न्याय की गुहार लेकर ‘सुप्रीम कोर्ट’ की चौखट पर 4PM

  • यूट्यूब चैनल को शीर्ष अदालत से इंसाफ की उम्मीद
  • सीजेआई खन्ना के सामने सरकार को देना होगा जवाब
  • अब देश की निगाहें सबसे बड़ी अदालत पर टिकी

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। डिजिटल स्वतंत्रता और प्रेस की आज़ादी के मुद्दे पर देश की निगाहें अब सबसे बड़ी अदालत पर टिक गई हैं। देश के सबसे लोकप्रिय यूट्यूब चैनल 4पीएम ने सरकार द्वारा बैन किए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। स्वतंत्र पत्रकारिता का प्रतीक बन चुका 4पीएम यूट्यूब चैनल, जिसे हाल ही में सरकार की सिफारिश पर बिना किसी पूर्व सूचना या कारण बताए रातों-रात ब्लॉक कर दिया गया, अब इस अन्याय के विरुद्ध देश की सर्वोच्च अदालत में न्याय की गुहार लेकर पहुँचा है।
संपादक संजय शर्मा ने इस कार्रवाई को ‘अघोषित आपातकालÓ की संज्ञा देते हुए कहा कि 4पीएम सदैव जनता से जुड़े मुद्दों को उठाता रहा है, फिर चाहे वो सरकार की नीतियों की आलोचना हो, नौकरशाही की जवाबदेही हो, या जनहित में उठाई गई आवाज़ें। उनके अनुसार यह कार्रवाई केवल एक मीडिया संस्थान पर हमला नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक भारत की मूल भावना पर प्रश्नचिह्न है।

केस सीजेआई संजीव खन्ना के समक्ष सूचीबद्ध

कोर्ट ने इस याचिका को गंभीरता से लेते हुए इसे मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्र्रचूड़ के उत्तराधिकारी और वर्तमान सीजेआई संजीव खन्ना के समक्ष सूचीबद्ध किया है।

4PM सच दिखा रहा था वह डरने वाला चैनल नहीं : अफजाल अंसारी

गाजीपुर के सपा सासंद अफजाल अंसारी ने 4पीएम ट्यूब चैनल पर सरकार द्वारा बैन लगाने को गलत बताया है। उन्होंने कहा कि चैनल सरकार से सवाल पूछ रहा था। 4पीएम डरने वाला नहीं है। सरकार ने उसको बैन करके संविधान को कुचल रही है। देश में अगर कोई बड़ी घटना घटेगी तो सवाल सरकार से पूछा जाएगा। चैनल सरकार का सच दिखा रहा था उसी की खीझ में सरकार ऐसे काम कर रही है। मै ऐसे कृ त्य के लिए सरकार की निंदा करता हूं। इससे पहले लोक गायिका नेहा राठौर पर हुई एफआईआर पर भी उन्होंने सीधे बीजेपी सरकार पर सवाल उठाए।

लोकतंत्र के मूलभूत अधिकारों का घोर उल्लंघन : संजय शर्मा

4पीएम के संपादक संजय शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए इस डिजिटल सेंसरशिप को लोकतंत्र के मूलभूत अधिकारों का घोर उल्लंघन बताया है। याचिका में उल्लेख किया गया है कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19(1)(ए) के अंतर्गत हर नागरिक को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार प्राप्त है और यह कार्रवाई स्पष्ट रूप से उस अधिकार का दमन करती है।

4PM को उम्मीद न्याय मिलेगा

अब यह मामला उस सुप्रीम कोर्ट के सामने है, जिसने अतीत में भी कई बार सरकार की मनमानी पर अंकुश लगाते हुए लोकतंत्र की रक्षा की है। 4पीएम को न्याय मिलेगा यह उम्मीद सिर्फ एक संस्थान की नहीं, बल्कि उन तमाम दर्शकों की है जो सच्ची पत्रकारिता के लिए हमेशा खड़े रहे हैं।

पाकिस्तान की जंग 4पीएम चैनल से लड़ रहे : संजय सिंह

आप सांसद संजय सिंह ने ४पीएम पर बैन को सरकार की तानाशही बताया है। उन्होंने कहा है कि मोदी को लडऩा था पाकिस्तान से लड़ रहे हैं देश में 4पीएम यूट्यूब चैनल चलाने वाले से। आप नेता ने पीएम मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि मोदी जी इतना मत घबराओ लोकतंत्र में आलोचना सुनना सीखो।

4PM के बैन से स्तब्ध हूं और आक्रोशित हूं : इमरान

गुजरात कांग्रेस से विधायक इमरान खेंदवाला कहते हैं कि सोशल मीडिया के जरिये सही जानकारियां मिलती है। जो खबरें बड़े चैनल नहीं दिखाते उन्हें यूटयूब चैनल प्रमुखता से दिखाते हैं। मैं 4पीएम के बैन से स्तब्ध हूं और आक्रोशित। सरकार को तत्काल इस बैन को हटाना चाहिए और जनता की मुख्य आवाज बन चुके इस यूटयूब चैनल को पुन:प्रसारित करना चाहिए। मैं इस अन्याय के खिलाफ हूं।

ब्रिटिश सरकार की तरह काम कर रही मोदी सरकार : पटेल

गुजरात कांग्रेस के वरिष्ट नेता निकुल पटेल कहते हैं कि लोकशाही में मीडिया को अपनी आवाज उठाने का पूरा संवैधानिक दर्जा प्राप्त है। फिर भी मोदी सरकार उसकी आवाज को बंद करना चाहती है जैसा ब्रिटिश शासन में होता था। ब्रिटिश सरकार में नेशनल हेरल्ड को बंद कर दिया गया था। आज 4पीएम को बंद किया गया है। दोनो ही समय मंशा एक है लोग अलग—अलग। यह गलत है और सरकार को ऐसा नहीं करना चाहिए।

पहले भी पहुंच चुके हैं अदालतों में कई मामले

इससे पहले भी कई इस तरह मामले अदालतों में पहुंच चुके हैं। इन सुनवाई के बाद कई मीडिया संस्थानों को राहत भी मिल चुकी है। वहीं कानूनी विशेषज्ञों और प्रेस स्वतंत्रता के पक्षधरों का तर्क है कि घटनाओं का यह क्रम न केवल अन्यायपूर्ण है, बल्कि असंवैधानिक भी है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने आईटी नियम 2021 के नियम 9(1) और (3) पर रोक लगा दी है, जो डिजिटल समाचार प्रकाशकों के लिए आचार संहिता को नियंत्रित करता है, जिससे ऐसे मामलों में आईडीसी के अधिकार सीमित हो जाते हैं।

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