संविधान के मूल स्वरूप के साथ खिलवाड़ करने संबंधी बयान पर घमासान

बीजेपी ने उठाया संसद में मुद्दा, भाजपा के आरोपों को कांग्रेस ने नकारा

मोदी सरकार ने संविधान के हर मूल्य की धज्जियां उड़ाईं : खरगे

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने संविधान के मूल स्वरूप के साथ खिलवाड़ करने संबंधी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के आरोपों को लेकर कहा कि संविधान के प्रकाशकों ने चित्रों को नहीं, संविधान के मूल्यों को तवज्जो दी थी। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि मोदी सरकार ने संविधान के हर मूल्य की धज्जियां उड़ाई हैं।
खरगे ने एक्स पर पोस्ट किया, संविधान में जो 22 चित्र हैं, वो महात्मा गांधी जी के कहने पर मशहूर चित्रकार नंदलाल बोस जी ने बनाए थे। चित्रों के साथ अद्भुत सुलेख का काम प्रेम बिहारी नारायण रायजादा जी द्वारा किया गया था, जिन्होंने भुगतान के बदले में नेहरू से पूछा था कि क्या वह पांडुलिपि में उनके नाम पर हस्ताक्षर कर सकते हैं। नेहरू जी इस पर सहमत हो गए। उनका उपनाम प्रेम पांडुलिपि के सभी पृष्ठों पर दिखाई देता है। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि संविधान हम भारत के लोग ने बनाया है। उन्होंने कहा, आम जनता की सहूलियत के लिए जिन्होंने भी संविधान की प्रतियां छापी हैं, उन्होंने सुलेख और चित्र के बजाय, उसके मूल्यों को तवज्जों दी है। यही संविधान के रचनाकार, हमारे महान पूर्वज भी चाहते थे। यही दशकों से चला आ रहा है। उन्होंने बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर के एक कथन का जिक्र किया और आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने पिछले साढ़े दस वर्षों में संविधान के हर मूल्य की धज्जियां उड़ाने का काम किया है, इसलिए लोकसभा चुनाव के दौरान जनता ने उन्हें सबक सिखाया और 400 पार से दूर रखा। खरगे ने कहा इससे पहले हमने देखा कि भरी संसद में किस तरह गृह मंत्री अमित शाह ने बाबासाहेब पर आपत्तिजनक टिपण्णी करके भारत के संविधान शिल्पी का अपमान किया था, इस देश के वंचितों का अपमान किया था।

संस्कृत पर मारन की टिप्पणी अनुचित : शिक्षा मंत्री प्रधान

शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने लोकसभा की कार्यवाही का एक साथ अनुवाद उपलब्ध कराए जाने वाली भाषाओं में संस्कृत को शामिल करने की द्रमुक सांसद दयानिधि मारन द्वारा की गई आलोचना को मंगलवार को अनुचित करार दिया और कहा कि एक भाषा को बढ़ावा देने के लिए दूसरी भाषा को कमतर करने की कोई आवश्यकता नहीं है। प्रधान ने एक्स पर कहा, संस्कृत पर दयानिधि मारन की अनुचित टिप्पणी न केवल आपत्तिजनक है, बल्कि भारत की भाषाई विरासत की बात आने पर द्रमुक के चुनिंदा आक्रोश, पाखंड और दुष्प्रचार को भी उजागर करती है। विभाजनकारी राजनीति में लिप्त होना करदाताओं के पैसे की वास्तविक बर्बादी है।

लघुचित्रों वाले एवं हस्ताक्षरित संविधान की मूल प्रति ही प्रामाणिक, इसी का  प्रकाशन हो : धनखड़

राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि संविधान निर्माताओं द्वारा हस्ताक्षरित और भारत की 5,000 साल पुरानी संस्कृति को प्रदर्शित करते 22 लघु चित्रों वाली प्रति ही संविधान की एकमात्र प्रामाणिक प्रति है और इसमें केवल संसद द्वारा संशोधन शामिल किए जा सकते हैं।उन्होंने सरकार से यह सुनिश्चित करने को भी कहा कि संविधान की प्रामाणिक प्रति का ही प्रकाशन (डिजिटल सहित) हो और इसमें किसी भी उल्लंघन को गंभीरता से लिया जाना चाहिए और कड़ी कार्वाई की जानी चाहिए। राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य राधामोहन दास अग्रवाल द्वारा इस मुद्दे को उठाए जाने के बाद सभापति ने यह व्यवस्था दी। इस पर सदन के नेता जेपी नड्डा ने सदस्यों को आश्वस्त किया कि सरकार सुनिश्चित करेगी कि मूल संविधान की प्रति ही बाजार में उपलब्ध हों। अग्रवाल ने कहा कि आज देश का आम नागरिक हो या फिर विधि शास्त्र का छात्र, अगर वह भारत के संविधान की प्रति बाजार में खरीदने जाता है तो उसे वह मूल प्रति नहीं प्राप्त होती है, जिस पर 26 जनवरी 1949 को संविधान निर्माताओं ने हस्ताक्षर किए थे। उन्होंने दावा किया कि भारत के संविधान के साथ असंवैधानिक तरीके से खिलवाड़ किया गया और इसके कुछ प्रमुख हिस्सों को निकाल दिया गया।

तृणमूल कांग्रेस  सदस्य डेरेक ओब्रायन ने भी उठाई बात

तृणमूल कांग्रेस के सदस्य डेरेक ओब्रायन ने सदन का ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा कि यहां उनके कम्प्यूटर में संविधान के 404 पन्ने हैं और इसमें भी चित्र नहीं हैं तो क्या यह भी अवैध है।

आरएसएस की विचारधारा थोप रही सरकार : मारन

द्रमुक नेता दयानिध मारन ने लोकसभा में आरोप लगाया कि आरएसएस की विचारधारा के कारण लोकसभा की कार्यवाही का संस्कृत में अनुवाद करके करदाताओं का पैसा बर्बाद किया जा रहा है, जिस पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने पलटवार करते हुए क हा कि संस्कृत भारत की मूल भाषा रही है। बिरला ने पूर्व केंद्रीय मंत्री पर निशाना साधते हुए क हा, आप कि स देश में रह रहे हैं? यह भारत है। भारत की मूल भाषा संस्कृत रही है। ।

दिल्ली में एक-दो नहीं 10 विधायकों ने पेश की मुख्यमंत्री की दावेदारी!

कर्ई नेताओं ने नड्डा से मिलकर दावा किया
पीएम मोदी के विदेश से लौटने के बाद सीएम के नाम का होगा एलान
महाराष्ट्र की तरह दिल्ली में भी सीएम पद के लिए सिर फुटव्वल

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। महाराष्ट्र फार्मूले पर लड़ा गया दिल्ली चुनाव में भी कोमोवेश मुख्यमंत्री के नाम को लेकर सिर फुटव्वल की नौबत है। दिल्ली में एक, दो नहीं बल्कि दस विधायकों ने खुद को मुख्यमंत्री के लायक बताया है और जेपी नडडा से मिलकर दावेदारी पेश की है। बीती रात विधायक विजेंद्र गुप्ता, रेखा गुप्ता, अरविंदर सिंह लवली, अजय महावर, सतीश उपाध्याय, शिखा राय, अनिल शर्मा, डॉ. अनिल गोयल, कपिल मिश्रा और कुलवंत राणा ने भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से उनके आवास पर मुलाकात की।
दिल्ली चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की जीत के बाद बीजेपी ने सरकार गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। ऐसे में बीती रात भाजपा विधायकों की जेपी नड्डा से मुलाकात को काफी अहम माना जा रहा है। इससे पहले कुछ नवनिर्वाचित विधायकों ने दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना से भी मुलाकात की। अरविंद केजरीवाल को हराने वाले नई दिल्ली के विधायक प्रवेश वर्मा, कैलाश गहलोत और अरविंदर सिंह लवली समेत जीते हुए तमाम विधायकों ने एलजी से मुलाकात की थी।
राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा विधायकों से मिलने के बाद गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात करने उनके आवास पर गये और दिल्ली के मुख्यमंत्री के नाम को लेकर गहन? विचार विमार्श किया। मिली जानकारी के मुताबिक, जल्द ही भाजपा विधायक दल की बैठक होगी, जिसमें नवनिर्वाचित विधायक विधायक दल के नेता का चयन करेंगे। 70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा के चुनाव में भाजपा को 48 सीटों पर जीत मिली है जबकि आप को 22 सीटें मिली हैं। कांग्रेस का वोट ?प्रतिशत तो बड़ा लेकिन उसका दिल्ली चुनाव में खाता नहीं खुला है।

