अब तो हद हो गई योगी की बात भी नहीं सुनते अधिकारी, अफसरशाही के आगे जन-प्रतिनिधि बेबस

योगी आदित्यनाथ के खिलाफ बीजेपी के मंत्रियों और विधायकों ने मोर्चा खोल दिया है... बीजेपी के ही विधायक योगी पर जमकर हमलावर है...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः योगी आदित्यनाथ के खिलाफ बीजेपी के मंत्रियों और विधायकों ने मोर्चा खोल दिया है…. बता दें कि बीजेपी के ही विधायक योगी पर जमकर हमलावर है…. विधायकों और मंत्रियों का कहना है कि कई ऐसे काम जो हमारे सीधे अधिकारियों से कहने पर हो जाने चाहिए…. उनके लिए हमें लखनऊ जाकर मुख्यमंत्री से कहना पड़ रहा है….. अफ़सरशाही के सामने जन-प्रतिनिधि बेबस हैं….. वहीं मुख्यमंत्री से शिकायत करने पर भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है….. इसका तो यही मतलब है कि अधिकारी मुख्यमंत्री की भी नहीं सुन रहे हैं…… अधिकारियों के रवैये और हठधर्मिता से बीजेपी विधायकों में असंतोष बढ़ रहा है….. लेकिन विधायक खुलकर बोल नहीं पा रहे हैं…. और योगी सरकार की अफसरशाही के आगे बेबस नजर आ रहे हैं…. आपको बता दें कि पुलिस का भ्रष्टाचार बढ़ा है…… चारों तरफ अशांति का वातावरण है वहीं ऐसा ही लगातार चलता रहा तो आने वाले दिनों में जनता के मन में सरकार को लेकर और भी असंतोष बढ़ जाएगा….. आने वाले दिनों में जनता सरकार को लेकर विद्रोह करने पर उतर आएगी…..

दोस्तों हाल के दिनों में उत्तर प्रदेश के लोनी से विधायक नंद किशोर गुर्जर, राज्य सरकार में मंत्री आशीष पटेल, भदोही से विधायक दीनानाथ भास्कर, लखीमपुर खीरी के कई विधायकों….. और कई अन्य नेताओं ने खुलकर राज्य सरकार के अधिकारियों के ख़िलाफ़ नाराज़गी ज़ाहिर की है….. बता दें कि अफ़सर और नेताओं के बीच समन्वय में कुछ व्यवस्थाजनक ख़ामियां हैं…… अधिकारियों के जो पद सीधे जनप्रतिनिधियों के अधीन हैं…… वहां अधिकारियों को जन प्रतिनिधियों की सुननी ही चाहिए….. लेकिन ब्यूरोक्रेसी के ऐसे पद जो पूरी तरह स्वतंत्र हैं….. वहां अधिकारियों को स्वतंत्र रूप से ही काम करना चाहिए….. यही समाज, व्यवस्था और सरकार के लिए ठीक है….. आपको बता दें कि बीजेपी की सहयोगी पार्टी अपना दल (सोनेलाल) के नेता और उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री आशीष सिंह पटेल ने अफ़सरों पर खुलकर हमला बोलते हुए ये आरोप तक लगाया है कि लोकसभा चुनाव के दौरान उनकी पत्नी अनुप्रिया पटेल को चुनाव हराने की साज़िश मिर्ज़ापुर में तैनात अधिकारियों ने की थी…..

वहीं उन्होंने सोशल मीडिया पर कुछ अधिकारियों का नाम लिखकर ये आरोप लगाया कि यूपी की अफ़सरशाही के कुछ अधिकारी उन्हें नुक़सान पहुंचाने के लिए षडयंत्र कर रहे हैं….. अपना दल (कमेरावादी) की नेता और सिराथू से विधायक पल्लवी पटेल ने आशीष पटेल पर तकनीकी शिक्षा विभाग में पदोन्नति में कथित भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं….. वहीं सभी आरोपों पर आशीश पटेल ने साफ कह दिया है….. कि मैं किसी भी तरह की जांच के लिए तैयार हूं….. ये बात मैं पहले भी कई बार कह चुका हूं….. बता दें कि ये विवाद बढ़ने के बाद आशीष पटेल ने लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्याथ से मुलाक़ात भी की थी….. आशीष पटेल ने अपने अधिकारियों पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा था…… कि हमारे ख़िलाफ़ षडयंत्र लोकसभा चुनाव के समय से ही शुरू हो गया था….. ये अधिकारी किसके इशारे पर ऐसा कर रहे हैं…. यह मुझे नहीं पता है…. लेकिन हमारे खिलाफ बड़ी साजिश की जा रही है…..

