महायुति विश्वासघात करने वाला गठबंधन: जयराम

बोले- किसानों को नजरअंदाज किया गया, कांग्रेस ने महाराष्ट्र सरकार को घेरा

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले सियासी दलों में एक दूसरे पर हमला जारी है। कांग्रेस ने वहां की गठबंधन सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने महायुति गठबंधन को लेकर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने महायुति को विश्वासघाती गठबंधन बताया। कांग्रेस नेता ने कहा कि राज्य के लोग उनके असफल वादों के लिए उन्हें माफ नहीं करेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में किसानों को सबसे ज्यादा नजरअंदाज किया गया। उनसे किए गए बड़े-बड़े वादों का कोई नतीजा नहीं निकला। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि मराठवाड़ा के हर गांव में पाइप से पीने का पानी पहुंचाने के लिए जल ग्रिड बनाने का वादा भी पूरा नहीं हुआ।
सोशल मीडिया पिलेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए जयराम रमेश ने महायुति सरकार को घेरा। उन्होंने कहा, महाराष्ट्र में होने वाले चुनाव पर महायुति को लेकर जयराम रमेश ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने महायुति को विश्वासघाती गठबंधन बताया। उन्होंने कहा, महायुति एक ऐसी सरकार है जो विश्वासघात पर बनी हुई है। यह भरोसे के साथ विश्वासघात, विचारधारा के साथ विश्वासघात और स्वयं महाराष्ट्र के लोगों के साथ विश्वासघात पर बनी है। किसान इनके राज में सबसे ज्यादा उपेक्षित रहे हैं। सरकार ने उन्हें सिर्फ बड़े-बड़े वादे दिए हैं, हासिल कुछ भी नहीं हुआ है।

महायुति विश्वासघात करने वाला गठबंधन: जयराम

महाराष्ट्र में विचारधारा की राजनीति खत्म : मलिक  

महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नवाब मलिक ने कहा कि उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख अजित पवार राज्य में 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनावों के बाद निर्णायक भूमिका में होंगे। मुंबई की मानखुर्द-शिवाजीनगर सीट से राकांपा उम्मीदवार ने कहा कि महाराष्ट्र में विचारधारा की राजनीति खत्म हो गई है और कोई नहीं जानता कि कौन किस पार्टी का साथ देगा। उन्होंने दावा किया, ऐसी भी अटकलें हैं कि राकांपा (शरदचंद्र पवार) प्रमुख शरद पवार और शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे हाथ मिला लेंगे। मलिक का मुकाबला समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार और महा विकास आघाडी (एमवीए) समर्थित मौजूदा विधायक अबू आजमी और शिवसेना के सुरेश पाटिल से है। शिवसेना और राकांपा महायुति गठबंधन में भागीदार हैं। गठबंधन के ही घटक दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं ने घोषणा की है कि वे मलिक के लिए प्रचार नहीं करेंगे। भाजपा मलिक की कटु आलोचक रही है।
मलिक (65) ने कहा कि विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन और विपक्षी गठबंधन एमवीए के बीच कड़ी टक्कर होगी और चुनाव के बाद राकांपा प्रमुख अजित पवार निर्णायक भूमिका में सामने आएंगे। मलिक ने कहा कि वह तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और शरद पवार के आभारी हैं कि उन्होंने 2022 में उनकी गिरफ्तारी के बाद मंत्री पद से उनका इस्तीफा नहीं मांगा, जब एमवीए सत्ता में थी।

इतना डरे क्यों हैं गृहमंत्री फडणवीस: संजय राउत

हाल ही में राज्य के गृह मंत्री और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की सुरक्षा बढ़ाई गई है। इस पर उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना के नेता संजय राउत ने सवाल उठाए हैं। राउत ने मजाकिया लहजे में कहा कि फडणवीस को कोई विशेष खतरा है तो उन्हें साफ करना चाहिए। राउत ने कहा कि हमारे गृह मंत्री इतने डरे हुए क्यों हैं? उन पर कौन हमला करना चाहता है? क्या इस्राइल या लीबिया उन पर हमला करने वाला है? उन्हें सबको इसके बारे में बताना चाहिए। दरअसल, देवेंद्र फडणवीस को वर्तमान में जेड-प्लस सुरक्षा दी गई है। इसमें उनकी सुरक्षा के लिए नागपुर में अतिरिक्त फोर्स वन कमांडो तैनात किए गए हैं। इस पर राउत ने दावा किया कि शहर में लगभग 200 फोर्स वन कमांडो तैनात किए गए हैं। उन्होंने सवाल किया कि गृह मंत्री, जो एक पूर्व मुख्यमंत्री भी हैं, उन्होंने अचानक अपनी इतनी सुरक्षा क्यों बढ़ा दी है? जो शख्स दूसरों की रक्षा का फैसला करता है। उसने खुद की सुरक्षा बढ़ाई है। अचानक हमने उनके घर के बाहर फोर्स वन कमांडो देख रहे हैं।

महाराष्ट्र में चुनाव से पहले बीजेपी—शिवसेना गठगंधन में खटास!

