
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दल अपने-अपने सियासी समीकरण बैठाने में लगे हुए हैं। इसी कड़ी में आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के प्रमुख ओम प्रकाश राजभर व भीम आर्मी के अध्यक्ष चंद्रशेखर से मुलाकात की। चुनाव से पहले इस मुलाकात के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। इसे दलित, पिछड़े व मुस्लिम वोट बैंक के गठजोड़ के रूप में भी देखा जा रहा है। वहीं चन्द्रशेखर ने देर रात प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के नेता शिवपाल यादव से भी मुलाकात की। गैर भाजपा गठबंधन पर दोनों नेताओं के बीच बात हुई। कयास लगाए जा रहे हैं कि ओम प्रकाश राजभर की अगुवाई में बने भागीदारी संकल्प मोर्चा में चन्द्रशेखर की आजाद समाज पार्टी भी शामिल हो सकती है। विधानसभा चुनाव में कई पार्टियों के लिए राजनीतिक समीकरण बदल जाएंगे। भीम आर्मी के कारण बसपा को भी दलित वोटों का नुकसान उठाना पड़ सकता है। ओवैसी ने कहा चुनाव में भाजपा सांप्रदायिक धु्रवीकरण के लिए तालिबान-तालिबान करेगी। हम भाजपा को हराना चाहते हैं। वहीं चन्द्रशेखर ने कहा कि उनकी पार्टी 2022 में एक बड़ी पार्टी बनकर उभरेगी। उन्होंने कहा कि यह तो समय बताएगा कि किसका वोट कटेगा, किसका बंटेगा। हम हर जिले में 300 यूनिट तैयार करेंगे, उनकी तीन दिन ट्रेनिंग कराएंगे। इसके बाद यह टीम जनता के बीच जाएगी और मौजूदा सरकार की नाकामियां बताएगी।
भाजपा में नेता लोडर हैं, लीडर नहीं
सुभासपा के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि हमारे पास तीन विकल्प हैं सपा, बसपा व कांग्रेस। सात सितंबर के बाद हम अभियान चलाएंगे, फिर तय करेंगे कि हम किसके साथ चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि भाजपा के साथ हरगिज नहीं जाएंगे। उन्होंने कहा कि भाजपा में पिछड़े समाज के नेता लोडर हैं, लीडर नहीं। पिछड़े समाज के नेताओं को उचित सम्मान न मिलने का भाजपा पर आरोप लगाते हुए राजभर ने कहा कि सरकार में सहयोगी रहते हुए उनके साथ भी भेदभाव किया जाता रहा।