सरकार बनाने की तैयारी में जुटी MVA, शरद पवार के साथ जा सकते हैं शिंदे!
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे कल यानी शनिवार को आएंगे.... वहीं नतीजे आने के बाद सरकार गठन के लिए सिर्फ बहत्तर घंटे का समय ही मिलेगा...
4पीएम न्यूज नेटवर्कः महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे कल यानी शनिवार को आएंगे…. वहीं नतीजे आने के बाद सरकार गठन के लिए सिर्फ बहत्तर घंटे का समय ही मिलेगा….. क्योंकि मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल छब्बीस नवंबर को खत्म हो रहा है…. ऐसे में अगर पच्चीस नंवबर तक नई सरकार नहीं बनती है…. तो संवैधानिक व्यवस्था के मुताबिक महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लग जाएगा…. यही वजह है कि नतीजे से पहले ही बैठकों का दौर शुरू हो गया है…. ताकि सियासी केमिस्ट्री बनी रहे…. और गठबंधन में आपसी मतभेद न हो सकें…. बता दें कि एक्जिट पोल के नतीजों को देखकर महाराष्ट्र में कांटे की टक्कर दिखाई दे रही है… वहीं महाविकास अघाड़ी सरकार बनाने का दावा कर रही है… और महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी ने सरकार बनाने की कवायद तेज कर दी है…
वहीं महायुति में सीएम फेस को लेकर घमासान मचा हुआ है… और पोस्टर वार शुरू हो गया है… जिसको देखते हुए महायुति में टेंशन बढ़ गई है… इस बीच बड़ी खबर निकलर आ रही है… कि चुनावी नतीजों के बाद शिंदे शरद पवार के साथ आ सकते हैं…. इसे साफ स्पष्ठ है कि महायुति में एक नाथ शिंदे को पूरी करह से तरजीह नहीं दी जा रही है… और अगर वह बीजेपी के साथ रहेंगे तो उनकी सियासत पूरी तरह से हाशियें पर चली जाएगी… और बीजेपी उनकी पार्टी को खत्म कर देगी.,.. और उनका नाम ही बनकर रह जाएगा… जिसको देखते और समझते हुए चुनाव पऱिमाण आने के ठीक एक दिन पहले ऐसी खबर… सभी को चौंकाने वाली है… बता दें कि लोकसभा चुनाव के बाद से सीएम शिंदे को किस तरह से किनारे किया गया है… चुनाव से पहले ही बीजेपी के द्वारा यह साफ कर दिया गया था… कि महाराष्ट्र के अगले सीएम शिंदे नहीं होंगे….
आपको बता दें कि अगर शिंदे सीएम का फेस नहीं है… और अगर महायुति गलती से भी जीत जाती है… तो बीजेपी शिंदे को मुख्यमंत्री नहीं बनाएगी और यही से उनका और उनकी पार्ची का पतन होना सुनिश्चित हो जाएगा… जिसके चलते यह खबर कहीं न कहीं… शिंदे के लिए सही और महायुति के लिए चिंता बढ़ाने वाली है…. इसी के मद्देनजर कांग्रेस नेतृत्व वाले महा विकास अघाड़ी के नेताओं ने आपसी तालमेल बनाए रखने की कवायद शुरू कर दी है…. बता दें कि महाराष्ट्र चुनाव को लेकर आए तमाम एग्जिट पोल में बीजेपी के अगुवाई वाले महायुति की सरकार बनाने की संभावना जताई गई है….. लेकिन महाविकास अघाड़ी के नेताओं ने सभी एग्जित पोल के दावे को खारिज कर दिया है…. महाविकास अघाड़ी का दावा है… कि राज्य में सत्ता परिवर्तन अटल है…. महाविकास आघाड़ी की सरकार बनने जा रही है…. महा विकास अघाड़ी के प्रमुख नेताओं ने गुरुवार को मुंबई में बैठक आयोजित कर महामंथन किया….. जिसमें सरकार बनाने और विधायकों को एकजुट रखने की रणनीति की चर्चा हुई…..
