6 साल के बच्चे पर हमला, HC ने FIR पर तेजी से कार्रवाई का आदेश दिया
दिल्ली हाई कोर्ट ने 6 साल के बच्चे पर हमला करने वाले पिटबुल कुत्ते के मालिक, केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार, दिल्ली पुलिस और MCD को नोटिस जारी किया है और उन्हें 4 सप्ताह में जवाब देने का निर्देश दिया है।

4पीएम न्यूज नेटवर्क: दिल्ली हाई कोर्ट ने 6 साल के बच्चे पर हमला करने वाले पिटबुल कुत्ते के मालिक, केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार, दिल्ली पुलिस और MCD को नोटिस जारी किया है और उन्हें 4 सप्ताह में जवाब देने का निर्देश दिया है।
न्यायालय ने साथ ही पुलिस को FIR पर तेजी से कार्रवाई करने के भी आदेश दिए हैं। यह आदेश 23 नवंबर को प्रेम नगर में हुए एक हादसे के बाद आया, जब एक पिटबुल ने 6 साल के बच्चे पर हमला कर दिया था। इस हमले में बच्चा बुरी तरह जख्मी हो गया था। हाईकोर्ट का यह आदेश राज्य और केंद्र की एजेंसियों के लिए चेतावनी माना जा रहा है कि ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जाए और सुरक्षा के उपाय किए जाएँ।
दिल्ली हाईकोर्ट ने 6 साल के बच्चे पर पिटबुल कुत्ते के हमले से जुड़े मामले में पुलिस को FIR पर तेजी से कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. कुत्ते के हमले से बच्चे का बायां कान बुरी तरह जख्मी हो गया था. घायल बच्चे के पिता ने कोर्ट से कम से कम 25 लाख रुपये मुआवजे की मांग की है. हाई कोर्ट ने बच्चे पर हमला करने वाले पिटबुल कुत्ते के मालिक, केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार, दिल्ली पुलिस और MCD को नोटिस जारी किया है और 4 सप्ताह में जवाब मांगा है.
जस्टिस सचिन दत्ता ने यह नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने दिनेश कुमार रॉय की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के बाद यह नोटिस जारी किया है. इसके साथ ही कोर्ट ने कुत्ते को जब्त करने और प्राथमिकी जांच का आदेश दिया है. दायर याचिका में खूंखार कुत्तों की नस्लों पर प्रतिबंध लगाने, खूंखार कुत्तों की नस्लों के आयात, व्यापार, बिक्री, प्रजनन या पालन-पोषण पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई है.
बिना रजिस्ट्रेशन के रखा गया था कुत्ता
दिल्ली हाईकोर्ट की सुनवाई के दौरान MCD के वकील ने अदालत को बताया कि 24 नवंबर को कुत्ते के मालिक की सहमति से पिटबुल को जब्त कर लिया गया.उनका कहना था कि निगम ने शिकायत मिलते ही तत्काल कार्रवाई की. वकील ने कोर्ट को यह भी बताया कि यह पालतू कुत्ता बिना रजिस्ट्रेशन के रखा गया था, जो कानून का उल्लंघन है.
कोर्ट ने दिए निर्देश
मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस सचिन दत्ता ने अंतरिम राहत देते हुए एमसीडी को निर्देश दिया कि कुत्ते को तब तक न छोड़ा जाए, जब तक यह सुनिश्चित न हो जाए कि भविष्य में ऐसी घटना दोबारा न हो. कोर्ट ने मौखिक टिप्पणी में कहा कि मुआवजे की जिम्मेदारी सरकार से अधिक कुत्ते के मालिक की बनती है.
इसी पिटबुल ने कई लोगों को काटा
हाई कोर्ट में दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि मुआवजा अपराधी को ही देना चाहिए. इस पर कोर्ट ने सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि एमसीडी के साथ मिलकर ऐसे हमलों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाने की जरूरत है. याचिका में दावा किया गया कि यह पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी इसी पिटबुल ने कई लोगों को काटा था, लेकिन पुलिस में दर्ज शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई.
परिवार ने की मुआवजे की मांग
हाई कोर्ट में वकील ने बताया कि बच्चे के पिता रोजाना दिहाड़ी पर काम करते हैं और महीने में करीब 10 से 12 हजार रुपए कमाते हैं. उपचार और दवाइयों के खर्च को देखते हुए उन्होंने सरकार से मुआवजे की मांग की है. कोर्ट ने पुलिस को मार्च 2026 तक विस्तृत स्टेटस रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया है. इसके अलावा कुत्ते के मालिक, दिल्ली पुलिस कमिश्नर, संबंधित ACP, SHO और सफदरजंग अस्पताल को नोटिस जारी किए गए हैं.
क्या है मामला
दरअसल बीते 23 नवंबर को प्रेम नगर में एक पिटबुल ने 6 साल के बच्चे पर हमला कर दिया था. इस दौरान कुत्ते ने बच्चे का दायां कान काट लिया था और उसे गंभीर चोटें पहुंचाईं. पड़ोसियों और परिजनों ने किसी तरह बच्चे को छुड़ाया और पहले BSAअस्पताल, रोहिणी और फिर सफदरजंग अस्पताल ले गए. बच्चे को बाद में डिस्चार्ज कर दिया गया, हालांकि बच्चे का इलाज अभी भी चल रहा है.