खबर महाराष्ट्र के उल्हासनगर से हैं जहां भाजपा जिला अध्यक्ष रामचंदानी के बयान को लेकर शिवसेना ने कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है। शिवसेना ने कहा है कि जब तक भाजपा नेता माफी नहीं मांगते, शिवसेना यहां भाजपा उम्मीदवार के लिए काम नहीं करेगी। युवा सेना के कल्याण जिला महासचिव विक्की भुल्लर ने रविवार को कहा कि रामचंदानी को कोई भी शब्द बोलने से पहले उसे समझना चाहिए। उन्होंने शिवसेना प्रमुख और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को गद्दार कहा है, जो गलत है। रामचंदानी ने सभा में बोलते हुए कहा था कि जिन्हें गद्दार कहा जाता है वह मुख्यमंत्री बन जाते हैं और भाजपा में आकर सब खुद्दार हो जाते हैं। भुल्लर ने कहा, उन्होंने (शिंदे ने) कोई गद्दारी नहीं की है। उन्होंने हिंदू हृदय सम्राट बाला साहब ठाकरे के हिंदुत्व को बचाने के लिए यह काम किया है। शिवसेना नेता ने कहा है कि रामचंदानी ने आज जो बयान दिया है, उसका हम खुला विरोध करते हैं। जब तक वह माफी नहीं मांगते उल्हासनगर शिवसेना भाजपा उम्मीदवार कुमार आयलानी के लिए कोई काम नहीं करेगी। सत्तारूढ़ महायुति में सीट बंटवारे में यह सीट भाजपा के खाते में गई है। इससे पहले आज सुबह प्रदीप रामचंदानी ने पार्टी लाइन से इतर कहा कि जिन्हें गद्दार कहा जाता है वह मुख्यमंत्री बन जाते हैं और भाजपा में आकर सब खुद्दार हो जाते हैं। बदलते समय के साथ राजनीति की परिभाषा बदल गई है। इस बयान से शिवसेना कार्यकर्ता काफी नाराज हैं। हालांकि, रामचंदानी ने माहौल गर्म होते देख कहा है कि उनके बयान का अलग मतलब निकाला गया है। महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों पर 20 नवंबर को वोट डाले जाएंगे जबकि मतगणना 23 नवंबर को होगी। चुनाव से पहले कुछ दिनों से शिवसेना और भाजपा के बीच दरारें देखने को मिल रही हैं।

भाजपा काएजेंडा जनता करे खारिज: सिद्धारमैया

कांगे्रस ने भाजपा की वक्फ मुद्दे पर राज्यव्यापी रैली को बताया राजनीतिक

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
बंगलुरू। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने भाजपा पर जोरदार निशाना साधा है। दरअसल सोमवार को भाजपा वक्फ मुद्दे पर राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन कर रही है। इस पर कांग्रेस नेता व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि उनका मकसद पूरी तरह से राजनीतिक है, किसानों के कल्याण की रक्षा में उनकी कोई वास्तविक रुचि नहीं है।
सीएम सिद्धारमैया ने कहा, मैं कर्नाटक के लोगों से इस विभाजनकारी, विनाशकारी एजेंडे को खारिज करने और एक ऐसे कर्नाटक के निर्माण में हमारे साथ खड़े होने का आह्वान करता हूं जो सभी को एकजुट करे, प्रगति करे और समृद्ध करे। राज्य के कुछ हिस्सों में किसानों के एक वर्ग की तरफ से यह आरोप लगाए जाने के बाद कि उनकी भूमि को वक्फ संपत्ति के रूप में चिह्नित किया गया है, भाजपा ने सोमवार को राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है, जिसमें सत्तारूढ़ कांग्रेस पर भूमि जिहाद का आरोप लगाया गया है और वक्फ मंत्री जमीर अहमद खान को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग की गई है।

यह मसला तब हुआ जब सिद्धारमैया ने शनिवार को अधिकारियों को निर्देश दिया था कि वे वक्फ भूमि मुद्दों से संबंधित किसानों को भेजे गए सभी नोटिस तुरंत वापस ले लें और इस बात पर जोर दिया कि किसानों को कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए।

बीजेपी के असली इरादे समझें लोग

सीएम सिद्धारमैया ने कहा, मैं कर्नाटक के लोगों से कर्नाटक भाजपा के असली इरादों को समझने का आग्रह करता हूं। हमारी सरकार की तरफ से वक्फ संपत्ति मुद्दों पर किसानों को जारी किए गए नोटिस को तुरंत वापस लेने का आदेश दिए जाने के बाद भी, भाजपा नेता अपने विरोध प्रदर्शन में लगे हुए हैं। उनके इरादे पूरी तरह से राजनीतिक हैं और हमारे किसानों के कल्याण की रक्षा में उनकी कोई वास्तविक रुचि नहीं है।

