फिर वार्ता की मेज पर आए किसान मनाने में जुटी सरकार

  • किसान प्रतिनिधिमंडल ने कृषि कानूनों को रद्द करने समेत कई मांगे रखीं
  • आंदोलन आज भी जारी सभी की निगाहें वार्ता पर

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान आज एक बार फिर वार्ता की मेज पर आए। सरकार किसानों को मनाने में जुटी है। वार्ता के दौरान किसान प्रतिनिधिमंडल ने कृषि कानूनों को रद्द करने समेत कई मांगे रखीं। वहीं दिल्ली सीमा पर किसान धरने पर बैठे हैं। सभी की निगाहें वार्ता पर टिकी हुई हैं। माना जा रहा है कि केंद्र सरकार किसानों के तेवरों को देखते हुए इस मामले में लचीला रुख अपना सकती है।
आज किसान नेता और सरकार के बीच विज्ञान भवन में चौथे दौर की वार्ता हो रही है। सूत्रों के अनुसार किसानों की मांगों पर आज केंद्र सरकार लचीला रूख अपना सकती है। एमएसपी पर किसानों की मांग पर किसानों के सामने लिखित में भरोसा दिया जा सकता है कि एमएसपी से छेड़छाड़ नहीं की जाएगी। साथ ही कॉंट्रैक्ट फार्मिंग वाले कानून में कारपोरेट-किसान में विवाद होने पर एसडीएम के साथ-साथ सिविल कोर्ट का विकल्प देने का भी आश्वासन दिया जा सकता है। वहीं केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार लगातार किसानों से बात कर रही है। आज चौथे दौर की बातचीत चल रही है। हमें कुछ सकारात्मक नतीजे की उम्मीद है। वहीं किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि आज की बातचीत सफल रहेगी। दूसरी ओर विपक्ष लगातार सरकार पर किसानों की मांगें मानने का दबाव बनाए हुए है।

जल्द हो समाधान नहीं तो देश को खतरा: अमङ्क्षरदर

किसान आंदोलन पर बातचीत के लिए पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के लिए उनके दिल्ली स्थित आवास पहुंचे। अमरिंदर सिंह ने शाह से मुलाकात के बाद कहा कि सरकार और किसानों के बीच बातचीत जारी है। इसमें मुझे कुछ नहीं करना है। मैंने शाह के साथ बातचीत में अपना विरोध दर्ज कराया है और इस मुद्दे के जल्द समाधान की मांग की है। इस मुद्दे का जल्द समाधान होना चाहिए क्योंकि इससे मेरे राज्य की आर्थिक स्थिति और देश की सुरक्षा को खतरा है।

मांगें पूरी नहीं हुईं तो चक्का जाम करेंगे किसान

गाजियाबाद से वापस गाजीपुर बॉर्डर पर किसान जम गए हैं। किसान नेताओं का कहना है कि मांगें पूरी नहीं हुईं तो देशभर में चक्का जाम करेंगे। वहीं सिंघु बॉर्डर पर आंदोलनरत किसानों की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। इसके मद्देनजर सीमा पर बड़ी संख्या में सुरक्षाबल तैनात किए गए हैं।

किसानों के समर्थन में प्रकाश सिंह बादल ने लौटाया सम्मान

पंजाब के पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल ने भारत सरकार द्वारा किसानों के साथ विश्वासघात करने का आरोप लगाते हुए किसान आंदोलन के समर्थन में पद्म विभूषण लौटा दिया है। वहीं, अकाली दल के नेता रहे सुखदेव सिंह ढींढसा ने भी अपना पद्म भूषण सम्मान लौटाने की बात कही है। प्रकाश सिंह बादल ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को चिट्ठी लिखकर कृषि कानूनों का विरोध किया और किसानों पर एक्शन की निंदा की। प्रकाश सिंह बादल ने लिखा- ‘मैं इतना गरीब हूं कि किसानों के लिए कुर्बान करने के लिए मेरे पास कुछ और नहीं है, मैं जो भी हूं किसानों की वजह से हूं. ऐसे में अगर किसानों का अपमान हो रहा है, तो सम्मान रखने का कोई फायदा नहीं है।

जब जवान भी खिलाफ, किसान भी खिलाफ, तब समझो दंभी सत्ता के दिन अब बचे हैं चार। जब बेबस किसान की न सुनी जाती फरियाद, हुकूमत के गरूर की वो हिला देते हैं बुनियाद। हम कृषि कानूनों के इस संघर्ष में अपने अन्नदाता भाइयों के लिए आटा, दाल, चावल की कमी नहीं होने देंगे। हम सपा के कार्यकर्ताओं व आम जनता से अपील करते हैं कि वो अन्नादाता की हर संभव मदद करें। डॉक्टरों से विशेष आग्रह है कि वो बुजुर्ग किसानों का ख्याल रखें।
अखिलेश यादव, सपा प्रमुख

