शुद्ध प्लस पान मसाला के निदेशक की गुंडागर्दी के खिलाफ सीएम योगी से शिकायत, पुलिस की भूमिका पर उठे सवाल

  • सामाजिक कार्यकर्ता नूतन ठाकुर ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र, कई घंटे बाद लिखी गई एफआईआर पर जताई आपत्ति
  • शरद खेमका के फरारी कार से स्टंट के दौरान तमाशबीन बने पुलिसकर्मियों व अन्य के खिलाफ कार्रवाई की मांग

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। कानपुर में अपने बाउंसर के सहारे शुद्ध प्लस पान मसाला कंपनी के निदेशक शरद खेमका द्वारा अपनी फरारी कार से बीच चौराहे पर जमकर स्टंट किए जाने, पुलिस के तमाशबीन बने रहने और देर से एफआईआर दर्ज करने की शिकायत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से की गई है। सामाजिक कार्यकर्ता नूतन ठाकुर ने इस मामले में सीएम योगी को पत्र लिखकर ड्यूटी में लापरवाही बरतने वाले पुलिसकर्मियों और शरद खेमका के अन्य सहयोगियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
नूतन ठाकुर ने अपने पत्र में लिखा है कि शरद खेमका द्वारा अपनी फरारी कार से बीच चौराहे पर शाम 6:45 बजे स्टंट किया गया जबकि मुकदमा 10:46 यानी चार घंटे बाद लिखा गया। सबसे गंभीर बात यह है कि घटना के समय फोन नंबर 9454403742 थाना नवाबगंज लिखी पुलिस जीप मौके पर मौजदू थी और कई सिपाही भी वहां थे। यह आपराधिक कृत्य पुलिसवालों की मौजूदगी में हुआ और पुलिस तमाशबीन बनी रही। वीडियो से साफ है कि इस घटना में शरद खेमका के साथ कई अन्य लोग सहयोग कर रहे थे। इनकी संख्या पांच से अधिक थी। एफआईआर को पढऩे तथा घटना के मूल वीडियो से साफ है कि एफआईआर में पूरा मामला दर्ज नहीं किया गया है। अभियुक्त के बाउंसरों द्वारा आने-जाने वाले लोगों को रोकने और उनके साथ अनुचित व्यवहार करने का उल्लेख एफआईआर में नहीं है। एफआईआर में धारा 268 लिखी गई है, जो गलत है। धारा 268 लोक न्यूसेंस की परिभाषा है, जिसका दंड धारा 269 आईपीसी में निर्धारित है। इस प्रकरण में पांच से अधिक अभियुक्त होने के कारण धारा143 तथा 149 तथा इसके अतिरिक्त धारा 290 (लोक न्यूसेंस का दंड), 504 (सार्वजनिक अपमान) तथा 506 (आपराधिक अभित्रास) के अपराध हुए हैं। नूतन ठाकुर ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि इस मामले में मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों द्वारा जानबूझकर अपराध होने देने तथा मौके पर अपने कर्तव्य का पालन नहीं करने के खिलाफ उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाए। साथ ही एफआईआर में धारा 268 के स्थान पर धारा 269 आईपीसी लगवाए जाने के निर्देश दिए जाएं। साथ ही धारा 143, 149, 290, 504 तथा 506 भी जोड़ी जाए। इस अपराध में शरद खेमका के साथ सहयोगियों के खिलाफ भी दंडात्मक कार्रवाई की जाए।

क्या था मामला

मामला कानपुर के नवाबगंज थाना क्षेत्र के गंगा बैराज का है, जहां पिछले दिनों लाल रंग की खुली लग्जरी कार लोगों के आकर्षण का विषय बन गयी थी। कार सवार पुलिस के सामने खुलेआम स्टंट कर रहा था और कोई उसे रोकने वाला नहीं था। वहां खड़ी पुलिस तमाशबीन बनी रही क्योंकि स्टंट करने वाला शुद्ध प्लस पान मसाला कंपनी के मालिक दीपक खेमका का बेटा शरद खेमका था। दीपक खेमका शहर के एक जाने-माने कारोबारी हैं। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो गया था। फजीहत होते देख पुलिस एक्शन में आई थी। वीडियो वायरल होने के बाद एसएसपी प्रीतिंदर सिंह के पास प्रकरण पहुंचा। जिस पर उन्होंने नवाबगंज थाना पुलिस को कार्रवाई के आदेश दिए थे। आनन-फानन नें फरारी गाड़ी से सडक़ पर स्टंट करने के मामले में पुलिस ने कारोबारी पर कार्रवाई की। पुलिस ने कंपनी के निदेशक शरद खेमका को गिरफ्तार कर लिया और उसकी फरारी गाड़ी को सीज कर दिया था। हालांकि अगले दिन ही उसे जमानत पर छोड़ दिया गया।