 

बीजेपी में गुटबाजी, वे आपस में लड़ रहे : प्रियंका कक्कड़

सीएम के फैसले में देरी को लेकर आम आदमी पार्टी अब भाजपा पर तंज कस रही है। आप प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि ये बीजेपी में गुटबाजी के सीधे संकेत हैं। 10-10 के समूह में गुट एक साथ आ रहे हैं क्योंकि वे (बीजेपी) यह तय नहीं कर पा रहे हैं कि दिल्ली का सीएम कौन बनेगा। कक्कड़ ने कहा कि वे आपस में लड़ रहे हैं, लेकिन इस लड़ाई में दिल्ली के लोगों को नुकसान क्यों उठाना चाहिए? उन्होंने कहा कि हम लगातार बैठकें कर रहे हैं। अरविंद केजरीवाल संगठन से मिल रहे हैं। आज दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा और पार्टी के दिल्ली चुनाव प्रभारी बैजयंत पांडा ने पार्टी की राज्य इकाई की बैठक की अध्यक्षता की।

प्रणब मुखर्जी के बेटे अभिजीत की कांग्रेस में वापसी

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
कोलकता। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के बेटे अभिजीत मुखर्जी, जो 2021 में टीएमसी में शामिल हुए थे, कांग्रेस पार्टी में लौट आए। कांग्रेस पार्टी में औपचारिक रूप से वापसी के बाद अभिजीत ने दूसरी पार्टी में शामिल होने को गलती बताया।
गौरतलब है कि पिछले साल जून में अभिजीत ने कांग्रेस पार्टी में दोबारा शामिल होने की इच्छा जताते हुए कहा था, टीएमसी की कार्य संस्कृति कांग्रेस से बिल्कुल भी मेल नहीं खाती है। इससे पहले कांग्रेस नेता गुलाम अहमद मीर ने बताया कि वह (अभिजीत मुखर्जी) पिछले साल से नेतृत्व और राज्य पीसीसी के संपर्क में थे। आज, यह निर्णय लिया गया है कि अभिजीत मुखर्जी (प्रणब मुखर्जी के बेटे) फिर से कांग्रेस में शामिल होंगे। टीएमसी द्वारा पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव अकेले लडऩे पर कांग्रेस नेता ने कहा कि कुछ अन्य दल भी थे जिन्होंने अकेले चुनाव लड़ा था जहां हाल ही में चुनाव हुए थे। कई बार वे कहते हैं कि कांग्रेस एक बड़ी पार्टी है, इसलिए कांग्रेस को दूसरों को साथ लेना चाहिए।