भाजपा सरकार के मंत्री व नेता किसानों को देशद्रोही बोल चुके हैं, आंदोलन के पीछे अंतरराष्ट्रीय साजिश बता चुके हैं, आंदोलन करने वाले किसान नहीं लगते बोल चुके हैं, लेकिन आज बातचीत में सरकार को किसानों को सुनना होगा। किसान कानून के केंद्र में किसान होगा न कि भाजपा के अरबपति मित्र।
प्रियंका गांधी, कांग्रेस महासचिव

मिर्जापुर में ब्राह्मïण परिवार के तीन भाइयों की हत्या से ब्राह्मïण समाज में भारी रोष

  • किशोरों की बंधी में मिली थी लाश, परिवार में मचा कोहराम

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। मिर्जापुर के लालगंज थाना क्षेत्र के बामी गांव से लापता तीनों चचेरे भाइयों के शव कामापुर गांव में लेहडिय़ा बंधी में मिले। परिजनों ने हत्या किए जाने की आशंका जाताई है। परिजनों का आरोप है कि तीनों की आंखें निकाली गई हैं, कांख और गले में चोट के निशान हैं, हत्या की गई है। ब्राह्मïण समाज के तीन भाइयों की हत्या से ब्राह्मïण समाज में गहरा आक्रोश है। वे प्रदेश सरकार से दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
लालगंज के बामी गांव निवासी राजेश तिवारी की बहन की 30 नवंबर को शादी थी। एक दिसंबर को बरात की विदाई होने के बाद राजेश तिवारी का पुत्र सुधांशु (15), शिवम (15) पुत्र राकेश तिवारी व हरिओम(14) पुत्र मुन्नालाल तिवारी के साथ कूशियरा जंगल में बेर खाने की बात कहकर घर से निकला। शाम तक तीनों के घर न लौटने पर परिजनों ने खोजबीन की लेकिन किसी का पता नहीं चला। इसकी सूचना उन्होंने लालगंज थानाध्यक्ष हरिश्चंद्र सरोज को दी। बंधी से शव को बाहर निकलवाया गया। ग्रामीणों ने बच्चों के शव को राजमार्ग सात पर रखकर जाम लगा दिया था। एसपी अजय कुमार सिंह ने बताया कि मामले में जांच की जा रही है।

मिर्जापुर में ब्राह्मïण समाज के परिवार के बच्चों की हत्या कर दी गई जिसकी हम घोर निंदा करते हैं और शासन से मांग करते हैं कि परिवार को कम से कम एक करोड़ का मुआवजा, नौकरी तथा आवास दिया जाए। साथ ही सरकार यह भी सुनिश्चित करे कि ब्राह्मïण समाज के साथ ऐसी घटनाएं दोबारा न हो अन्यथा सरकार और शासन से ब्राह्मïणों का विश्वास टूट जाएगा जो सरकार और समाज के लिए घातक होगा।
प्रदीप मिश्रा, परशुराम सेना के प्रदेश अध्यक्ष व सह संयोजक व्यापार प्रकोष्ठ भारतीय जनता पार्टी अवध क्षेत्र

पीएफआई कनेक्शन को लेकर ईडी की यूपी समेत कई राज्यों में छापेमारी

  • लखनऊ और बाराबंकी में भी खंगाले जा रहे कनेक्शन

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। एनआरसी, सीएए हिंसा और हाथरस कांड में पीएफआई कनेक्शन को लेकर ईडी की टीम ने आज यूपी समेत कई राज्यों में छापेमारी की। यूपी के लखनऊ और बाराबंकी में भी टीम पीएफआई कनेक्शन को खंगाल रही है। टीम केरल, दिल्ली राजस्थान और यूपी पहुंची है। लखनऊ और बाराबंकी में पीएफआई कनेक्शन खंगाला जा रहा है। गौरतलब है कि सीएए-एनआरसी हिंसा में लखनऊ से पकड़ा गया नदीम बाराबंकी के कुर्सी इलाके का रहने वाला था। दिल्ली में हुई हिंसा में सामने आए पीएफआई कनेक्शन पर ईडी की यह सबसे बड़ी छापेमारी है। टीम ने केरल में 6, तमिलनाडु ने 5, कर्नाटक में 3, दिल्ली में 2, बिहार में 2, महाराष्ट्र और राजस्थान में एक-एक और यूपी में दो ठिकानों पर छापेमारी की। हाथरस कांड में मथुरा से पकड़े गए पीएफआई के सक्रिय सदस्यों से पूछताछ के बाद यह छापेमारी की गई।

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