तो इस तरह से किया जाएगा बाहर निकाले गए मंत्रियों को एडजस्ट

नई दिल्ली। केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार का कैबिनेट विस्तार चौकाने वाला रहा है। क्योंकि जहां कैबिनेट विस्तार में 43 मंत्रियों ने शपथ ली। वहीं 12 मंत्रियों को कैबिनेट से बाहर कर दिया गया। मोदी कैबिनेट रविशंकर प्रसाद, हर्षवर्धन और प्रकाश जावड़ेकर समेत 12 मंत्रियों को बाहर किया गया है। लिहाजा वहीं अब माना जा रहा है कि इन नेताओं को संगठन में शामिल किया जा सकता है। माना जा रहा है कि इनमें से कुछ को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) संगठन में अहम जिम्मेदारियां दी जा सकती हैं। असल में बुधवार को केंद्रीय मंत्रिपरिषद में हुए फेरबदल और विस्तार में भाजपा महासचिव भूपेंद्र यादव और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अन्नपूर्णा देवी सहित पार्टी संगठन में विभिन्न दायित्वों को संभाल रहे चार नेताओं को मोदी कैबिनेट में शामिल किया गया है। वहीं भूपेन्द्र यादव को केंद्रीय श्रम एवं रोजगार के अलावा यादव को वन एवं पर्यावरण मंत्री भी बनाया गया है। जबकि अन्नपूर्णा देवी को शिक्षा राज्यमंत्री बनाया गया है। इसके साथ ही पार्टी के राष्ट्रीय सचिव विश्वेश्वर टुडू, राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव चंद्रशेखर और तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष एल मुरुगन को केंद्रीय मंत्रिपरिषद में शामिल किया गया है। टुडू को जनजातीय कार्य मंत्रालय और जल शक्ति मंत्रालय में राज्य मंत्री की नई जिम्मेदारी दी गई है, जबकि चंद्रशेखर को इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के साथ-साथ कौशल विकास मंत्रालय का राज्यमंत्री नियुक्त किया गया है। इसके साथ ही मुरुगन को मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी के साथ सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में राज्य मंत्री बनाया गया है। वह फिलहाल किसी भी सदन का सदस्य भी नहीं है, इसलिए उसे छह महीने के भीतर किसी भी सदन में चुना जाना जरूरी है। लिहाजा जिन राज्यों में राज्यसभा की सीट खाली हैं और वहां से उन्हें राज्यसभा में भेजा जा सकता है।दरअसल पार्टी में “एक व्यक्ति, एक पद” का सिद्धांत लागू है, इसलिए या तो किसी को संगठन में पद दिया जा सकता है या सरकार में। लिहाजा माना जा रहा है कि जिन नेताओं सरकार से बाहर किया है। उन्हें पार्टी संगठन में भूमिका दे सकती है। इसमें रविशंकर प्रसाद, हर्षवर्धन और जावड़ेकर का नाम प्रमुख है। ये नेता पहले भी संगठन में रह चुके हैं।
फिलहाल भाजपा के मौजूदा संसदीय बोर्ड में सिर्फ सात सदस्य हैं। इनमें भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और संगठन महामंत्री बीएल संतोष प्रमुख हैं। जबकि तीन पद खाली हैं। इसमें सदस्यों की नियुक्ति होनी है।
अगले साल देश के छह राज्यों में चुनाव हैं और भाजपा के लिए ये राज्य काफी अहम है। यही नहीं इसमें सबसे ज्यादा अहम उत्तर प्रदेश है। जिसके लिए पार्टी ने पूरी तरह से फोकस किया है। वहीं उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसको देखते हुए भाजपा अपनी से रणनीति बना रही है और माना जा रहा है कि कैबिनेट से बाहर किए गए मंत्रियों को राज्यों की जिम्मेदारी दी जा सकती है।

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