ग़ाज़ियाबाद के लोनी से बीजेपी विधायक नंद किशोर गुर्जर ने खुलकर अधिकारियों पर भ्रष्टाचार में लिप्त होने….. और अपने क्षेत्र में गौकशी करवाने के आरोप लगाए हैं…… वे सार्वजनिक मंचों पर अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए बयान दे चुके हैं…. नंदकिशोर गुर्जर ने कहा कि अगर पुलिस चौकी-थाने भ्रष्टाचार का अड्डा बन जाएं…… खुलकर गौकशी हो रही हो तो क्या जन प्रतिनिधियों को चुप रहना चाहिए…… हमने माननीय मुख्यमंत्री से कुछ अधिकारियों को हटाने के लिए कहा…… लेकिन मुख्यमंत्री हमसे वादा करके भी उन्हें हटा नहीं पाए….. इसका तो यही मतलब है कि भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारी मुख्यमंत्री पर भी हावी हो गए हैं…… वहीं जन प्रतिनिधि को जनता के लिए उपलब्ध रहना होता है….. जनता के काम कराने होते हैं…… मौजूदा अफ़सरशाही के सामने हमारी नहीं चल रही है…… मैं ये बात खुलकर बोल रहा हूं…… बीजेपी के बहुत से विधायक ऐसा ही महसूस करते हैं….. लेकिन अपने निजी कारणों से बोल नहीं पा रहे हैं…… हालांकि, नंदकिशोर गुर्जर ज़ोर देकर कहते हैं कि अपनी बात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंचाने में उन्हें किसी तरह की दिक़्क़त नहीं हैं…… लेकिन वो ये भी कहते हैं कि इतना खुलकर अपनी बात कहने के बावजूद असर नहीं हो रहा है….. वहीं अगर जन प्रतिनिधि आम आदमी की सुनवाई नहीं करवा पाएंगे…… तो आगे चुनाव में नेता जनता को क्या जवाब देंगे…..

आपको बता दें कि भदोही से विधायक दीनानाथ भास्कर ने एक यूट्यूब चैनल से बात करते हुए पुलिस अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे…. और कई शीर्ष अधिकारियों का नाम लेते हुए दीनानाथ भास्कर ने दावा किया कि रिश्वत न देने पर पुलिस ने लखनऊ के अधिकारियों के इशारों पर एक अभियुक्त पर गैंगस्टर की कार्रवाई की और जेल भेज दिया…… सत्ताधारी बीजेपी के विधायक दीनानाथ भास्कर ने आरोप लगाया कि पुलिस पैसा न देने पर गैंगस्टर एक्ट लगा देती है….. हालांकि उन्होंने अपने इन आरोपों के समर्थन में कोई सबूत पेश नहीं किया है….. और न ही बीबीसी हिंदी इसकी स्वतंत्र रूप से पुष्टि करता है….. उन्होंने इस कथित भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों के नाम भी नहीं लिए….. वहीं दीनानाथ भास्कर के आरोपों पर यूपी पुलिस या सरकार के किसी प्रतिनिधि ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है…. दीनानाथ भास्कर ने भ्रष्टाचार के मौखिक आरोप तो लगाए हैं….. लेकिन उन्होंने इस संबंध में कोई लिखित शिकायत नहीं की है….. वहीं भारतीय क़ानून के तहत, भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई के विकल्प मौजूद हैं….. लेकिन उसका पालन नहीं हो रहा है…. सभी अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं…..

वहीं ये पहली बार नहीं है…. जब बीजेपी के नेताओं ने अपनी नाराज़गी ज़ाहिर की है….. लेकिन बीजेपी नेताओं और विधायको की नाराजगी का असर किसी भी बड़े नेता पर नहीं पड़ता है…. न ही कि योगी को कोई फर्क पड़ता दिखाई दे रहा है…. सरकार चुनाव और महाकुंभ में व्यस्त है…. और आलाकमान को महाकुंभ में आने का न्योता दे रही है…. ऐसे में सवाल उठता है कि सरकार का ध्यान आम जनता पर क्यों नहीं है…. अफसर आम जनता की क्यों नहीं सुन रहे है…. और आम जनता की कहीं भी सुनवाई नहीं हो रही है…. सरकार अफसर शाही पर विराम लगाने पर लगातार विफल साबित हो रही है…. चारों तरफ सरकार की उदासीनता के चलते त्राहिमाम मचा हुआ है…. युवा बेरोजगार है प्रदेश सरकार लगातार रोजगार देने में विफल साबित होती रही है…. पेपर लीक सरकार का सबसे बड़े ऐजेंडे में शामिल हो गया है…. महंगाई ने पिछले दस सालों का रिकार्ड तोड़ दिया है….. लेकिन सरकार का पूरा ध्यान मंदिर तलाश करने में लगा है…..

 

 

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