किसानों को जारी सभी नोटिस लिए जाएं वापस : मुख्यमंत्री

उन्होंने कहा कि वक्फ संपत्ति मामले में उनकी सरकार ने पहले ही निर्देश दिया है कि किसानों को जारी किए गए सभी नोटिस तुरंत वापस लिए जाएं और बिना उचित सूचना के भूमि अभिलेखों में किसी भी अनधिकृत संशोधन को भी रद्द किया जाना चाहिए। उन्होंने एक बयान में कहा, मैंने अधिकारियों को स्पष्ट कर दिया है: ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया जाना चाहिए जिससे किसानों को असुविधा हो। फिर भी, भाजपा नेता विरोध करना चुनते हैं। सवाल यह है कि क्यों? सिद्धारमैया ने कहा कि संपत्ति स्पष्टीकरण के लिए नोटिस जारी करना एक मानक प्रशासनिक प्रक्रिया है और दावा किया कि पूर्व भाजपा मुख्यमंत्रियों बीएस येदियुरप्पा, डीवी सदानंद गौड़ा, जगदीश शेट्टा और जेडी (एस) नेता एचडी कुमारस्वामी की सरकारों ने भी वक्फ संपत्तियों के संबंध में इसी तरह के नोटिस जारी किए थे।

गुस्सा

आज सुबह गाजियाबाद से आयी महिला ने विधानसभा के सामने आत्महत्या का प्रयास किया। जिसे मौके पर मौजूद पुलिस कर्मियों ने समय रहते बचा लिया। उक्त महिला से हजरतगंज थाने में पूछताछ की जा रही है।

यात्रियों से भरी बस खाई में गिरी, 38 की मौत

अल्मोड़ा जिले में हुआ दर्दनाक हादसा

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
अल्मोड़ा। उत्तराखंड के अल्मोड़ा में बड़ा सडक़ हादसा हुआ है। मार्चुला के पास एक बस खाई में गिर गई है। हादसे में 38 लोगों की मौत हो गई है। जबकि कई लोग घायल हुए हैं। चार घायलों को एयरलिफ्ट भी किया गया है। तीन घायलों को एम्स ऋषिकेश में भर्ती कराया गया है। मौके पर राहत एवं बचाव कार्य चलाया जा रहा है। एसडीआरएफ की टीम मौके पर है।
उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के मार्चुला इलाके के पास सोमवार को यात्रियों से भरी बस नदी में गिर गई। बस में 55 से ज्यादा यात्री सवार थे। हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस-प्रशासन मौके पर पहुंचा। एसएसपी अल्मोड़ा मौके पर पहुंच गए हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए एसडीआरएफ की टीम भी पहुंची हैं। हादसे में 38 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है। बस नैनीडांडा के किनाथ से रामनगर जा रही थी। जैसे ही बस मार्चुला के पास पहुंची तो सारड बैंड के पास नदी में गिर गई। बस के नदी में गिरते ही चीख-पुकार मच गई। कुछ लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि कुछ लोग बस से छिटककर नीचे गिर गए। घायल लोगों ने ही जानकारी दूसरों तक पहुंचाई। सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची और राहत एवं बचाव कार्य चलाया। घायलों को अस्पताल ले जाने का काम किया। बस सवार 38 यात्रियों की मौत हो गई। जबकि कई लोग घायल हैं। डीएम देहरादून को भी रेस्क्यू ऑपरेशन की देखरेख के लिए विशेष रूप से वहां भेजा जा रहा है। एसडीआरएफ के साथ ही एनडीआरएफ की टीम भी घटना स्थल पर पहुंच गई हैं।रेस्क्यू और बचाव कार्य शुरू कर दिया गया है। आवश्यकता पडऩे पर गंभीर रूप से घायल यात्रियों को एयरलिफ्ट करने के लिए भी निर्देश दिए हैं।

सीएम ने किया मुआवजे क एलान, एआरटीओ प्रवर्तन निलंबित

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने पौड़ी और अल्मोड़ा के संबंधित क्षेत्र के एआरटीओ प्रवर्तन को निलंबित करने के निर्देश दिए। सीएम ने मृतक परिजनों को 4-4 लाख रूपये और घायलों को 1-1 लाख रुपये की सहायता राशि देने का निर्देश दिया है। आयुक्त कुमाऊं मंडल को घटना की मजिस्ट्रेट जांच के निर्देश दिए गए हैं। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने अल्मोड़ा में बस हादसे पर सचिव आपदा प्रबंधन,आयुक्त कुमाऊं मंडल और डीएम अल्मोड़ा से फोन पर बात कर घटना की जानकारी ली और बचाव और राहत कार्य तेजी से चलाने के निर्देश दिए।

बस में सवार थे 55 से ज्यादा यात्री

बस 40 सीटर थी। बस में 55 से ज्यादा यात्री थे। आपदा प्रबंधन अधिकारी अल्मोड़ा विनीत पाल ने बताया कि 38 यात्रियों की मौत हो चुकी है। मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है। टीम रेस्क्यू में जुटी है।

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