ठेेकेदार है गायब, किसके खिलाफ करायें एफआईआर

जेई ने डाला आईजीआरएस इंजीनियर और ठेकेदार से मिलीभगत का आरोप
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। कैसरबाग में बालाकदर रोड पर दुरुस्त इंटरलॉकिंग उखाडक़र नई टाइल्स बिछाने के फर्जीवाड़े में इंजिनियर और ठेकेदार को बचाने का पूरा प्रयास किया गया है। फर्जीवाड़ा उजागर होने पर मेयर की नाराजगी देख जेई अरुण कुमार मेहता ने ई-एफआईआर कराए जाने का दावा किया था, लेकिन सिर्फ आईजीआरएस (जनसुनवाई समाधान) डाल अधिकारियों को गुमराह किया।
एफआईआर की जगह आईजीआरएस डालने के पीछे जेई की क्या मंशा थी इसका अभी पता नहीं चल सका है। मामला उजागर होने पर चीफ इंजीनियर ने जेई से स्पष्टीकरण मांगा है। पुलिस के मुताबिक किसी भी मामले में आरोपित अगर अज्ञात है पुलिस के ऑनलाइन पोर्टल यूपी कॉप पर ई-एफआईआर दर्ज करवाई जाती है। पोर्टल के माध्यम से एप्लिकेशन संबंधित थाने को ट्रांसफर की जाती है।दो से तीन दिन के अंदर पुलिस एफआईआर दर्ज कर जांच शुरु कर देती है। लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं किया गया। संबंधित जेई अरुण कुमार मेहता ने आईजीआरएस डालकर सिर्फ खानापूर्ति की।

विवादों से रहा है पुराना नाता

जेई अरुण मेहता पूर्व में जोन 7 में तैनात थे। तैनाती के दौरान अरुण पर भ्रष्टाचार के कई आरोप लगे। सडक़ निर्माण को लेकर लाखों रूपये गबन करने का भी आरोप लगा। इसके बाद इनका ट्रांसफर कानपुर किया गया। ऊंची पहुंच के चलते अधिकारियों ने अरुण के आगे घुटने टेक दिए और दोबारा बुलाकर फिर चार्ज दे दिया।

कैसरबाग पुलिस के मुताबिक आईजीआरएस में जांच कर ठेकेदार और इंजीनियर के बारे में पता लगाए जाने का जिक्र था। लेकिन घटना के बाद काम करने वाले ठेकेदार और मजदूर भाग गए। इसलिए किसी से भी पूछताछ नहीं की जा सकी। नगर निगम की ओर से सहयोग न मिलने की वजह से न ठेकेदार का पता चला न इंजीनियर का। इसके बाद जांच रिपोर्ट लगाकर फाइल बंद कर दी गई। – सुनील सिंह, इंस्पेक्टर कैसरबाग

जेई अरुण कुमार मेहता ने अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने का दावा किया था। उन्होंने आईजीआरएस किसके कहने पर डाला इसकी जांच की जाएगी। – – किशोरी लाल एक्सियन

ट्रंप का एक और फैसला अप्रवासी भारतीयों की बढ़ाएगा टेंशन
एच-1 बी वीजा वाले भारतीय होंगे सबसे ज्यादा प्रभावित

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। भारत के प्रधानमंत्री अमेरिका पहुंचने वाले हैं पर उनके मित्र राष्टï्रपति अपने फैसले लेना नहीं छोड़ रहे हैं जिससे भारत को नुकसान होने वाला है।
ट्रंप ने अस्थायी वीजा होल्डर के बच्चों के लिए जन्मसिद्ध नागरिकता पर प्रतिबंध लगाने का कार्यकारी आदेश दिया था, जो अप्रवासियों के लिए एक झटका था। इस आदेश से भारतीयों को ज्यादा झटका लगा था। हालांकि, कानूनी चुनौती के कारण फिलहाल इस नीति पर रोक लग गई है। लेकिन हजारों भारतीय अधर में लटक गए हैं, जो जल्द ही माता-पिता बनने वाले हैं।
जो भारतीय एच-1बी वीजा के तहत अमेरिका में काम कर रहे हैं, उनको जोर का झटका लगा है। जो जल्द माता-पिता बनने वाले हैं, उन्हें लगा था अमेरिका में जन्म लेने पर उनके बच्चे को खुद ही वहां की नागरिकता मिल जाएगी। लेकिन ट्रंप की नीति ने इस उम्मीद को खतरे में डाल दिया है।

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