आगरा: सवारियों से भरी बस हाईजैक यात्री सुरक्षित, मचा हडक़ंप

  • बस की तलाश में छापेमारी सीएम ने दिए कार्रवाई के आदेश

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
आगरा। फाइनेंसकर्मियों ने आगरा शहर में बड़ी वारदात को अंजाम दिया है। इन लोगों ने एक प्राइवेट बस को अगवा कर लिया और ड्राइवर-कंडक्टर को बंधक बना लिया। बस में 34 लोग सवार थे। यात्रियों को झांसी में उतार दिया गया है। अभी तक बस का कोई सुराग नहीं मिला है। पुलिस बस की तलाश में छापेमारी कर रही है। इस मामले में सीएम योगी आदित्यनाथ ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के आदेश दिए हैं।
शहर के न्यू दक्षिणी बाइपास पर मंगलवार देर रात जा रही बस पर फाइनेंसकर्मियोंं ने बदमाशों की स्टाइल में कब्जा कर लिया। जाइलो गाड़ी से ओवरटेक करके बस रोक ली। इसके बाद बस में सवार हो गए। कुबेरपुर तक उन्हें साथ ले गए। इसके बाद हाईवे पर चालक को उतारकर बस को सवारियों समेत ले गए। तडक़े चालक ने मलपुरा थाने में जाकर सूचना दी। बस में 34 सवारी बैठी थीं। झांसी के एसएसपी दिनेश कुमार पी. ने बताया कि फाइनेंसकर्मियों ने यात्रियों को दूसरी बस बिठा दिया था। मऊरानीपुर पर यात्रियों के होने की जानकारी मिली है। चूंकि सभी यात्री अपने गंतव्य को रवाना हो चुके हैं, इसनिए उनको ट्रेस कर पाना मुश्किल हो रहा है। फाइनेंसकर्मी बस को लेकर भागे हैं। उनकी तलाश की जा रही है। अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने बताया कि मामले में डीएम आगरा व एसएसपी को कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। डीएम और एसएसपी से मामले में रिपोर्ट भी तलब की गई है। उन्होंने बताया कि सभी यात्री सुरक्षित हैं। बस मालिक की मंगलवार रात को ही मौत हुई है और उनके बेटे अंतिम संस्कार में लगे हुए हैं। लिहाजा पूरी जानकारी ली जाएगी। बस ग्वालियर के डबरा निवासी रमेश चला रहे थे।

तो ऐसे तोड़ी जा रही कोरोना की चेन गाइडलाइन्स को धता बता रहे अफसर

  • सचिवालय व लोकभवन में बिना थर्मल स्क्रीनिंग प्रवेश कर रहे अधिकारी
  • अब तक कई मंत्री व अफसर हो चुके हैं संक्रमित, कल से शुरू हो रहा है मानसून सत्र

सत्य प्रकाश/पूर्ति सिंह
लखनऊ। एक ओर प्रदेश सरकार कोरोना की चेन तोडऩे की लगातार कोशिश कर रही है वहीं दूसरी ओर अधिकारी ही गाइडलाइंस को धता बता रहे हैं। वे बिना थर्मल स्क्रीनिंग सचिवालय और लोकभवन में प्रवेश कर रहे हैं। इसके कारण कई अधिकारी, कर्मचारी और मंत्री कोरोना संक्रमित हो रहे हैं। मानसून सत्र कल से शुरू हो रहा है, ऐसे में संक्रमण का खतरा और बढ़ गया है। हालांकि सत्र से पहले विधानसभा में कोरोना से बचाव के लिए सभी जरूरी उपाय किए जा रहे हैं।
कोरोना गाइडलाइंस का पालन अफसर ही नहीं कर रहे हैं। लिहाजा संक्रमण विधान सभा तक जा पहुंचा है। यूपी सरकार के कई कैबिनेट मंत्री, अधिकारी-कर्मचारी व सुरक्षाकर्मी इसकी चपेट में आ चुके हैं। बीते चौबीस घंटे में यूपी के स्वास्थ्य मंत्री अतुल गर्ग सहित चिकित्सा शिक्षा स्वास्थ्य निदेशक डाू. केके गुप्ता, भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष दर्शाना सिंह… शेष पेज 8 पर

4पीएम ने कैद की लापरवाही

सत्र से एक दिन पहले 4पीएम ने विधान सभा जाकर पड़ताल की तो देखा कि अफसरों की गेट पर थर्मल स्क्रीनिंग ही नहीं हो रही हैं। हालांकि कर्मचारियों की जांच सुरक्षाकर्मी करते नजर आए। 4पीएम ने अफसरों की इस लापरवाही से पर्दा हटाने के लिए स्टिंग किया और सारी लापरवाही कैमरे में कैद हो गई। गेट नंबर तीन से पैदल व दोपहिया गुजरने वाले लोगों की थर्मल स्क्रीनिंग की जा रही थी जबकि अफसरों की गाड़ी बिना जांच के अंदर जाते दिखी।

सहित रोडवेज के एमडी राजशेखर कोरोना की चपेट में आ गए। इससे पूर्व कानून मंत्री बृजेश पाठक सहित नौ मंत्री कोरोना पॉजिटिव हो चुके हैं जबकि दो कैबिनेट मंत्री कमल रानी व चेतन चौहान की मौत हो गई। बावजूद इसके सचिवालय और लोकभवन में अफसर बिना थर्मल स्कैनिंग के कैंपस के अंदर जा रहे हैं। संक्रमण ने विधानसभामें अपने पैर पसार लिए हैं। इससे वहां के कर्मचारी हलकान है।

सत्र में हंगामे के आसार
विपक्ष के तेवरों को देखते हुए तीन दिवसीय सत्र हंगामेदार रहने के आसार हैं। विपक्ष जहां यूपी में बढ़ता अपराध, कोरोना संक्रमण के उपचार में अव्यवस्था, किसान, मजदूर और युवाओं आदि की समस्याओं को लेकर सरकार को घेरेगा, वहीं सत्तापक्ष के कुछ सदस्यों की तल्खी से निपटने की भी चुनौती रहेगी। सत्र में तकरीबन 16 विधेयकों को मंजूर किए जाने की तैयारी है। वहीं अस्वस्थ और 65 वर्ष से अधिक आयु वाले विधायक सदन की कार्यवाही में वर्चुअल शामिल होंगे।

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