महाविकास अघाड़ी ने मुंबई के ग्रांड हयात होटल में गुरुवार देर शाम तीन घटक दलों के प्रमुख नेताओं की बैठक हुई है…. इस बैठक में कांग्रेस के बालासाहेब थोराट और सतेज पाटिल, शिवसेना (यूबीटी) की तरफ से सांसद संजय राउत, अनिल देसाई और एनसीपी (एस) के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल शामिल थे…. ढाई घंटे तक चली बैठक के बाद महाविकास अघाड़ी के ये सभी नेता एक साथ शरद पवार से मिलने उनके सिल्वर ओक बंगले पर पहुंचे…. इसके बाद निकल कर उद्धव ठाकरे से मातोश्री जाकर मुलाकात कर बैठक की जानकारी को शेयर किया…. जानकारी के मुताबिक महाविकास अघाड़ी के प्रमुख नेताओं ने बैठक कर सरकार बनाने की रणनीति…. और विधायकों को संभालने पर विस्तृत चर्चा की…. इस दौरान मुख्यमंत्री कौन बनेगा इस पर भी चर्चा की गई…. साथ ही इस बात पर भी मंथन किया गया कि सरकार गठन में निर्दलीय… और बागी नेताओं की अहम भूमिका हो सकती है…. ऐसे में निर्दलीय और चुनाव लड़ने वाले बागी नेताओं के साथ संपर्क बनाने का भी प्लान बना है…. बालासाहेब थोराट और जयंत पाटिल को बागी नेताओं के साथ संपर्क बनाने के मिशन में लगाया गया है…. इतना ही नहीं महाविकास अघाड़ी के विधायक न टूट जाएं…. इसके लिए भी रणनीति बनाई गई है…. नतीजे आने के साथ ही जीतने वाले सभी विधायकों को मुंबई लाने का प्लान बनाया गया है….
हालांकि, महाविकास अघाड़ी नेताओं की बैठक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले के उस बयान के बाद हुई….. जिसमें उन्होंने कहा था कि कांग्रेस के नेतृत्व में महा विकास अघाड़ी की सरकार बनेगी…. कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरेगी और सरकार बनाएगी….. नाना पटोले के बयान पर उद्धव गुट के नेता संजय राउत ने कहा कि महा विकास अघाड़ी सरकार बनाएगी, लेकिन सीएम किसका होगा यह फैसला तीनों पार्टियां बैठकर करेंगी…. ऐसे में साफ है कि सीएम पद को लेकर महाविकास अघाड़ी नेताओं में खींचतान चल रही है…. इसके चलते ही देर शाम बैठक हुई…. ताकि आपसी मतभेद न हो… और मुख्यमंत्री पद को लेकर गठबंधन में दरार न आए…. मुंबई के ग्रांड हयात होटल में महाविकास अघाड़ी नेताओं की हुई बैठक में सीएम पद का फार्मूला तय किया गया है…. महा विकास अघाड़ी में शामिल दल में जिसके विधायक अधिक होंगे…. उसका सीएम बनेगा…. इस तरह नतीजे आने के बाद तीनों दलों के विधायक सीएम पद के लिए नेता का चयन करेंगे…. बता दें कि नाना पटोले के बयान को शरद पवार ने गंभीरता से लिया है…. और उन्होंने एमवीए नेताओं को हिदायत दी है कि जब तक चुनावी नतीजे नहीं आ जाते बयानबाजी से बचा जाए….. एक-दूसरे के खिलाफ ऐसे बयान न दिए जाएं…. जिससे कि गठबंधन में तनाव निर्माण हो… और उसका फायदा महायुति उठाए….
आपको बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल छब्बीस नवंबर को खत्म हो रहा है….. इसके चलते तेइस नवंबर को चुनाव नतीजे आने के बाद सरकार गठन के लिए सिर्फ बहत्तर घंटे का समय ही राजनीतिक दलों को मिल सकेगा…. वहीं छब्बीस नवंबर तक गठबंधन बनाने में विफल होने पर राष्ट्रपति शासन लागू हो जाएगा…. विभाजित जनादेश की संभावना बहुत ज्यादा है…. क्योंकि उन्नीस सौ नब्बे के बाद से राज्य में किसी भी एक पार्टी को स्पष्ट जनादेश नहीं मिला है….. हालांकि, राष्ट्रपति शासन लागू करने से पहले, राज्यपाल के पास सदन में अपनी बहुमत साबित करने के लिए सबसे बड़ी पार्टी को आमंत्रित करने का अधिकार है…. वहीं सरकार गठन के विकल्प पर विचार किए बिना राष्ट्रपति शासन लगाने का सवाल ही नहीं उठता…. चुनाव के नतीजे आने के बाद सरकार बनाने के लिए कई दावेदार होंगे…. ऐसे में राज्यपाल को अपने विवेक पर उनमें से किसी एक को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करना चाहिए…. और उसे एक निश्चित समयावधि के भीतर सदन में बहुमत साबित करने का निर्देश देना होगा…. ऐसे में कोई सरकार बनाने से अपने कदम पीछे खींचता है… या फिर बहुमत साबित नहीं कर पाता हैं….. तब कहीं जाकर राष्ट्रपति शासन लगाने की मंजूरी देनी होगी…. हां, एक बात जरूर है कि छब्बीस नवंबर से पहले सरकार गठन की प्रक्रिया पूरी कर लेनी होगी….
