मौका मिला तो गठबंधन को करूंगी लीड: ममता बनर्जी

  • बोलीं- मौजूदा नेतृत्व ठीक से नहीं चला पा रहा गठबंधन

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हरियाणा-महाराष्ट्र और उपचुनावों में इंडिया के खराब प्रदर्शन को लेकर नाराजगी जताई है। उन्होंनेकहा- मैंने ‘इंडिया’ गठबंधन बनाया और गठन करवाया था। अब इसे व्यवस्थित करना, नेतृत्व करने वालों पर निर्भर है। अगर वे इसे ठीक से नहीं चला सकते, तो क्या कर सकते हैं। मैं बस यही कहूंगी कि सबको साथ लेकर चलने की जरूरत है। ममता ने कहा- मुझे मौका मिले तो मैं इस गठबंधन को लीड जरूर करूंगी। मैं बंगाल से बाहर नहीं जाना चाहती, लेकिन मैं यहीं से गठबंधन को चलाऊंगी। मैं यहां मुख्यमंत्री रहते हुए दोनों जिम्मेदारी निभा सकती हूं।
चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर की मदद लेने के सवाल पर ममता ने कहा- कुछ रणनीतिकार घर बैठे सर्वे करते हैं और बाद में सर्वे को बदल देते हैं। वे चीजों की प्लानिंग कर सकते हैं, व्यवस्थित कर सकते हैं, लेकिन वोटर्स को बूथ पर नहीं ला सकते। सिर्फ बूथ कार्यकर्ता ही गांवों और लोगों को जानते हैं, ये ही लोग चुनाव जिताते हैं। चुनावी रणनीतिकार सिर्फ आर्टिस्ट हैं, जो पैसे के बदले अपना काम करते हैं, लेकिन उनके जरिए चुनाव नहीं जीते जाते हैं। ममता बनर्जी ने कहा, पार्टी तय करेगी कि लोगों के लिए सबसे अच्छा क्या है। हमारे पास विधायक, सांसद, बूथ कार्यकर्ता हैं, यह एक संयुक्त प्रयास है। युवा पीढ़ी या अनुभवी नेताओं को प्राथमिकता देने के बारे में जारी बहस पर बनर्जी ने संतुलित दृष्टिकोण बनाए रखते हुए कहा, हर कोई महत्वपूर्ण है। आज का नवागंतुक कल का वरिष्ठ होगा।

पार्टी तय करेगी की उत्तराधिकारी कौन होगा

ममता से पार्टी में उनके उत्तराधिकारी के बारे में पूछा गया। इसके जवाब में उन्होंने कहा- टीएमसी एक अनुशासित पार्टी है। यहां कोई भी नेता अपनी शर्तें तय नहीं कर सकता। पार्टी तय करेगी कि लोगों के लिए क्या सबसे अच्छा है। हमारे पास विधायक, सांसद, बूथ कार्यकर्ता हैं, जो तय करेंगे कि मेरे बाद पार्टी कौन संभालेगा। ममता बनर्जी के करीबी नेताओं और उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी के करीबी नेताओं के बीच मतभेद की स्थिति टीएमसी में लंबे समय से देखने को मिली है। इसे लेकर ममता ने कहा- पार्टी के लिए हर कोई महत्वपूर्ण है। आज का नया चेहरा कल का अनुभवी होगा।

अभिषेक से ममता ने बनाई दूरी?

माना जा रहा है कि ममता बनर्जी ने उत्तराधिकारी को लेकर यह बयान काफी सोचने-समझने के बाद दिया है। बीजेपी लोकसभा से लेकर विधानसभा चुनाव तक जिस बात पर सबसे ज्यादा जोर देकर विपक्ष पर निशाना साधती है, वह है परिवारवाद। बीजेपी ममता बनर्जी की टीएमसी पर भी परिवारवाद वाली पार्टी बोलकर निशाना साधती है। बीजेपी के वरिष्ठ नेता इस बात पर जोर देते हैं कि उनकी पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं से चलती है जबकि कांग्रेस और टीएमसी जैसी पार्टियां परिवारवाद पर चल रही हैं।

Related Articles

Back to top button