मुंबई में गुइलेन-बैरे सिंड्रोम से पहली मौत, GBS से अब तक 8 लोगों ने तोड़ा दम, फैली दहशत  

4PM न्यूज़ नेटवर्क: महाराष्ट्र में गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (GBS) बीमारी ने पांव पसार लिए हैं। मुंबई में गिलियन-बैरे सिंड्रोम से मौत का पहला मामला सामने आया है। मुंबई के एक अस्पताल में 53 वर्षीय व्यक्ति की GBS से मौत हो गई है। ऐसे में महाराष्ट्र में जीबीएस से मौत का आंकड़ा 8 पहुंच गया है। मुंबई के नायर अस्पताल में वेंटिलेटर पर 53 साल के बीएन देसाई अस्पताल में वार्ड बॉय के रूप में कार्य कर रहे थे। नायर आपताल के डीन डॉक्टर शैलेश मोहिते के अनुसार मरीज काफी दिन से बीमार थे, कई दिनों तक उनका इलाज चल रहा था। गिलियन-बैरे सिंड्रोम से मौत हो गई है। अधिकारियों ने बुधवार (12 फरवरी) को इसकी जानकारी दी।

53 वर्षीय व्यक्ति की GBS से मौत

उन्होंने कहा कि वडाला इलाके का निवासी और एक अस्पताल में वार्ड बॉय के रूप में काम करने वाला मरीज एक पखवाड़े पहले पुणे गया था। इस दौरान उसमें जीबीएस का प्रकोप देखा गया। उन्हें 23 जनवरी को यहां एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अधिकारियों ने कहा कि वह कई दिनों से गंभीर हालत में था और मंगलवार को उसकी मौत हो गई। बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) के आयुक्त और  राज्य द्वारा नियुक्त प्रशासक भूषण गगरानी ने पुष्टि की है कि यह GBS के कारण मुंबई महानगर में पहली मौत है।

मिली जानकारी के अनुसार मुंबई में जीबीएस का पहला मामला 7 फरवरी को सामने आया था, जब अंधेरी (पूर्व) की निवासी 64 वर्षीय महिला में तंत्रिका विकार का पता चला था। बता दें कि जीबीएस एक दुर्लभ स्थिति है, जिसमें व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली परिधीय तंत्रिकाओं पर हमला करती है, जिसके परिणामस्वरूप मांसपेशियों में कमजोरी, पैरों और बाहों में संवेदना शूनयता तथा निगलने या सांस लेने में समस्या होती है।

महाराष्ट्र के पुणे में रविवार (9 फरवरी) को 37 साल के व्यक्ति ने अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था, जिसके साथ ही शहर में मरने वालों का आंकड़ा बढ़ कर 7 हो गया था। इन सात मामलों में संदिग्ध और कंफर्म, दोनों केस शामिल हैं, इस बीच पुणे में संदिग्ध मरीजों की संख्या बढ़ कर 192 हो गई है, जिनमें से 21 मरीज वेंटिलेटर पर हैं,

जानिए क्या है गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (GBS)?

  • गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (GBS) न्यूरो से जुड़ी एक दुर्लभ बीमारी है।
  • जिसमें शरीर के हिस्से सुन्न पड़ने लगते हैं और मांसपेशियों में कमजोरी आ जाती है।
  •  दूषित खाना या पानी में पाया जाने वाला बैक्टीरिया ‘कैम्पिलोबैक्टर जेजुनी’ इस बीमारी का सबसे बड़ा कारण है।

 

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