जम्मू-कश्मीर में मूल निवास को लेकर बड़ा बदलाव
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में मूल निवासी को लेकर पहले से जारी नियमों में बड़े बदलाव किए गए हैं। केंद्र शासित प्रदेश की महिला से शादी करने वाले दूसरे राज्यों के पुरुष भी यहां अधिवास प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकेंगे। सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई है। इससे पहले जम्मू-कश्मीर से बाहर शादी करने वाली महिलाओं के पति राज्य में अधिवास प्रमाण पत्र पाने के पात्र नहीं थे ।
पुराने नियमों पर नजर डालें तो अनुच्छेद 370 और 35 ए के तहत सिर्फ महिलाओं को ही राज्य के स्थायी नागरिकों का दर्जा मिलता था। अब इस नई अधिसूचना के बाद दूसरे राज्यों में शादी करने वाली महिलाओं के पति और उनके बच्चे भी केंद्र शासित प्रदेश के निवासी बन सकते हैं। हालांकि इसमें पुरुषों को शामिल नहीं किया गया। महिलाओं के विपरीत अगर जम्मू-कश्मीर के किसी पुरुष ने दूसरे राज्य की महिला से शादी की तो महिला और उसके बच्चों को रेजिडेंट का दर्जा दिया गया।
खबरों में दावा किया जा रहा है कि सरकार ने लैंगिक असमानता को खत्म करने के लिए यह फैसला लिया है। 5 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को समाप्त कर दिया। फिलहाल केंद्र शासित प्रदेश में परिसीमन को लेकर चर्चा तेज है। हाल ही में आयोग ने इस बारे में स्थानीय नेताओं और समुदायों से राय ली थी ।
गत मार्च में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया था कि 31 दिसंबर 2020 तक जम्मू-कश्मीर सरकार द्वारा 32 लाख अधिवास प्रमाण पत्र जारी किए जा चुके हैं। गृह मंत्रालय की ओर से राज्यसभा में कहा गया, जम्मू-कश्मीर सरकार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार अधिवास प्रमाण पत्र के लिए 31 दिसंबर 2020 तक 35 लाख 44 हजार 938 आवेदन प्राप्त हुए थे। इनमें से 32 लाख 31 हजार 353 आवेदकों को प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं। मंत्रालय के मुताबिक इस अवधि में 2 लाख 15 हजार 438 आवेदन खारिज किए गए हैं।