योगी कैबिनेट में सर्जरी की तैयारी
- विधान सभा चुनाव से पहले कील-कांटे दुरुस्त करने में जुटी भाजपा
- मंत्रियों और विधायकों के साथ हो रही अलग-अलग बैठक
- कई मंत्रियों की हो सकती है छुट्टी
- पार्टी के राष्टï्रीय महासचिव बीएल संतोष और यूपी प्रभारी राधा मोहन सिंह ले रहे मंत्रियों के रिपोर्ट कार्ड
- पार्टी के तेवरों से मंत्रियों के छूट रहे पसीने, संगठन में भी हो सकता है बड़ा बदलाव
4पीएम न्यूज नेटवर्क. लखनऊ। पंचायत चुनाव में झटका खाने के बाद अब भाजपा नेतृत्व विधान सभा चुनाव से पहले सभी कील-कांटे दुरुस्त करने में जुट गया है। पार्टी के राष्टï्रीय महासचिव बीएल संतोष और यूपी प्रभारी राधा मोहन सिंह ने राजधानी में डेरा डाल रखा है। बैठकों का दौर जारी है। पार्टी नेतृत्व मंत्रियों और विधायकों के रिपोर्ट कार्ड ले रहा है। योगी कैबिनेट और संगठन में बड़े बदलाव की तैयारी चल रही है। माना जा रहा है कि जल्द ही कई मंत्रियों की छुट्टी हो सकती है और नए चेहरों को कैबिनेट में जगह मिल सकती है। शीर्ष नेतृत्व के तेवरों से मंत्रियों के पसीने छूट रहे हैं। अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा एक्शन मोड पर है। पार्टी नेतृत्व का पूरा फोकस प्रदेश पर है। यही वजह है कि यूपी प्रभारी राधामोहन सिंह और भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव बीएल संतोष लखनऊ दौरे पर हैं। अपने दौरे के पहले दिन राधामोहन सिंह और राष्ट्रीय महासचिव बीएल संतोष ने प्रदेश महामंत्री सुनील बंसल और प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव के साथ कई घंटे मंथन किया। इस दौरान मंत्री सुरेश खन्ना और स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह से भी उनकी अलग से बैठक हुई। सूत्रों के मुताबिक दोनों नेताओं से उनके विभाग के कामकाज का रिपोर्ट कार्ड लिया। आज भी बैठक हुई। इस दौरान दोनों नेता डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, डॉ. दिनेश शर्मा, मंत्री स्मृति सिंह, सिद्धार्थनाथ सिंह, श्रीकांत शर्मा, सतीश द्विवेदी जैसे मंत्रियों से उनके विभाग का रिपोर्ट कार्ड लिया गया। कल सीएम संग भी तीन घंटे तक मैराथन बैठक चली थी। माना जा रहा है कि दोनों नेता अपने दौरे की रिपोर्ट केंद्रीय नेतृत्व को सौंपेंगे, जिसके बाद सरकार में फेरबदल और संगठन में बदलाव देखने को मिल सकता है। आरएसएस के सर कार्यवाह दत्तात्रेय हसबोले और अब राधा मोहन सिंह और बीएल संतोष का दौरा बता रहा है कि प्रदेश में जल्द बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं।
सेवा कार्य पर फोकस
राष्टï्रीय महामंत्री संगठन ने विधानसभा चुनाव-2022 के लिए गंभीरता से जुटने का आह्वान किया है। वहीं जिलों खासतौर पर गांवों व कस्बों में पार्टी के कामकाज और विधायकों व सांसदों की छवि में सुधार के लिए ज्यादा से ज्यादा सेवा कार्य करने की भी रणनीति बनाई गई। माना जा रहा है कि कुछ मंत्रियों को संगठन में जिम्मेदारी देने और कुछ संगठन पदाधिकारियों को मंत्रिमंडल में लेने पर भी विचार हुआ।
पंचायत चुनाव के परिणामों पर भी मंथन, रणनीति पर उठे सवाल
मंत्रियों से विधानसभा चुनाव 2022 में कैसे और किन नीतियों के साथ लड़ा जाए, इस मुद्दे पर मंथन हुआ। सूत्रों का कहना है कि पंचायत चुनाव में पार्टी की रणनीति से कुछ पदाधिकारी व मंत्री असहमत दिखे। उन्होंने पंचायत चुनाव में पार्टी द्वारा प्रत्याशी घोषित करने और फिर उन्हें पार्टी सिंबल न देने के मुद्दे पर बात रखी। कुछ ने पंचायत चुनाव की रणनीति में हुई गलतियों पर भी मुखर होकर राय दी। साथ ही जिला पंचायत अध्यक्ष व ब्लाक प्रमुख चुनाव की भी चर्चा हुई।
केशव को दी जा सकती है प्रदेश पार्टी की कमान
उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने बैठक के बाद आज फिर वही नारा दोहराया जो उन्होंने 2017 के विधान सभा चुनावों में तत्कालीन उत्तर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष रहते हुए दिया था। केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि हम साल 2022 में 300 से अधिक सीटों के साथ ऐतिहासिक जीत प्राप्त करेंगे। उनके इस बयान के बाद उत्तर प्रदेश में संगठन और मंत्रिमंडल में बड़े बदलाव के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है। यूपी की सियासत में चर्चा है कि केशव प्रसाद मौर्य को एक बार फिर से प्रदेश अध्यक्ष बनाया जा सकता है।
स्वतंत्र देव को कैबिनेट में शामिल करने की चर्चा
प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। आईएएस एके शर्मा को उपमुख्यमंत्री का पद मिल सकता है। इसके अलावा कई मंत्रियों को भी इस बार हटाने के कयास लगाए जा रहे हैं। संगठन में भी कई नेताओं की जिम्मेदारी बदलने की बात हो रही है।