योगी सरकार का राहत देने वाला फैसला थर्ड जेंडर को भी मिलेगा भूमि के स्वामित्व का अधिकार

राजस्व संहिता (संशोधन) विधेयक को मंजूरी

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। योगी सरकार ने राज्य में थर्ड जेंडर के व्यक्तियों को भूमि के स्वामित्व का अधिकार और उत्तराधिकार देने का फैसला किया है। इसके लिए थर्ड जेंडर के व्यक्ति को भू-खातेदार के परिवार के सदस्य के रूप में शामिल करने का निर्णय किया गया है।
मंशा है कि थर्ड जेंडर के व्यक्तियों को भी अन्य लोगों के समान अधिकार और सामाजिक मान्यता मिल सके। इस मकसद से सरकार ने उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता (संशोधन) विधेयक-2020 को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन मंजूरी दे दी है। सरकार विधानमंडल के मानसून सत्र में यह विधेयक पेश करेगी। थर्ड जेंडर के व्यक्ति को भू-खातेदार के परिवार के सदस्य के रूप में शामिल किए जाने और उसे भौमिक अधिकार व उत्तराधिकार देने के मकसद से राजस्व संहिता की धारा-4(10), 108(2) 109 और 110 में संशोधन प्रस्तावित हैं। अभी तक सिर्फ स्त्री और पुुरुषों को ही संपत्ति में उत्तराधिकार प्राप्त था।

मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना में दावे की समय सीमा ढाई महीना बढ़ी

कोरोना काल को देखते हुए यूपी सरकार ने मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के तहत 14 सितंबर 2019 से 31 जुलाई 2020 तक की अवधि में हुई मृत्यु या दिव्यांगता के दावों को प्रस्तुत करने की अवधि को ढाई महीने (75 दिन) बढ़ाने का फैसला किया है। यह समय-सीमा संशोधित शासनादेश जारी होने की तारीख से ढाई माह के लिए बढ़ाई जाएगी। योजना के तहत दुर्घटनावश किसान की मृत्यु या स्थायी दिव्यांगता होने पर पांच लाख रुपये के बीमा कवर का प्रावधान है। यूपी सरकार ने राजस्व विभाग के इस प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है। किसानों की दुर्घटनावश मृत्यु या दिव्यांगता की स्थिति में उनके परिवारों या उन्हें सामाजिक सुरक्षा मुहैया कराने के लिए यह योजना शुरू की गई है।

एमएसएमई उद्यमियों की उद्यमशीलता बढ़ाने की जरूरत : सहगल

अपर मुख्य सचिव एमएसएमई डॉ. नवनीत सहगल ने बताया कि उद्यमियों को ईज ऑफ डूइंग का अहसास कराने के लिए यूपी सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। उत्तर प्रदेश सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (अवस्थापना एवं संचालन) अधिनियम को मंजूरी देकर ऐसी व्यवस्था बना दी है कि कोई भी सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) इकाई लगाने के लिए अब निर्धारित प्रारूप पर प्रपत्र भरकर देने पर ही मात्र 72 घंटे में ही स्वीकृति मिल जाएगी। उसके बाद अगले 900 दिन तक उद्यमी को किसी भी सरकारी विभाग से कोई अनुमति लेने की जरूरत नहीं होगी। एमएसएमई विभाग कई महीनों से यह एक्ट बनाने को लेकर काम कर रहा था। डॉ. नवनीत सहगल ने बताया कि सरकार के मुताबिक प्रदेश के आर्थिक विकास और रोजगार सृजन के लिए एमएसएमई उद्यमियों की उद्यमशीलता बढ़ाने की जरूरत है। औद्योगिक इकाइयों की स्थापना और संचालन को सुगम बनाने के लिए ही इस अधिनियम के माध्यम से अनापत्ति प्रमाण पत्रों और निरीक्षणों से छूट दी गई है। यह अधिनियम अधिसूचना जारी होने की तिथि से लागू होगा। डॉ. सहगल ने बताया कि इस अधिनियम को लागू कर अगले एक वर्ष में 15 लाख नए रोजगार के अवसर तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button