वहीं महाराष्ट्र की नई सरकार बनने से पहले अगर किसी एक पार्टी या गठबंधन को बहुमत नहीं मिली तो राज्यपाल सबसे बड़ी पार्टी या चुनाव पूर्व के गठबंधन को मौका दे सकते हैं…. यह उस पार्टी या गठबंधन पर निर्भर करता है कि वह सरकार बनाए या नहीं…. इसके अलावा अगर किसी गठबंधन के पास बहुमत है… तो उसके घटक दलों में तनातनी हो जाए तो फिर महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन का ही विकल्प बचेगा…. महायुति और महा विकास अघाड़ी दोनों ही इस बात को बखूबी समझ रही है…. ऐसे में सियासी कसरत शुरू हो गई है…. महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन न लगे इसलिए जल्द से जल्द सरकार बनाने की कवायद है… और बागी उम्मीदवारों को फिर से पार्टी में शामिल करने की रणनीति है…. महा विकास अघाड़ी के नेताओं में चल रही खटपट… और चुनावी नतीजे घोषित होने के बाद विधायक न टूटें, इसलिए उन्हें सुरक्षित स्थान पर रखने जैसे मुद्दों पर गुरुवार को हुई… बैठक में चर्चा हुई…. बहुमत नहीं मिला तो क्या प्रबंध किए जाएंगे…. इस पर भी चर्चा की गई…. और आगे के लिए रणनीति तैयार की गई है…. जिसके चलते महाविकास अघाड़ी पूरी तरह से तैयारी पूरी कर चुकी है… और सरकार बनाने जा रही है…
इसी बीच एकनाथ शिंदे की शिवसेना के विधायक संजय शिरसाट से पूछा गया कि क्या एकनाथ शिंदे दूसरी बार सीएम बनने के लिए विपक्षी शरद पवार के साथ जाएंगे….. इस पर उन्होंने कहा, जो भी निर्णय शिंदे लेंगे हम उसको मानेंगे…. हम मजबूती से उनके साथ रहेंगे…. हमें उन पर पूरा विश्वास है और यह हमेशा रहेगा…. साथ ही विधायक ने कहा कि महाराष्ट्र चुनाव के नतीजे आने के बाद एकनाथ शिंदे जिस किसी के भी साथ जाएंगे पार्टी उसको मानेगी… और उन्हीं के साथ जाएगी…. शिरसाट ने एकनाथ शिंदे का समर्थन करते हुए कहा कि एकनाथ शिंदे हमेशा सही डायरेक्शन में जाते हैं…. और पार्टी का यह ही अनुभव रहा है…. एकनाथ शिंदे साल दो हजार बाइस में उद्धव ठाकरे की शिवसेना से अलग हो गए थे… और फिर उन्होंने बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाई थी… और राज्य के सीएम बने थे…. शिरसाट उन शिवसेना विधायकों में से एक थे जो बगावत के वक्त शिंदे के साथ थे…. वहीं एकनाथ शिंदे जो भी निर्णय लेंगे हम उसको स्वीकार करेंगे….
आपको बता दें कि महाराष्ट्र में उन्नीस सौ पचासी में कांग्रेस पार्टी को बहुमत मिला था…. जब कांग्रेस ने एक सौ इकसठ सीटें जीती थीं…. तब से, सात विधानसभा चुनावों में खंडित जनादेश और गठबंधन सरकारें बनी हैं…. महाराष्ट्र में तीन बार राष्ट्रपति शासन लगाया गया है…. महाराष्ट्र में सबसे पहले साल उन्नीस सौ अस्सी में राष्ट्रपति शासन लगा…. फिर चौंतीस साल बाद यानी साल दो हजार चौदह में दूसरी बार राष्ट्रपति शासन लगा…. और तीसरी बार साल दो हजार उन्नीस में राष्ट्रपति शासन लगाना पड़ा….. जब नतीजे आने के बाद सीएम पद को लेकर शिवसेना ने बीजेपी से गठबंधन तोड़ लिया था…. राष्ट्रपति शासन जैसी स्थिति न बन सके…. इसके लिए सियासी केमिस्ट्री बनाने की कवायद शुरू हो गई है….